जयपुर. प्रदेश के स्कूलों में सूर्य नमस्कार अनिवार्य करने के मामले को लेकर एक मुस्लिम संगठनों की नाराजगी के बावजूद ज्यादातर हिस्सों में सेहत के लिए सूर्य नमस्कार का पैगाम देखने को मिला. हालांकि टोंक जिला मुख्यालय पर तस्वीर थोड़ी अलग रही. राजधानी जयपुर के अल्पसंख्यक बाहुल्य इलाकों की स्कूलों में बच्चियां हिजाब में सूर्य नमस्कार करती हुईं नजर आई .
खासतौर पर रामगंज, गंगापोल, बदनपुरा सहित बाकी जगहों की स्कूलों में विशेष आयोजन किए गए. गौरतलब है कि राजस्थान सरकार की तरफ से स्कूलों में सूर्य नमस्कार को आज से अनिवार्य किया गया है. शहर की महात्मा गांधी उच्च माध्यमिक विद्यालय की प्रिंसिपल मंजू यादव ने बताया कि सर्वधर्म समाज ने सरकार के फैसले को अपनाया है. इसकी बानगी आज के कार्यक्रम के दौरान देखने को मिली.
टोंक में दिखा मुस्लिम समाज की अपील का असर: राज्य में एक साथ साढ़े दस बजे से लेकर 11 बजे के बीच सामूहिक सूर्य नमस्कार के सरकारी आदेशों का मुस्लिम संगठनों और धार्मिक उलेमाओं के विरोध का असर टोंक में देखने को मिला. यहां गुलजार बाग के महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम सीनियर सेकेंडरी सरकारी स्कूल की प्रिंसिपल ने बताया कि कुल 818 बच्चों के नामांकन वाले स्कूल में 200 बच्चों ने कार्यक्रम में भाग लिया. वहीं जिला मुख्यालय पर अन्य मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र वाली कोठी नातमाम सीनियर सेकेंडरी सहित दूसरी स्कूलों में भी क्षमता से कम बच्चे नजर आए.
सरहदी जिले में नजर आया जोश: पाकिस्तान की सरहद से सटे बाड़मेर जिले में सूर्य सप्तमी पर राजस्थान मदरसा बोर्ड से पंजीकृत मदरसों में सामूहिक सूर्य नमस्कार किया गया. जिले के बुरहान का तला , अभे का पार , राणासर समेत दर्जनों स्थानों पर सूर्य नमस्कार का आयोजन किया गया था. जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी अमीन खान मापुरी ने इस सिलसिले में जानकारी दी. जिला मुख्यालय के मातेश्वरी विद्या मंदिर उच्च माध्यमिक विद्यालय भियाड़ में हजारों बच्चों ने मिलकर सूर्य नमस्कार किया. स्कूल प्रबंधक राजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि विद्यार्थियों ने मानव श्रृंखला से सूर्य नमस्कार की आकर्षक आकृति को पेश किया. इसी तरह जिले के अंतिम छोर पर रेतीले धोरों के बीच सबसे ऊंची पहाड़ी पर एनसीसी कैडेट्स ने योग से निरोग रहने का खास संदेश दिया.