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पौड़ी अमित रावत डेथ केस में नपे नैनीडांडा चिकित्साधिकारी, CMO ने वापस ली जिम्मेदारी, मांगा स्पष्टीकरण - Pauri Amit Rawat Death Case - PAURI AMIT RAWAT DEATH CASE

Pauri Amit Rawat Death Case पौड़ी के अमित रावत को चार अस्पतालों से रेफर करने के मामले पर नैनीडांडा के प्रभारी चिकित्साधिकारी पर गाज गिरी है. पौड़ी सीएमओ ने उनसे प्रभाव वापस लेते हुए मामले पर स्पष्टीकरण मांगा है.

Pauri Amit Rawat Death Case
नैनीडांडा प्रभारी चिकित्साधिकारी से जिम्मेदारी वापस ली गई. (PHOTO- ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 2, 2024, 1:13 PM IST

श्रीनगरः पौड़ी जिले के विकासखंड नैनीडांडा के प्रभारी चिकित्साधिकारी को पीएचसी धुमाकोट में सेवारत डॉक्टर के दो माह से लापता होने की सूचना उच्च अधिकारियों को नहीं देना भारी पड़ गया है. मुख्य चिकित्साधिकारी पौड़ी डॉ. प्रवीण कुमार ने तत्काल प्रभाव से प्रभारी चिकित्साधिकारी का प्रभार वापस ले लिया है. साथ ही मामले में स्पष्टीकरण तलब कर जल्द संतोषजनक जवाब नहीं दिए जाने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है. उन्होंने स्वास्थ्य महानिदेशक को मामले की विस्तृत रिपोर्ट भेज दी है.

ये है पूरा मामलाः विकासखंड नैनीडांडा के देवलधर गांव निवासी गिरधर रावत का 24 वर्षीय बेटा अमित रावत कुछ दिनों पहले गांव में पूजा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गांव आया था. वह दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करता था. बीते 22 मई की रात को अमित की तबीयत खराब हो गई थी. ग्रामीण चारपाई पर रखकर उसे दो किमी की चढ़ाई चढ़कर सड़क पर लाए थे. जहां से 108 के माध्यम से अमित को उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धुमाकोट ले गए थे.

लेकिन डॉक्टर तैनात नहीं होने पर परिजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नैनीडांडा ले गए. यहां भी डॉक्टर ने उपचार के बाद अमित को सीएचसी रामनगर रेफर कर दिया. वहां सीटी स्कैन किए जाने के बाद डॉक्टरों ने मरीज को मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी रेफर किया. यहां भी डॉक्टरों ने न्यूरो फिजिशियन नहीं होने का हवाला देते हुए उसे दिल्ली रेफर कर दिया था. लेकिन दिल्ली जाते समय रास्ते में अमित ने दमतोड़ दिया था.

अमित के परिजनों ने डीएम और सीएमओ पौड़ी से मामले में कार्रवाई की मांग की थी. बताया जा रहा है कि पीएचसी धुमाकोट में डॉ. फरमान तैनात थे. लेकिन वह बिना बताए बीते 19 अप्रैल से अनुपस्थित चल रहे थे. प्रभारी चिकित्साधिकारी ने डॉक्टर के लापता होने की सूचना उच्च अधिकारियों को नहीं दी थी. अमित की मौत की घटना के बाद डॉक्टर के लापता होने की घटना सामने आई थी. सीएमओ पौड़ी ने मामले की जांच एसीएमओ डॉ. रमेश कुंवर को सौंपी थी. एसीएमओ डॉ. कुंवर ने जांच रिपोर्ट सीएमओ पौड़ी को सौंप दी है.

