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चरखी दादरी में अवैध खनन के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन, बोले- बंद पड़ी माइनिंग कंपनी के नाम से जारी किए जा रहे फर्जी बिल - Illegal Mining In Charkhi Dadri

Illegal Mining In Charkhi Dadri: चरखी दादरी के पिचौपा कलां गांव में अवैध माइनिंग का मामला सामने आया है. जिसे लेकर ग्रामीणों ने सरकार और प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया और माइनिंग माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

Illegal Mining In Charkhi Dadri
Illegal Mining In Charkhi Dadri (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Jun 14, 2024, 2:15 PM IST

चरखी दादरी में अवैध खनन के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन (Etv Bharat)

चरखी दादरी: पिचौपा कलां गांव में बड़े स्तर पर पहाड़ों में अवैध माइनिंग का मामला सामने आया है. ग्रामीणों ने एक माइनिंग कंपनी पर अवैध रूप से पत्थरों का दोहन कर सरकार को चूना लगाने के आरोप लगाए हैं. ग्रामीणों ने मंगलवार को पहाड़ क्षेत्र में एकत्रित होकर सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया. ग्रामीणों ने अवैध माइनिंग बंद करवाने व माइनिंग करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

चरखी दादरी में अवैध खनन: ग्रामीणों ने बताया कि पिचौपा कलां पहाड़ में एक माइनिंग कंपनी अपनी मनमानी चलकार अवैध माइनिंग कर रही है. उन्होंने कहा कि माइनिंग के दौरान पूरी तरह से अनियमितताएं बरतने के साथ फ्रॉड किया जा रहा है. उन्होंने अधिकारियों पर भी कंपनी के साथ मिलीभगत के आरोप लगाए हैं. ग्रामीणों ने कहा कि कंपनी के पास जो एरिया है. उससे कहीं अधिक एरिया में खनन किया जा रहा है.

ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन: ग्रामीणों के मुताबिक कंपनी के सालाना खनन की जो क्षमता थी. वो पूरी हो चुकी है. जिसके चलते यहां से खनन नहीं किया जा सकता, लेकिन फर्जी तरीके से बिल काटकर यहां से खनन जारी है. लगातार हो रहे अवैध खनन के कारण भूमिगत पानी भी निकल चुका है, लेकिन इसके बावजूद भी खनन किया जा रहा है. ग्रामीणों ने रोष जताते हुए कहा कि वे इस संबंध में पुलिस व प्रशासन को भी अवगत करवा चुके हैं लेकिन कोई संज्ञान नहीं लिया गया है.

जान से मारने की दी जा रही धमकी: ग्रामीणों ने बताया कि अवैध रूप से किए जा रहे ब्लास्ट के कारण किसानों ने सिंचाई के लिए जो कुएं बनाए हैं. उनमें दरार आ चुकी है. भूमिगत जलस्तर लगातार गहराता चला रहा है. इस संबंध में कोई शिकायत करता है तो जान से मारने की धमकी दी जाती है. बीते दिनों सरपंच प्रतिनिधि को भी इस प्रकार की धमकी मिल चुकी है.

पिचौपा कलां गांव के संजीव कुमार ने बताया कि कंपनी के पास 11 हेक्टेयर में माइनिंग करने की लीज है, लेकिन 20 हेक्टेयर में माइनिंग की जा रही है. जो पूरी तरह से अवैध है. उन्होंने कहा कि पहाड़ से प्रतिमाह हजारों टन पत्थर का गलत तरीके से दोहन कर सरकार को प्रतिमाह करीब 15 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया जा रहा है. ग्रामीण ने आरोप लगाते हुए कहा कि पिचौपा कलां में सालाना दोहन करने की कैपेसिटी पूरी कर ली गई है, लेकिन अभी भी यहां खनन किया जा रहा है और माईकलां में बंद पड़ी कंपनी के नाम पर बिल काटे जा रहे हैं.

'शिकायत के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई': रोष जता रहे ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन द्वारा पिचौपा कलां से शीशवाला व बादल को जाने वाले लिंक मार्ग का निर्माण करवाया गया था. इस लिंक मार्ग से हरियाणा रोड़वेज की बसें भी जाती थी, लेकिन कंपनी ने करीब दो साल पहले इस मार्ग को उखाड़ दिया. वहां पर माइनिंग कर ली. जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

दादरी माइनिंग कार्यालय में तैनात खनन निरीक्षक ने कहा कि जो भी माइनिंग की जाती है. वो सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही की जाती है. अब उनके संज्ञान में मामला आया है. यदि गलत तरीके से दूसरी कंपनी के बिल काटे जा रहे हैं, तो उनकी जांच की जाएगी और जो भी उचित कार्रवाई होगी वो की जाएगी. वहीं कंपनी द्वारा रास्ता उखाड़ने की बात पर उन्होंने कहा कि मैं बीते चार साल से वहां विजिट कर रहा हूं. इस प्रकार का कोई लिंक मार्ग मैंने वहां नहीं देखा."

