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ढोल दमाऊ की मधुर लहरियों पर लोगों ने खेला भैलो, लोकगीतों पर जमकर थिरके लोग

पौड़ी में इगास पर्व को लोगों ने धूमधाम से मनाया. पर्व में युवाओं और महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया.

Pauri Igas Festival
पौड़ी में धूमधाम से मनाया गया इगास पर्व (Photo-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 13, 2024, 6:41 AM IST

पौड़ी: जिला प्रशासन व स्थानीय लोगों द्वारा पौड़ी के रामलीला मैदान में इगास पर्व को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने साल 2022 में इस पर्व को व्यापक स्तर पर मनाने का निर्णय लिया था. जिसके बाद इसे हर साल बड़े उल्लास के साथ इगास पर्व मनाया जा रहा है. उत्सव में क्षेत्रीय जनता ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया. जिसमें लोक संस्कृति की झलक देखने को मिली.

इगास का पर्व दीपावली (बग्वाल) के ठीक 11 दिन बाद मनाया जाता है. इस पर्व के दौरान "भैलो" खेल का आयोजन भी किया गया, जो उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है. भैलो खेल के माध्यम से स्थानीय निवासियों ने अपनी संस्कृति को सहेजने और बचाए रखने का संदेश दिया. पौड़ी विधायक राजकुमार पोरी ने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग करते हुए कहा कि उत्तराखंड में लोगों को लोकपर्वों के लिए जागरूकता किया जा रहा है. यही वजह है कि युवा इन लोकपर्वों के प्रति बेहद आकर्षक नजर आ रहे हैं.

इगास पर्व में लोकगीतों पर जमकर थिरके लोग (Video-ETV Bharat)

उन्होंने कहा कि यह पर्व पूरे क्षेत्र में बच्चों, युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों व प्रवासियों के लिए एक साथ उत्सव मनाने का अवसर होता है. जिसका लोग वर्षभर इंतजार करते हैं. इगास पर्व पर भैलो तैयार किए गए और नगर में भव्य उत्सव का आयोजन हुआ. इसमें समाज के हर वर्ग ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. देर रात तक चले इस उत्सव में देश के विभिन्न जगहों से दीपावली अवकाश पर घर आए प्रवासियों ने भी उत्साह के साथ भागीदारी की. इस दौरान स्थानीय महिलाएं लोकगीत पर जमकर थिरके. स्थानीय जनता ने पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करते हुए हर्षोल्लास के साथ इस पर्व को मनाया.
पढ़ें-उत्तराखंड में लोकपर्व इगास की धूम, सीएम धामी ने खेला भैलो, जानिए क्यों मनाया जाता है बग्वाल

पौड़ी: जिला प्रशासन व स्थानीय लोगों द्वारा पौड़ी के रामलीला मैदान में इगास पर्व को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने साल 2022 में इस पर्व को व्यापक स्तर पर मनाने का निर्णय लिया था. जिसके बाद इसे हर साल बड़े उल्लास के साथ इगास पर्व मनाया जा रहा है. उत्सव में क्षेत्रीय जनता ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया. जिसमें लोक संस्कृति की झलक देखने को मिली.

इगास का पर्व दीपावली (बग्वाल) के ठीक 11 दिन बाद मनाया जाता है. इस पर्व के दौरान "भैलो" खेल का आयोजन भी किया गया, जो उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है. भैलो खेल के माध्यम से स्थानीय निवासियों ने अपनी संस्कृति को सहेजने और बचाए रखने का संदेश दिया. पौड़ी विधायक राजकुमार पोरी ने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग करते हुए कहा कि उत्तराखंड में लोगों को लोकपर्वों के लिए जागरूकता किया जा रहा है. यही वजह है कि युवा इन लोकपर्वों के प्रति बेहद आकर्षक नजर आ रहे हैं.

इगास पर्व में लोकगीतों पर जमकर थिरके लोग (Video-ETV Bharat)

उन्होंने कहा कि यह पर्व पूरे क्षेत्र में बच्चों, युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों व प्रवासियों के लिए एक साथ उत्सव मनाने का अवसर होता है. जिसका लोग वर्षभर इंतजार करते हैं. इगास पर्व पर भैलो तैयार किए गए और नगर में भव्य उत्सव का आयोजन हुआ. इसमें समाज के हर वर्ग ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. देर रात तक चले इस उत्सव में देश के विभिन्न जगहों से दीपावली अवकाश पर घर आए प्रवासियों ने भी उत्साह के साथ भागीदारी की. इस दौरान स्थानीय महिलाएं लोकगीत पर जमकर थिरके. स्थानीय जनता ने पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करते हुए हर्षोल्लास के साथ इस पर्व को मनाया.
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