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लखनऊ के इन इलाकों में गगनचुंबी इमारतें बनाने की छूट, LDA बोर्ड मीटिंग में मिली हरी झंडी - LDA board meeting - LDA BOARD MEETING

राजधानी के तेजी से विकसित हो रहे तीन इलाकों में अब गगनचुंबी इमारतों के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. एलडीए ने इसकी अनुमति दे दी है.

लखनऊ में बनेंगी गगनचुंबी इमारतें.
लखनऊ में बनेंगी गगनचुंबी इमारतें. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 13, 2024, 7:34 PM IST

लखनऊ : राजधानी के सबसे तेजी से विकसित हो रहे तीन इलाकों में जल्द ही गगनचुंबी इमारतें नजर आएंगी. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने इसकी मंजूरी दे दी है. LDA की शुक्रवार को हुई बैठक में तय किया गया है कि शहीद पथ, किसान पथ व ग्रीन काॅरिडोर के समानांतर मार्ग के दोनों ओर बहुमंजिला इमारतें बनाई जा सकेंगी. ये इमारतें मार्ग से 500-500 मीटर की दूरी पर बनाई जा सकेंगी. इसके लिए इन तीनों मुख्य मार्ग के प्रभाव क्षेत्र को टीओडी (ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवेलपमेंट ) जोन घोषित किया गया है. इससे इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट को रफ्तार मिलेगी, साथ ही रोजगार के अवसर सृजित होंगे.

लखनऊ विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष और मंडलायुक्त डाॅ. रोशन जैकब की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई प्राधिकरण बोर्ड की 182वीं बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है. गोमती नगर स्थित लखनऊ विकास प्राधिकरण भवन के पारिजात सभागार में हुई बैठक में ऐसे कई प्रस्ताव पास किए गए हैं. प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि अभी तक उक्त मार्गों पर बहुमंजिला भवन के निर्माण में 2.5 का फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) ही मिलता है. बोर्ड द्वारा टीओडी क्षेत्र का प्रस्ताव पारित किए जाने से अब इन तीनों मार्ग पर 500-500 मीटर परिधि में 4.0 और अविकसित क्षेत्र में 5.0 एफएआर अनुमन्य किया जाएगा. इससे इमारतों की ऊंचाई बढ़ जाएगी. काॅरिडोर के दोनों ओर नियोजित विकास सुनिश्चित होगा. इसके अलावा लखनऊ महायोजना-2031 में चिन्हांकित टीओडी क्षेत्र का जोनल डेवेलपमेंट प्लान व प्राधिकरण का जोनल प्लान तैयार करने के लिए कंसल्टेंट का चयन किया जाएगा. जिसके लिए आरएफपी जारी करने के प्रस्ताव को बोर्ड ने स्वीकृति दी है.

छावनी क्षेत्र से हटाया जाएगा अतिक्रमण : उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि छावनी क्षेत्र में रानी लक्ष्मी बाई मार्ग पर 18 परिवार अवैध कब्जा करके निवास कर रहे हैं. छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी ने रक्षा भूमि से अतिक्रमण हटाकर यहां के कब्जाधारियों के विस्थापन के सम्बंध में पत्र भेजा है. बोर्ड ने निर्णय लिया है कि बटलर पैलेस की तरह छावनी क्षेत्र के इन 18 अवैध अतिक्रमणकर्ताओं को विस्थापन नीति के अंतर्गत बसन्तकुंज व शारदा नगर विस्तार में निर्मित प्रधानमंत्री आवास आवंटित किया जाएगा.

डाॅ. भीमराव अंबेडकर सभागार लीज पर दिया जाएगा : कानपुर रोड योजना में स्थित डाॅ. भीमराव अंबेडकर सभागार को आउटसोर्स के माध्यम से संचालन व अनुरक्षण के लिए निजी कंपनी को लीज पर दिया जाएगा. बोर्ड द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार इस कार्य के लिए उपाध्यक्ष की स्वीकृति से आरएफपी आमंत्रित की जाएगी. सचिव विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि सभागार में 2650 सिटिंग क्षमता व 350 सिटिंग क्षमता वाले 02 ऑडिटोरियम, दो कैन्टीन व बड़ी पार्किंग है. प्राधिकरण ने मई, 2024 में लगभग दो करोड़ रुपये की लागत से सभागार में रिपेयरिंग व रेनोवेशन का कार्य कराया है. भविष्य में इसके अनुरक्षण व बिजली बिल आदि का अत्यधिक व्यय भार प्राधिकरण पर न पड़े, इसके लिए सभागार को लीज पर देकर संचालित कराया जाएगा.

गोमती नगर में विद्युत उपकेन्द्र के लिए दिए दो भूखण्ड : सचिव विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि गोमती नगर में 33/11 केवी विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण के लिए लेसा द्वारा जमीन की मांग की जा रही थी. विशेष खण्ड में 764 वर्गमीटर व विनम्र खण्ड में 1674.38 वर्गमीटर भूखण्ड विद्युत विभाग को हस्तगत करने का प्रस्ताव पारित किया है. दोनों भूखण्ड 90 वर्ष की लीज पर आवंटित किए जाएंगे.

