बिलासपुर : पत्थलगांव विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के रामपुकार सिंह 255 मतों से बीजेपी की गोमती साय से हारे थे.जिसके बाद रामपुकार सिंह ने चुनाव आयोग के सामने रिकाउंटिंग का आवेदन किया था. लेकिन चुनाव आयोग ने आवेदन अस्वीकार कर दिया. जिसके बाद रामपुकार सिंह ने वीवीपैट समेत पोस्टल बैलेट काउंटिंग में भी गडबड़ी का आरोप लगाकर हाईकोर्ट में याचिका दायर किया.
गोमती साय समेत छह अन्य प्रत्याशियों से मांगा जवाब : पत्थलगांव विधानसभा से 2023 विधानसभा चुनाव में केवल 255 मतों से हार होने के बाद कांग्रेस के प्रत्याशी रामपुकार सिंह ने बीजेपी प्रत्याशी गोमती साय के निर्वाचन को चुनौती दी है. याचिका में बुधवार को जस्टिस नरेन्द्र कुमार व्यास की एकलपीठ इलेक्शन ट्रिब्यूनल ने सुनवाई हुई.जिसके बाद गोमती साय समेत सभी छह अन्य प्रत्याशियों को नोटिस जारी कर याचिका का जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं.
क्या लगाए गए हैं आरोप ? : याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव और सुदीप वर्मा ने कोर्ट को बताया कि इस चुनाव में पोस्टल बैलेट का हिसाब किताब नियमानुसार नहीं रखा गया .बड़ी संख्या में याचिकाकर्ता को मिले मत निरस्त घोषित हुए हैं. वहीं वीवीपैट का मिलान भी ईवीएम से नहीं किया गया है. मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने नोटिस जारी कर अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद 28 फरवरी को रखी है.
कोर्ट में रखा यह ग्राउंड : इस मामले में याचिकाकर्ता के रिकाउंटिंग का आवेदन भी रिटर्निंग आफिसर ने रद्द कर दिया था. अन्य सभी आवश्यक दिशा निर्देशों का उल्लंघन कर याचिकाकर्ता और उसके इलेक्शन एजेंट को बिना जानकारी दिये परिणाम घोषित किया गया.यही नहीं गोमती साय को निर्वाचित घोषित कर सर्टिफिकेट भी दे दिया गया.
गोमती साय और समर्थकों पर झूठी अफवाह फैलाने का आरोप : याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में गोमती साय और उनके चुनाव अभिकर्ता, बीजेपी के पदाधिकारियों पर खुद के खराब स्वास्थ्य की अफवाह फैलाने का भी आरोप लगाया है. जिसके कारण या तो बहुत से समर्थक वोट डालने नहीं गये या फिर उन्होंने किसी और प्रत्याशी को वोट दे दिया.
चुनावी मैदान में कौन-कौन था ? : पत्थलगांव विधानसभा चुनाव में छह प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे. इन प्रत्याशियों में राजाराम लकड़ा (आप), इनोसेंट कुजुर (बसपा), अनिल कुमार परहा (हमर राज पार्टी), नेहरू लकड़ा (जोगी कांग्रेस), रथुराम पैकरा निर्दलीय, सुनील कुमार खलखो (भा.मु.पा) चुनाव मैदान में थे.जिन्हें कुल मिलाकर 11500 से अधिक वोट मिले.वहीं नोटा को भी 3000 से अधिक वोट मिले. रामपुकार सिंह का कहना है कि खराब स्वास्थ्य की अफवाह के कारण उनके वोट किसी दूसरे प्रत्याशी को मिल गए.