शिमला: हिमाचल में वित्तीय संकट से जूझ रही सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार की मुश्किलें अब आने वाले समय में और बढ़ सकती हैं. डीए और छठे वेतनमान के संशोधित एरियर का भुगतान न होने से नाराज हजारों पेंशनर्स ने प्रदेश भर में जिला मुख्यालय में धरना प्रदर्शन किया और अपनी मुख्य मांगों को लेकर डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को ज्ञापन सौंपा.
इस दौरान प्रदेश की राजधानी शिमला के डीसी ऑफिस के समीप भी पेंशनर्स ने प्रदर्शन किया, जिसमें पेंशनर्स ने सुक्खू सरकार को दो टूक चेतावनी देते हुए कहा कि, 'हम नौकरी से रिटायर हुए हैं टायर्ड नहीं. प्रदेश भर में आज के सांकेतिक धरना प्रदर्शन के बाद भी अगर हमारी मांगे नहीं मानी गई तो प्रदेश भर से पेंशनर्स शिमला पहुंचकर सचिवालय का घेराव करेंगे.
पेंशनर्स के लिए जल्दी जेसीसी का गठन करने की मांग
प्रदेश भर में जिला मुख्यालय में हुए धरना प्रदर्शन के दौरान पेंशनर्स ने जल्द से जल्द जेसीसी के गठन करने की मांग रखी है. इसके अतिरिक्त जेसीसी ने डीए और छठे वेतनमान के संशोधित एरियर के जल्द भुगतान और मेडिकल बिलों सहित अन्य वित्तीय लाभ जल्द जारी करने की डिमांड रखी है. इसके बाद भी अगर सरकार की मांगों को पूरा नहीं करती है तो प्रदेश भर में पेंशनर्स सड़कों में उतर कर उग्र आंदोलन करेंगे. यही नहीं पेंशनर्स ने प्रदेश सचिवालय के घेराव किए जाने की भी चेतावनी दी है. पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष आत्मा राम शर्मा ने कहा, '23 अगस्त को पेंशनर्स एसोसिएशन राज्य कार्यकारिणी की शिमला में बैठक हुई थी. जिसमें सभी जिलों के अध्यक्ष और महासचिवों ने भी भाग लिया था. इस दौरान ये निर्णय लिया गया था कि मुख्यमंत्री 15 सितंबर तक बातचीत के लिए बुलाए और पेंशनर्स के लिए जेसीसी का गठन करें, लेकिन मुख्यमंत्री ने हमारी मांग को नहीं माना, जिसका परिणाम आज प्रदेश भर के सभी 12 जिलों में हुआ पेंशनर्स का धरना प्रदर्शन है. कांगड़ा में तो सब डिवीजन स्तर पर भी धरना प्रदर्शन हुए हैं. इस दौरान पेंशनर्स ने डीसी और एसडीएम के माध्यम से सरकार को ज्ञापन सौंपा है.'
पैसे का इंतजाम करना सरकार का काम
आत्माराम शर्मा ने मीडिया से बातचीत में कहा कि, 'पेंशनर्स उम्र के इस पड़ाव में सड़कों पर उतर कर अपना हक लेने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. केंद्र सहित अन्य राज्यों ने कर्मचारियों और पेंशनर्स को छठे वेतनमान का संशोधित एरियर का भुगतान कर दिया है, लेकिन हम अपने पैसे के लिए तरस रहे हैं. पैसे का इंतजाम करना हमारा नहीं सरकार का काम है. आज तक किसी मुख्यमंत्री ने नहीं बोला है कि मेरे पास पैसे की कमी है. अफसरशाही सरकार को गुमराह कर रही है. बड़े अधिकारी डीए की किश्त ले चुके हैं. पेंशनर्स के लिए जल्द से जल्द जेसीसी का गठन किया जाए. डीए की 12 फीसदी पेंडिंग किश्त सहित छठे वेतन आयोग का संधोधित एरियर का भुगतान किया जाए, नहीं हजारों की संख्या में जेसीसी सचिवालय का घेराव करेंगे.'
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