नई दिल्ली: कल्की पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बृहस्पतिवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की और उन्हें उत्तर प्रदेश के सम्भल में 19 फरवरी को आयोजित होने वाले श्री कल्कि धाम शिलान्यास समारोह के लिए आमंत्रित किया. मोदी से मुलाकात करने के बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम ने एक्स (Twitter) पर पोस्ट कर कहा, 'मुझे 19 फरवरी को होने वाले श्री कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ. इसे स्वीकार करने के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी का हृदय से आभार एवं धन्यवाद.'
आचार्य प्रमोद ने कहा, "सनातन धर्म को मानने वाले करोड़ों प्रेमियों की हार्दिक अभिलाषा है कि जिस तरह से अयोध्या में श्री राम के मंदिर का काम भारत के यशस्वी और आदरणीय प्रधानमंत्री के कर कमल द्वारा हुआ है. ठीक उसी तरह भगवान कल्की नारायण के मंदिर के शिलान्यास समारोह में प्रधानमंत्री आएं और श्री कल्कि धाम का शिलान्यास करें. करोड़ों कल्की भक्तों की तरफ से भारत के प्रधानमंत्री जी को आमंत्रित करने गया था और मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं. प्रधानमंत्री ने निमंत्रण स्वीकार किया है. एक ऐसी अनुभूति है जिसे शब्दों में बयां नहीं कर सकता. पीएम मोदी का मैं आजीवन आभारी रहूंगा."
- यह भी पढ़ें- आचार्य प्रमोद कृष्णम बोले- योगी आदित्यनाथ के नाम पर आदित्य नगर रखा जाए गाजियाबाद का नाम
कृष्णम ने कहा पुराणों में लिखा है कि भगवान एक बार फिर धरती पर अवतार लेंगे. संभल की धरती पर कल्की अवतार में आएंगे. जिस धरती पर भगवान अवतार लेंगे उसे धरती पर भगवान की कृपा से भव्य धाम का निर्माण करने जा रहे हैं. श्री कल्कि धाम के शिलान्यास समारोह में प्रधानमंत्री मोदी उपस्थित रहेंगे इससे बड़ा गर्व का विषय हमारे लिए कोई और नहीं है. करोड़ो कल्की भक्तों के लिए ये खुशी का मौका है."
आचार्य प्रमोद ने ये भी कहा कि, पीएम मोदी से मुलाकात करने का मतलब ये तो नहीं है कि मैंने बीजेपी का दामन थाम लिया हो. जय श्री राम बोलना हमारे सनातन धर्म की परंपरा है. प्रधानमंत्री से ये पहली मुलाकात थी. उनसे मुलाकात के दौरान एक विशेष प्रकार की दिव्य शक्ति का एहसास हुआ. इस एहसास को शब्दों में बयां नहीं कर सकता हूं. कृष्णम ने कहा शिलान्यास समारोह कार्यक्रम के लिए वह सीएम योगी को भी व्यक्तिगत तौर पर मिलकर आमंत्रित करेंगे. 19 फरवरी को सुबह 10 बजे शिलान्यास समारोह में सभी का स्वागत है.