नई दिल्ली: डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल से संबंधित अटल बिहारी वाजपेयी आयुर्विज्ञान संस्थान के लिए रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से समर्पित भवन की आधारशिला रखी. अस्पताल में करीब 470 करोड़ रुपये की लागत से मेडिकल कॉलेज के लिए 12 मंजिला भवन तैयार किया जाएगा. इसमें छह बड़े व्याख्यान हॉल होंगे. प्रत्येक हॉल में 250 छात्र बैठ सकेंगे. इसके अलावा 1500 सीट की क्षमता वाला सभागार बनाया जाएगा. साथ ही एक हजार गाड़ियों की क्षमता वाली भूमिगत पार्किंग बनाई जाएगी.
फिलहाल संस्थान में अभी एमबीबीएस के छात्रों की कक्षाएं स्नातकोत्तर संस्थान में हो रही है. इन छात्रों के लिए लंबे समय से समर्पित भवन की मांग चल रही थी. इस मांग को देखते हुए मनोरोग विभाग की जगह पर मेडिकल कॉलेज के लिए भवन का निर्माण किया जाएगा. इस कॉलेज को अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ तैयार किया जाएगा, जिसमें एआई आधारित लेक्चर रूम, पुस्तकालय, परीक्षण कक्ष सहित अन्य आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी.
अलग भवन तैयार होने पर MBBS की बढ़ेंगी सीटें: आरएमएल अस्पताल में एमबीबीएस के लिए हर बैच में 100 सीटें हैं. यहां हर साल करीब 500 बच्चे एमबीबीएस की पढ़ाई करते हैं. मौजूदा समय में मेडिकल कॉलेज के लिए कोई जगह नहीं थी. अभी स्नातकोत्तर संस्थान में ही कक्षाएं चल रही थी. यहां पर्याप्त जगह न होने के कारण अस्पताल के विकास के लिए मास्टर प्लान तैयार किया गया. इस प्लान के तहत मनोरोग विभाग को अस्पताल में शिफ्ट करने का फैसला लिया गया है. साथ ही खाली होने वाली जगह पर मेडिकल कॉलेज बनाने का फैसला हुआ है. एमबीबीएस के लिए अलग से भवन तैयार होने के बाद छात्रों के लिए सीटों की संख्या बढ़ेगी.
माइक्रोबायोलॉजी फूड टेस्टिंग लैब का शुभारंभ: प्रधानमंत्री ने दिल्ली में पहली माइक्रोबायोलॉजी फूड टेस्टिंग लैब का भी शुभारंभ किया. दिल्ली का खाद्य सुरक्षा विभाग इसका संचालन करेगा. खाद्य वस्तुओं में मिलावट की जांच के लिए केमिकल लैब पहले से मौजूद है, लेकिन पहले माइक्रोबायोलॉजी फूड टेस्टिंग लैब नहीं होने से फंगस व बैक्टीरिया की जांच में दिक्कत आती थी.
अस्पताल को कॉलेज से जोड़ने के लिए बनेगा स्काईवॉक: मौजूदा समय में डॉक्टर को अस्पताल से कॉलेज जाने के लिए काफी घूमकर जाना पड़ता है. इससे उनका समय खराब होता है. डॉक्टरों की इस समस्या को देखते हुए अस्पताल को मेडिकल कॉलेज से स्काईवॉक से जोड़ा जाएगा. इस योजना के तहत मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के बीच में तालकटोरा रोड है. इस सड़क को पार करने के लिए स्काईवॉक बनाया जाएगा. जो सीधे अस्पताल को जोड़ेगा.
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मनोरोग विभाग मुख्य भवन में होगा शिफ्ट: मनोरोग विभाग की जगह एमबीबीएस के लिए भवन तैयार होने की स्थिति में तालकटोरा रोड के दूसरी तरफ चल रहे मनोरोग विभाग को अस्पताल के मुख्य भवन में शिफ्ट किया जाएगा. अप्रैल में अस्पताल का सुपर स्पेशलिटी ब्लॉक शुरू हो सकता है. इसके शुरू होने के बाद ओपीडी ब्लॉक में काफी जगह खाली होगी. इन खाली जगहों पर दूसरे विभागों को शिफ्ट किया जाएगा. इसमें मनोरोग को भी लाया जाएगा.