ETV Bharat / state

मूल निवास 1950 और भू कानून को लेकर ऋषिकेश में महारैली, हजारों की संख्या में पहुंचे लोग - Swabhiman Rally in Rishikesh

Mool Niwas 1950 And Land Law in Uttarakhand, Rishikesh Swabhiman Maharally ऋषिकेश में आज मूल निवास 1950, मजबूत भू कानून और नशे पर रोक को लेकर स्वाभिमान महारैली निकाली गई. जिसमें हजारों की संख्या में लोग उमड़े. खास बात ये थी कि महिलाएं पारंपरिक परिधान में नजर आईं.

Rishikesh Swabhiman Maharally
ऋषिकेश में स्वाभिमान महारैली (फोटो- ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 29, 2024, 2:11 PM IST

Updated : Sep 29, 2024, 7:42 PM IST

ऋषिकेश: उत्तराखंड में साल 1950 से मूल निवास और सशक्त भू कानून लागू करने की मांग ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया है. इसी के साथ राज्य में नशे की बिक्री पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है. इन्हीं मांगों को लेकर आज ऋषिकेश के आईडीपीएल हॉकी मैदान में हजारों लोग जमा हुए. जिसमें महिलाओं की संख्या बेहद ज्यादा देखने को मिली.

उत्तराखंड की पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचीं महिलाएं: खास बात ये है कि ज्यादातर महिलाएं उत्तराखंड की पारंपरिक वेशभूषा में प्रदर्शन और नारेबाजी करती हुई दिखाई दीं. प्रदर्शन के बाद हजारों लोगों ने त्रिवेणी घाट तक स्वाभिमान महारैली निकाली. यहां त्रिवेणी घाट पर लोगों ने पूजा अर्चना के बाद अपनी मांगों के संबंध में लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया. स्वाभिमान महारैली में ऋषिकेश और आसपास के थाना क्षेत्र की पुलिस सुरक्षा के लिए मौजूद रही.

ऋषिकेश स्वाभिमान महारैली में उमड़ी भीड़ (वीडियो- ETV Bharat)

महारैली में शामिल समाजसेवी कुसुम जोशी ने बताया कि जिन तीन मांगों को लेकर लगातार उत्तराखंड के लोग आवाज बुलंद कर रहे हैं, वो जायज मांगे हैं, जिन पर सरकार ध्यान देने को तैयार नहीं है. इसलिए राज्य के विभिन्न शहरों में अभी तक स्वाभिमान महारैली का आयोजन किया जा चुका है. ऋषिकेश में पहली बार महारैली निकाल कर धामी सरकार को चेताने का काम किया गया है.

Rishikesh Swabhiman Maharally
ऋषिकेश स्वाभिमान रैली में पारंपरिक परिधान में महिलाएं (फोटो- ETV Bharat)

वहीं, मनोज गुसाईं ने कहा कि साल 1950 से मूल निवास देने की मांग लंबे समय से की जा रही है. इसके अलावा उत्तराखंड के जल-जमीन-जंगलों को बचाने के लिए सशक्त भू कानून बनाने की मांग भी लगातार जारी है. राज्य में लगातार बढ़ रही नशे के प्रवृत्ति से युवा वर्ग बर्बाद हो रहा है. इसलिए नशे के खिलाफ भी यह महारैली आयोजित की गई है, जिसमें सरकार से तीनों मांगों को पूरा करने की मांग की गई है.

Rishikesh Swabhiman Maharally
स्वाभिमान महारैली में लोगों का हुजूम (फोटो- ETV Bharat)

गैर राजनीतिक रही स्वाभिमान रैली: स्वाभिमान महारैली ऋषिकेश में शामिल अन्य वक्ताओं ने कहा की जरूरत पड़ने पर उग्र आंदोलन भी अपनी मांगों को पूरा करने के लिए किया जाएगा. इन तीन मांगों को लेकर जो भी कार्यक्रम हो रहे हैं, वो सब गैर राजनीतिक हैं. जिसमें कई दलों के लोग आम नागरिक बनकर शामिल हो रहे हैं.

