गोरखपुर: यूपी के गोरखपुर के पर्यटन विभाग को बड़ा झटका लगा है. शहर से सटे कुसम्ही जंगल के स्थानीय लोगों और पर्यटकों को जंगल सफारी इको पार्क, कैनोपी वॉक का आनंद दिलाने के पर्यटन विभाग के प्रयास को बड़ा झटका लगा है. वन विभाग की आपत्ति से यह परियोजना लटक गई है.
बता दें कि 2022 के आखिरी में पर्यटन विभाग ने शासन को करीब 20 करोड़ रुपये से इन योजनाओं को कुसम्ही जंगल के 8 हजार एकड़ क्षेत्रफल में लांच करने की बनाई थी, जो फिलहाल अधर मे लटक गई है. पर्यटन विभाग की इस योजना में जंगल सफारी और हट निर्माण के साथ लोगों को रात गुजारने की सुविधा भी मिलनी थी.
करीब 20 करोड़ रुपये इस पर खर्च कर नेपाल के चितवन और उत्तराखंड के जिम कार्बेट और मध्य प्रदेश के कान्हा नेशनल पार्क हाथी सफारी जैसा बनाने की थी, जो योजना फिलहाल खटाई में पड़ गई है, लेकिन पर्यटन विभाग के क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रविंद्र मिश्रा की माने, तो वित्तीय वर्ष 2024-25 में नए सिरे से प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जाएंगा. इससे इस योजना को अमली जामा पहनाया जा सके. इससे गोरखपुर समेत पूर्वांचल में आ रहे पर्यटक इसका भी आनंद उठा सकें.
इको टूरिज्म बोर्ड गठित होने के बाद टूरिज्म डिपार्टमेंट की निगाह प्रदेश में फैले जंगल, नदियों और झीलों पर है, जिसमें जंगल को वह विकसित करके नया टूरिस्ट स्पॉट बनाना चाह रहा है. उसी क्रम में गोरखपुर में यह योजना विभाग विकसित करने की प्लानिंग तैयार करने के साथ, किए जाने वाले कार्यों का प्रस्ताव तैयार कर लखनऊ टूरिज्म बोर्ड को भेजा था, लेकिन वन विभाग की आपत्ति की वजह से यह फिलहाल रुक गया है. इससे गोरखपुर के साथ पूर्वांचल के लोगों को घूमने- फिरने के लिए एक नया टूरिस्ट स्पॉट मिल सकेगा.
इस योजना के तहत जहां लोग हाथी सफारी, घुड़सवारी समेत वन्य जीवों से रूबरू हो सकेंगे. वहीं, जंगल में कैनोपी वॉक लगाया जाएंगा, जिससे लोग एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर रस्सी के सहारे चल सकते हैं और नेचर वॉक भी बनाने की तैयारी की जा रही है. कुसमी जंगल के विनोद वन में बांस की कुछ झोपड़ियां को भी तैयार करने का प्लान है, जिससे लोग उसमें रात गुजार सकें.
कुसम्ही जंगल का क्षेत्र गोरखपुर से कुशीनगर रोड पर ज्यादा पड़ता है. इसी रोड पर गोरखपुर एयरपोर्ट और बुद्ध से जुड़े स्थल पड़ते हैं, तो यहां से गोरखपुर के प्रसिद्ध रामगढ़ ताल की दूरी भी करीब दस किलोमीटर की है. इससे यह अनुमान लगाया गया कि यहां आने वाले पर्यटक वन क्षेत्र में जंगल सफारी और अन्य सुविधाओं के विकसित करने के बाद आकर्षित होंगे और उसका भरपूर आनंद उठाएंगे. गोरखपुर एम्स के बनने के साथ यहां मरीज के अलावा, बनारस बिहार से आने वाली ट्रेनों का भी जंगल के निकट के, गोरखपुर सिटी स्टेशन पर ठहराव हो रहा है. ऐसे में लोग खाली समय में इन पर्यटन क्षेत्र का आनंद उठा सकते हैं.
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