शुल्क के रूप में जमा की जाएगी प्रतिभूति राशि : अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि 200 वर्गमीटर व इससे अधिक क्षेत्रफल के भूखण्ड पर भवन निर्माण के लिए सोलर एनर्जी संयत्र, रेन वाॅटर हार्वेस्टिंग व पौधरोपण का कार्य अनिवार्य किया गया था. व्यवस्था प्रभावी रूप से लागू हो सके, इसके लिए प्राधिकरण द्वारा भवन का मानचित्र स्वीकृत करते समय आवेदक से निर्धारित प्रतिभूति राशि एफडीआर में जमा करवाr जा रही है. इससे मानचित्र स्वीकृृति की प्रक्रिया में अधिक समय लग रहा है. साथ ही कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. प्रतिभूति राशि अब मानचित्र स्वीकृति/शमनित के समय अन्य शुल्कों के साथ प्राधिकरण कोष में जमा करवाई जा सकेगी.

इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के भूखण्डों का हो सकेगा नामांतरण : अपर सचिव ने बताया कि प्राधिकरण लखनऊ इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट की सम्पत्ति का नामांतरण नहीं किया जा रहा था. जिसमें अब नामांतरण की कार्यवाही की जा सकेगी. इसमें ट्रस्ट द्वारा पट्टे पर आवंटित ऐसे भूखण्ड, जिनमें निर्धारित वार्षिक किराये में 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करते हुए 30 वर्षों की अवधि के उपरांत 30-30 वर्षीय दो नवीनीकरण किए जाने के अधिकार पट्टाधारक को प्रदान किए गए हैं, ऐसे भूखण्डों में पट्टावधि प्रभावी होने की दशा में नामांतरण की कार्यवाही की जाएगी. इस सम्बंध में प्रस्तुत किये गये प्रस्ताव को बोर्ड द्वारा पारित किया गया है. बैठक में प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार, सचिव विवेक श्रीवास्तव, अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा, वित्त नियंत्रक दीपक सिंह, मुख्य नगर नियोजक केके गौतम, प्रभारी मुख्य अभियंता अवनीन्द्र कुमार सिंह समेत बोर्ड के सदस्य व अन्य विभागों के अधिकारी गण उपस्थित रहे.

यह भी पढ़ें : लोहिया संस्थान का स्थापना दिवस समारोह; किसी ने कोविड काल में भी कैंसर मरीजों की सेवा की तो किसी ने किया रिसर्च, 15 चिकित्सक सम्मानित - Foundation Day of Lohia Institute

लखनऊ : राजधानी के सबसे तेजी से विकसित हो रहे तीन इलाकों में जल्द ही गगनचुंबी इमारतें नजर आएंगी. लखनऊ विकास प्राधिकरण ने इसकी मंजूरी दे दी है. LDA की शुक्रवार को हुई बैठक में तय किया गया है कि शहीद पथ, किसान पथ व ग्रीन काॅरिडोर के समानांतर मार्ग के दोनों ओर बहुमंजिला इमारतें बनाई जा सकेंगी. ये इमारतें मार्ग से 500-500 मीटर की दूरी पर बनाई जा सकेंगी. इसके लिए इन तीनों मुख्य मार्ग के प्रभाव क्षेत्र को टीओडी (ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवेलपमेंट ) जोन घोषित किया गया है. इससे इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवेलपमेंट को रफ्तार मिलेगी, साथ ही रोजगार के अवसर सृजित होंगे.

लखनऊ विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष और मंडलायुक्त डाॅ. रोशन जैकब की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई प्राधिकरण बोर्ड की 182वीं बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है. गोमती नगर स्थित लखनऊ विकास प्राधिकरण भवन के पारिजात सभागार में हुई बैठक में ऐसे कई प्रस्ताव पास किए गए हैं. प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि अभी तक उक्त मार्गों पर बहुमंजिला भवन के निर्माण में 2.5 का फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) ही मिलता है. बोर्ड द्वारा टीओडी क्षेत्र का प्रस्ताव पारित किए जाने से अब इन तीनों मार्ग पर 500-500 मीटर परिधि में 4.0 और अविकसित क्षेत्र में 5.0 एफएआर अनुमन्य किया जाएगा. इससे इमारतों की ऊंचाई बढ़ जाएगी. काॅरिडोर के दोनों ओर नियोजित विकास सुनिश्चित होगा. इसके अलावा लखनऊ महायोजना-2031 में चिन्हांकित टीओडी क्षेत्र का जोनल डेवेलपमेंट प्लान व प्राधिकरण का जोनल प्लान तैयार करने के लिए कंसल्टेंट का चयन किया जाएगा. जिसके लिए आरएफपी जारी करने के प्रस्ताव को बोर्ड ने स्वीकृति दी है.