Rishikesh Swabhiman Maharally
पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचीं महिलाएं (फोटो- ETV Bharat)

स्वाभिमान महारैली में रही पुलिस की नजर: वहीं, सीओ संदीप नेगी ने बताया कि महारैली को लेकर आईडीपीएल से त्रिवेणी घाट तक पुलिस मौजूद रही. चप्पे-चप्पे पर असामाजिक तत्वों पर भी पुलिस ने अपनी नजर बनाए रखी. सुरक्षा के साथ महारैली का समापन कराया गया.

ये भी पढ़ें-

ऋषिकेश: उत्तराखंड में साल 1950 से मूल निवास और सशक्त भू कानून लागू करने की मांग ने जोर पकड़ना शुरू कर दिया है. इसी के साथ राज्य में नशे की बिक्री पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने की मांग की जा रही है. इन्हीं मांगों को लेकर आज ऋषिकेश के आईडीपीएल हॉकी मैदान में हजारों लोग जमा हुए. जिसमें महिलाओं की संख्या बेहद ज्यादा देखने को मिली.

उत्तराखंड की पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचीं महिलाएं: खास बात ये है कि ज्यादातर महिलाएं उत्तराखंड की पारंपरिक वेशभूषा में प्रदर्शन और नारेबाजी करती हुई दिखाई दीं. प्रदर्शन के बाद हजारों लोगों ने त्रिवेणी घाट तक स्वाभिमान महारैली निकाली. यहां त्रिवेणी घाट पर लोगों ने पूजा अर्चना के बाद अपनी मांगों के संबंध में लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया. स्वाभिमान महारैली में ऋषिकेश और आसपास के थाना क्षेत्र की पुलिस सुरक्षा के लिए मौजूद रही.

ऋषिकेश स्वाभिमान महारैली में उमड़ी भीड़ (वीडियो- ETV Bharat)

महारैली में शामिल समाजसेवी कुसुम जोशी ने बताया कि जिन तीन मांगों को लेकर लगातार उत्तराखंड के लोग आवाज बुलंद कर रहे हैं, वो जायज मांगे हैं, जिन पर सरकार ध्यान देने को तैयार नहीं है. इसलिए राज्य के विभिन्न शहरों में अभी तक स्वाभिमान महारैली का आयोजन किया जा चुका है. ऋषिकेश में पहली बार महारैली निकाल कर धामी सरकार को चेताने का काम किया गया है.

Rishikesh Swabhiman Maharally
ऋषिकेश स्वाभिमान रैली में पारंपरिक परिधान में महिलाएं (फोटो- ETV Bharat)

वहीं, मनोज गुसाईं ने कहा कि साल 1950 से मूल निवास देने की मांग लंबे समय से की जा रही है. इसके अलावा उत्तराखंड के जल-जमीन-जंगलों को बचाने के लिए सशक्त भू कानून बनाने की मांग भी लगातार जारी है. राज्य में लगातार बढ़ रही नशे के प्रवृत्ति से युवा वर्ग बर्बाद हो रहा है. इसलिए नशे के खिलाफ भी यह महारैली आयोजित की गई है, जिसमें सरकार से तीनों मांगों को पूरा करने की मांग की गई है.

Rishikesh Swabhiman Maharally
स्वाभिमान महारैली में लोगों का हुजूम (फोटो- ETV Bharat)

गैर राजनीतिक रही स्वाभिमान रैली: स्वाभिमान महारैली ऋषिकेश में शामिल अन्य वक्ताओं ने कहा की जरूरत पड़ने पर उग्र आंदोलन भी अपनी मांगों को पूरा करने के लिए किया जाएगा. इन तीन मांगों को लेकर जो भी कार्यक्रम हो रहे हैं, वो सब गैर राजनीतिक हैं. जिसमें कई दलों के लोग आम नागरिक बनकर शामिल हो रहे हैं.

Rishikesh Swabhiman Maharally
पारंपरिक वेशभूषा में पहुंचीं महिलाएं (फोटो- ETV Bharat)

स्वाभिमान महारैली में रही पुलिस की नजर: वहीं, सीओ संदीप नेगी ने बताया कि महारैली को लेकर आईडीपीएल से त्रिवेणी घाट तक पुलिस मौजूद रही. चप्पे-चप्पे पर असामाजिक तत्वों पर भी पुलिस ने अपनी नजर बनाए रखी. सुरक्षा के साथ महारैली का समापन कराया गया.

ये भी पढ़ें-

Last Updated : Sep 29, 2024, 7:42 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.