ये भी पढ़ें- दो सेक्टरों में पंचकूला नगर निगम का ऑफिस, नई इमारत का काम अधर में, लोग परेशान, कब होगा समाधान? - Panchkula Municipal Corporation

चरखी दादरी में अवैध खनन के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन (Etv Bharat)

चरखी दादरी: पिचौपा कलां गांव में बड़े स्तर पर पहाड़ों में अवैध माइनिंग का मामला सामने आया है. ग्रामीणों ने एक माइनिंग कंपनी पर अवैध रूप से पत्थरों का दोहन कर सरकार को चूना लगाने के आरोप लगाए हैं. ग्रामीणों ने मंगलवार को पहाड़ क्षेत्र में एकत्रित होकर सरकार व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया. ग्रामीणों ने अवैध माइनिंग बंद करवाने व माइनिंग करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है.

चरखी दादरी में अवैध खनन: ग्रामीणों ने बताया कि पिचौपा कलां पहाड़ में एक माइनिंग कंपनी अपनी मनमानी चलकार अवैध माइनिंग कर रही है. उन्होंने कहा कि माइनिंग के दौरान पूरी तरह से अनियमितताएं बरतने के साथ फ्रॉड किया जा रहा है. उन्होंने अधिकारियों पर भी कंपनी के साथ मिलीभगत के आरोप लगाए हैं. ग्रामीणों ने कहा कि कंपनी के पास जो एरिया है. उससे कहीं अधिक एरिया में खनन किया जा रहा है.

ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन: ग्रामीणों के मुताबिक कंपनी के सालाना खनन की जो क्षमता थी. वो पूरी हो चुकी है. जिसके चलते यहां से खनन नहीं किया जा सकता, लेकिन फर्जी तरीके से बिल काटकर यहां से खनन जारी है. लगातार हो रहे अवैध खनन के कारण भूमिगत पानी भी निकल चुका है, लेकिन इसके बावजूद भी खनन किया जा रहा है. ग्रामीणों ने रोष जताते हुए कहा कि वे इस संबंध में पुलिस व प्रशासन को भी अवगत करवा चुके हैं लेकिन कोई संज्ञान नहीं लिया गया है.

जान से मारने की दी जा रही धमकी: ग्रामीणों ने बताया कि अवैध रूप से किए जा रहे ब्लास्ट के कारण किसानों ने सिंचाई के लिए जो कुएं बनाए हैं. उनमें दरार आ चुकी है. भूमिगत जलस्तर लगातार गहराता चला रहा है. इस संबंध में कोई शिकायत करता है तो जान से मारने की धमकी दी जाती है. बीते दिनों सरपंच प्रतिनिधि को भी इस प्रकार की धमकी मिल चुकी है.

पिचौपा कलां गांव के संजीव कुमार ने बताया कि कंपनी के पास 11 हेक्टेयर में माइनिंग करने की लीज है, लेकिन 20 हेक्टेयर में माइनिंग की जा रही है. जो पूरी तरह से अवैध है. उन्होंने कहा कि पहाड़ से प्रतिमाह हजारों टन पत्थर का गलत तरीके से दोहन कर सरकार को प्रतिमाह करीब 15 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया जा रहा है. ग्रामीण ने आरोप लगाते हुए कहा कि पिचौपा कलां में सालाना दोहन करने की कैपेसिटी पूरी कर ली गई है, लेकिन अभी भी यहां खनन किया जा रहा है और माईकलां में बंद पड़ी कंपनी के नाम पर बिल काटे जा रहे हैं.

'शिकायत के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई': रोष जता रहे ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन द्वारा पिचौपा कलां से शीशवाला व बादल को जाने वाले लिंक मार्ग का निर्माण करवाया गया था. इस लिंक मार्ग से हरियाणा रोड़वेज की बसें भी जाती थी, लेकिन कंपनी ने करीब दो साल पहले इस मार्ग को उखाड़ दिया. वहां पर माइनिंग कर ली. जिससे लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

दादरी माइनिंग कार्यालय में तैनात खनन निरीक्षक ने कहा कि जो भी माइनिंग की जाती है. वो सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार ही की जाती है. अब उनके संज्ञान में मामला आया है. यदि गलत तरीके से दूसरी कंपनी के बिल काटे जा रहे हैं, तो उनकी जांच की जाएगी और जो भी उचित कार्रवाई होगी वो की जाएगी. वहीं कंपनी द्वारा रास्ता उखाड़ने की बात पर उन्होंने कहा कि मैं बीते चार साल से वहां विजिट कर रहा हूं. इस प्रकार का कोई लिंक मार्ग मैंने वहां नहीं देखा."

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