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महिलाओं को 50% आरक्षण का विरोध हुआ तेज, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को लिया हिरासत में - Protest on women reservation

रीट में महिलाओं को 50% आरक्षण देने के विरोध में राजस्थान युवा शक्ति एकीकृत महासंघ ने आवाज बुलंद की. शहीद स्मारक पर बेरोजगारों के जुटने से पहले ही संघ के अध्यक्ष मनोज मीणा को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और युवाओं को वहां से खदेड़ दिया.

महिला आरक्षण पर युवाओं का विरोध
महिला आरक्षण पर युवाओं का विरोध (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 5, 2024, 5:56 PM IST

महिला आरक्षण पर युवाओं का विरोध (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. थर्ड ग्रेड टीचर भर्ती परीक्षा रीट में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने के विरोध में राजस्थान युवाशक्ति एकीकृत महासंघ की ओर से शुक्रवार को शहीद स्मारक पर धरना प्रदर्शन करते हुए विरोध दर्ज कराने का ऐलान किया था, लेकिन इस आंदोलन को उठने से पहले ही पुलिस प्रशासन ने दबाते हुए पहले मनोज मीणा को हिरासत में लिया और फिर यहां से युवा बेरोजगारों को खदेड़ दिया.

इस दौरान मनोज मीणा ने उनकी गिरफ्तारी को युवाओं का दमन बताया और युवाओं के हित में अनशन शुरू करने की बात कही. साथ ही कहा कि लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अपनी आवाज उठाने का अधिकार है, लेकिन भजनलाल सरकार उनकी आवाज दबा रही है. उन्हें ये गिरफ्तारी बहुत भारी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि अनशन के दौरान यदि उनकी मौत हो जाती है, तो इसकी जिम्मेदार भजनलाल सरकार होगी.

इसे भी पढ़ें- रीट परीक्षा पर शिक्षा मंत्री ने दिया बड़ा अपडेट, जानें क्या कहा ? - Big update on REET

इसलिए कर रहे विरोध : राजस्थान युवाशक्ति एकीकृत महासंघ का मानना है कि महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने से पुरुष अभ्यर्थियों की बेरोजगारी बढ़ जाएगी. महिलाओं का 50 प्रतिशत सीधे आरक्षण से चयन होगा. इसके अलावा सामान्य वर्ग में भी महिलाओं के चयन के रास्ते खुले हैं, बाकी अन्य रिजर्व कैटेगरी में भी महिला चयनित हो सकती है. सारे वर्गों में चयन और 50% को जोड़कर देखें, तो महिलाओं का आरक्षण बहुत अधिक हो जाएगा. इससे पुरुष अभ्यर्थियों के चयन की संभावना बहुत कम हो जाएगी और युवाओं की बरोजगारी बढ़ेगी.

पुरुष युवा बेरोजगारों का तर्क है कि साक्षरता की दर भी महिलाओं की पुरुषों से कम है. यही नहीं संख्या के हिसाब से भी महिलाओं की संख्या पुरुषों से कम है. इन सब स्थितियों को देखें तो पुरुषों को अधिक अवसर की जरूरत है, जबकि सरकार ने उल्टा महिलाओं को 50 % आरक्षण देने की घोषणा कर दी, जो गलत है. इसके विरोध में युवा सड़कों पर आंदोलनरत रहेगा.

बता दें कि मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने बीजेपी के संकल्प पत्र में किए गए वादे के तहत ये फैसला किया है. सरकार ने राजस्थान पंचायतीराज अधिनियम 1994 में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए राजस्थान में अब तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्तियों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण की घोषणा की थी. इस पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए कहा था कि बीजेपी नारी सम्मान में हमेशा अग्रणी रही है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में महिलाओं के आरक्षण को 30% से बढ़ाकर 50% किया है.

महिला आरक्षण पर युवाओं का विरोध (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. थर्ड ग्रेड टीचर भर्ती परीक्षा रीट में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने के विरोध में राजस्थान युवाशक्ति एकीकृत महासंघ की ओर से शुक्रवार को शहीद स्मारक पर धरना प्रदर्शन करते हुए विरोध दर्ज कराने का ऐलान किया था, लेकिन इस आंदोलन को उठने से पहले ही पुलिस प्रशासन ने दबाते हुए पहले मनोज मीणा को हिरासत में लिया और फिर यहां से युवा बेरोजगारों को खदेड़ दिया.

इस दौरान मनोज मीणा ने उनकी गिरफ्तारी को युवाओं का दमन बताया और युवाओं के हित में अनशन शुरू करने की बात कही. साथ ही कहा कि लोकतंत्र में हर व्यक्ति को अपनी आवाज उठाने का अधिकार है, लेकिन भजनलाल सरकार उनकी आवाज दबा रही है. उन्हें ये गिरफ्तारी बहुत भारी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि अनशन के दौरान यदि उनकी मौत हो जाती है, तो इसकी जिम्मेदार भजनलाल सरकार होगी.

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इसलिए कर रहे विरोध : राजस्थान युवाशक्ति एकीकृत महासंघ का मानना है कि महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने से पुरुष अभ्यर्थियों की बेरोजगारी बढ़ जाएगी. महिलाओं का 50 प्रतिशत सीधे आरक्षण से चयन होगा. इसके अलावा सामान्य वर्ग में भी महिलाओं के चयन के रास्ते खुले हैं, बाकी अन्य रिजर्व कैटेगरी में भी महिला चयनित हो सकती है. सारे वर्गों में चयन और 50% को जोड़कर देखें, तो महिलाओं का आरक्षण बहुत अधिक हो जाएगा. इससे पुरुष अभ्यर्थियों के चयन की संभावना बहुत कम हो जाएगी और युवाओं की बरोजगारी बढ़ेगी.

पुरुष युवा बेरोजगारों का तर्क है कि साक्षरता की दर भी महिलाओं की पुरुषों से कम है. यही नहीं संख्या के हिसाब से भी महिलाओं की संख्या पुरुषों से कम है. इन सब स्थितियों को देखें तो पुरुषों को अधिक अवसर की जरूरत है, जबकि सरकार ने उल्टा महिलाओं को 50 % आरक्षण देने की घोषणा कर दी, जो गलत है. इसके विरोध में युवा सड़कों पर आंदोलनरत रहेगा.

बता दें कि मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने बीजेपी के संकल्प पत्र में किए गए वादे के तहत ये फैसला किया है. सरकार ने राजस्थान पंचायतीराज अधिनियम 1994 में संशोधन प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए राजस्थान में अब तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्तियों में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण की घोषणा की थी. इस पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने मुख्यमंत्री को बधाई देते हुए कहा था कि बीजेपी नारी सम्मान में हमेशा अग्रणी रही है. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में महिलाओं के आरक्षण को 30% से बढ़ाकर 50% किया है.

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