थराली: नगर पंचायत थराली में शामिल वार्ड नंबर 2 देवराड़ा को नगर पंचायत से हटा कर पुनः ग्राम पंचायत का दर्जा दिए जाने की मांग को लेकर ग्रामीणों ने जिलाधिकारी कार्यालय जा कर ज्ञापन सौंपा. जिसमें नगर पंचायत से देवराड़ा को नहीं हटाए जाने पर निकाय, लोकसभा एवं विधानसभा चुनावों का बहिष्कार किए जाने की चेतावनी दी है. लोगों का कहना है कि रोजगार के संसाधन ना होने से वो नगर पंचायत का कर अदा नहीं कर सकते हैं.
गौर हो कि जिलाधिकारी हिमांशु खुराना से मिले देवराड़ा के एक शिष्टमंडल ने एक ज्ञापन सौंपा. जिसमें कहा गया है कि देवराड़ा पहले एक ग्राम पंचायत थी, जिसे बिना ग्रामीणों की सहमति के ही साल 2018 में नगर पंचायत थराली में सामिल कर दिया गया. बताया कि गांव में 80 प्रतिशत लोग कृषि, पशुपालन के जरिए अपनी आजीविका चलाते हैं और आज भी चला रहे हैं. इसके अलावा पहले रोजगार गारंटी में कार्य करते आ रहे थे, जोकि नगर पंचायत में सम्मिलित होने के बाद बंद हो गया हैं. जिस कारण ग्रामीणों को रोजगार के लिए भटकना पड़ रहा है. बताया कि रोजाना के संसाधन नहीं होने एवं नगर पंचायत के द्वारा भवन टैक्स सहित अन्य टैक्स ग्रामीणों पर थोपे जा रहे हैं. टैक्स ना दिए जाने पर जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, परिवार रजिस्टर की नकल सहित अन्य दस्तावेज नहीं दिए जाते हैं. बताया कि गांव में 300 परिवार निवास करते हैं.
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लोगों का कहना है कि नगर पंचायत बनने के बाद ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं हो पाया, लेकिन ग्रामीणों पर नगर पंचायत का बोझ भारी पड़ रहा है. नगर पंचायत के गठन के समय 10 साल तक भवन कर नहीं लिए जाने की बात लोगों से कही थी. लेकिन जैसे ही भाजपा की नगर पंचायत अध्यक्ष सहित अन्य सभासद के कार्यकाल समाप्त हुआ, उसके बाद तुरंत ही नगर में 5 साल का भवन कर एक साथ वसूला जा रहा है. जिससे ग्रामीणों में खासा आक्रोश देखने को मिल रहा है. वहीं लोगों को कहना है कि अधिकांश परिवारों की माली हालत ठीक नहीं है ऐसे में वो कर नहीं दे सकते हैं.