छावनी क्षेत्र से हटाया जाएगा अतिक्रमण : उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने बताया कि छावनी क्षेत्र में रानी लक्ष्मी बाई मार्ग पर 18 परिवार अवैध कब्जा करके निवास कर रहे हैं. छावनी परिषद के मुख्य अधिशासी अधिकारी ने रक्षा भूमि से अतिक्रमण हटाकर यहां के कब्जाधारियों के विस्थापन के सम्बंध में पत्र भेजा है. बोर्ड ने निर्णय लिया है कि बटलर पैलेस की तरह छावनी क्षेत्र के इन 18 अवैध अतिक्रमणकर्ताओं को विस्थापन नीति के अंतर्गत बसन्तकुंज व शारदा नगर विस्तार में निर्मित प्रधानमंत्री आवास आवंटित किया जाएगा.

डाॅ. भीमराव अंबेडकर सभागार लीज पर दिया जाएगा : कानपुर रोड योजना में स्थित डाॅ. भीमराव अंबेडकर सभागार को आउटसोर्स के माध्यम से संचालन व अनुरक्षण के लिए निजी कंपनी को लीज पर दिया जाएगा. बोर्ड द्वारा लिए गए निर्णय के अनुसार इस कार्य के लिए उपाध्यक्ष की स्वीकृति से आरएफपी आमंत्रित की जाएगी. सचिव विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि सभागार में 2650 सिटिंग क्षमता व 350 सिटिंग क्षमता वाले 02 ऑडिटोरियम, दो कैन्टीन व बड़ी पार्किंग है. प्राधिकरण ने मई, 2024 में लगभग दो करोड़ रुपये की लागत से सभागार में रिपेयरिंग व रेनोवेशन का कार्य कराया है. भविष्य में इसके अनुरक्षण व बिजली बिल आदि का अत्यधिक व्यय भार प्राधिकरण पर न पड़े, इसके लिए सभागार को लीज पर देकर संचालित कराया जाएगा.

गोमती नगर में विद्युत उपकेन्द्र के लिए दिए दो भूखण्ड : सचिव विवेक श्रीवास्तव ने बताया कि गोमती नगर में 33/11 केवी विद्युत उपकेन्द्र के निर्माण के लिए लेसा द्वारा जमीन की मांग की जा रही थी. विशेष खण्ड में 764 वर्गमीटर व विनम्र खण्ड में 1674.38 वर्गमीटर भूखण्ड विद्युत विभाग को हस्तगत करने का प्रस्ताव पारित किया है. दोनों भूखण्ड 90 वर्ष की लीज पर आवंटित किए जाएंगे.

शुल्क के रूप में जमा की जाएगी प्रतिभूति राशि : अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा ने बताया कि 200 वर्गमीटर व इससे अधिक क्षेत्रफल के भूखण्ड पर भवन निर्माण के लिए सोलर एनर्जी संयत्र, रेन वाॅटर हार्वेस्टिंग व पौधरोपण का कार्य अनिवार्य किया गया था. व्यवस्था प्रभावी रूप से लागू हो सके, इसके लिए प्राधिकरण द्वारा भवन का मानचित्र स्वीकृत करते समय आवेदक से निर्धारित प्रतिभूति राशि एफडीआर में जमा करवाr जा रही है. इससे मानचित्र स्वीकृृति की प्रक्रिया में अधिक समय लग रहा है. साथ ही कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. प्रतिभूति राशि अब मानचित्र स्वीकृति/शमनित के समय अन्य शुल्कों के साथ प्राधिकरण कोष में जमा करवाई जा सकेगी.

इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के भूखण्डों का हो सकेगा नामांतरण : अपर सचिव ने बताया कि प्राधिकरण लखनऊ इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट की सम्पत्ति का नामांतरण नहीं किया जा रहा था. जिसमें अब नामांतरण की कार्यवाही की जा सकेगी. इसमें ट्रस्ट द्वारा पट्टे पर आवंटित ऐसे भूखण्ड, जिनमें निर्धारित वार्षिक किराये में 50 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी करते हुए 30 वर्षों की अवधि के उपरांत 30-30 वर्षीय दो नवीनीकरण किए जाने के अधिकार पट्टाधारक को प्रदान किए गए हैं, ऐसे भूखण्डों में पट्टावधि प्रभावी होने की दशा में नामांतरण की कार्यवाही की जाएगी. इस सम्बंध में प्रस्तुत किये गये प्रस्ताव को बोर्ड द्वारा पारित किया गया है. बैठक में प्राधिकरण के उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार, सचिव विवेक श्रीवास्तव, अपर सचिव ज्ञानेन्द्र वर्मा, वित्त नियंत्रक दीपक सिंह, मुख्य नगर नियोजक केके गौतम, प्रभारी मुख्य अभियंता अवनीन्द्र कुमार सिंह समेत बोर्ड के सदस्य व अन्य विभागों के अधिकारी गण उपस्थित रहे.

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