छिंदवाड़ा : पेंच टाइगर रिजर्व से करीब चार सौ किलोमीटर का सफर तय कर एक बाघिन छत्तीसगढ़ के अचानकमार टाइगर रिजर्व जा पहुंची. बाघिन ने करीब 400 किलोमीटर का सफर तय कर अपना नया ठिकाना बनाया है. जब वन विभाग ने जीपीएस, कैमरे व अन्य तकनीकों से जांच की तो उनके होश उड़ गए. बाघिन ने सचमुच इतनी दूरी तय की थी.
आखिरी बार 2022 में देखी गई थी बाघिन
पेंच टाईगर रिजर्व के उपसंचालक रजनीश कुमार सिंह ने बताया, '' मध्य प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व में 2022 के अखिल भारतीय बाघ आंकलन के दौरान, कर्माझिरी और घाटकोहका परिक्षेत्र में लगे कैमरों में कैप्चर हुई एक बाघिन, वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य के अचानकमार टाइगर रिजर्व में पाई गई है. भारतीय वन्यजीव संस्थान टाइगर सेल के वैज्ञानिकों ने अचानकमार टाइगर रिजर्व द्वारा उपलब्ध कराए गए बाघिन के फोटोग्राफ का मध्य भारत के विभिन्न क्षेत्रों के टाइगर के डॉटाबेस से मिलान किया. पेंच टाइगर रिजर्व की बाघिन से धारियों के मिलान के आधार पर पुष्टि की गई कि ये वही बाघिन है.''
'हैरानी के साथ हर्ष और गौरव की बात'
पेंच टाईगर रिजर्व के उपसंचालक ने आगे कहा, ''अचानकमार प्रबंधन ने चर्चा में अवगत कराया कि यह बाघिन अचानकमार टाइगर रिजर्व में 2023 शीत ऋतु के पूर्व से ही देखी जा रही है. यह खबर सभी वन्यजीव प्रेमियों के हैरानी के साथ हर्ष और गौरव का क्षण हैं, क्योंकि बाघिन लगभग 400 किमी से अधिक की दूरी तय कर अपने नए आवास में गई है. यह खोज इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि इससे आमजन को कॉरिडोर के संरक्षण की आवश्यकता एवं महत्व को समझाने में मदद मिलेगी.''
पेंच टाइगर रिजर्व में इतनी पहुंची बाघों की संख्या
फिलहाल पेंच टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 100 से ऊपर हो गई है. टाइगर रिजर्व का क्षेत्र बढ़ाने के लिए प्रबंधन लगातार प्रयास भी कर रहा है, जिसके चलते कर्माझिरी इलाके को भी अभ्यारण्य घोषित कर दिया गया है लेकिन फिर भी जंगल में इलाका छोटा होने की वजह से टाइगर अपनी टेरिटरी बढ़ाते हैं. इसी के चलते अधिकतर टाइगर अपने रिजर्व क्षेत्र से बाहर आ जाते हैं. लेकिन यह पहली बार हुआ है कि करीब 400 किलोमीटर की दूरी तय कर बाघिन ने अपना नया ठिकाना तलाश लिया है.