सीएमओ पौड़ी डॉ. प्रवीण कुमार ने बताया कि नैनीडांडा ब्लॉक के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. आशुतोष त्रिपाठी से दायित्व वापस ले लिया गया है. प्रकरण को लेकर उनका स्पष्टीकरण भी तलब किया गया है. उन्होंने बताया कि मामले की विस्तृत रिपोर्ट स्वास्थ्य महानिदेशक को भेज दी गई है. साथ ही मेडिकल कॉलेज श्रीनगर प्रशासन को दो माह से लापता डॉक्टर से वसूली की संस्तुति भेजी गई है.

ये भी पढ़ेंः पौड़ी में रेफर-रेफर के खेल में अमित रावत ने गंवाई थी जान, PHC धुमाकोट के 'गायब' डॉक्टर को नोटिस

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड के चार अस्पतालों ने पौड़ी के बीमार अमित को किया रेफर, दिल्ली ले जाते समय हो गई मौत

श्रीनगरः पौड़ी जिले के विकासखंड नैनीडांडा के प्रभारी चिकित्साधिकारी को पीएचसी धुमाकोट में सेवारत डॉक्टर के दो माह से लापता होने की सूचना उच्च अधिकारियों को नहीं देना भारी पड़ गया है. मुख्य चिकित्साधिकारी पौड़ी डॉ. प्रवीण कुमार ने तत्काल प्रभाव से प्रभारी चिकित्साधिकारी का प्रभार वापस ले लिया है. साथ ही मामले में स्पष्टीकरण तलब कर जल्द संतोषजनक जवाब नहीं दिए जाने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी है. उन्होंने स्वास्थ्य महानिदेशक को मामले की विस्तृत रिपोर्ट भेज दी है.

ये है पूरा मामलाः विकासखंड नैनीडांडा के देवलधर गांव निवासी गिरधर रावत का 24 वर्षीय बेटा अमित रावत कुछ दिनों पहले गांव में पूजा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गांव आया था. वह दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करता था. बीते 22 मई की रात को अमित की तबीयत खराब हो गई थी. ग्रामीण चारपाई पर रखकर उसे दो किमी की चढ़ाई चढ़कर सड़क पर लाए थे. जहां से 108 के माध्यम से अमित को उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र धुमाकोट ले गए थे.

लेकिन डॉक्टर तैनात नहीं होने पर परिजन उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नैनीडांडा ले गए. यहां भी डॉक्टर ने उपचार के बाद अमित को सीएचसी रामनगर रेफर कर दिया. वहां सीटी स्कैन किए जाने के बाद डॉक्टरों ने मरीज को मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी रेफर किया. यहां भी डॉक्टरों ने न्यूरो फिजिशियन नहीं होने का हवाला देते हुए उसे दिल्ली रेफर कर दिया था. लेकिन दिल्ली जाते समय रास्ते में अमित ने दमतोड़ दिया था.

अमित के परिजनों ने डीएम और सीएमओ पौड़ी से मामले में कार्रवाई की मांग की थी. बताया जा रहा है कि पीएचसी धुमाकोट में डॉ. फरमान तैनात थे. लेकिन वह बिना बताए बीते 19 अप्रैल से अनुपस्थित चल रहे थे. प्रभारी चिकित्साधिकारी ने डॉक्टर के लापता होने की सूचना उच्च अधिकारियों को नहीं दी थी. अमित की मौत की घटना के बाद डॉक्टर के लापता होने की घटना सामने आई थी. सीएमओ पौड़ी ने मामले की जांच एसीएमओ डॉ. रमेश कुंवर को सौंपी थी. एसीएमओ डॉ. कुंवर ने जांच रिपोर्ट सीएमओ पौड़ी को सौंप दी है.

सीएमओ पौड़ी डॉ. प्रवीण कुमार ने बताया कि नैनीडांडा ब्लॉक के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. आशुतोष त्रिपाठी से दायित्व वापस ले लिया गया है. प्रकरण को लेकर उनका स्पष्टीकरण भी तलब किया गया है. उन्होंने बताया कि मामले की विस्तृत रिपोर्ट स्वास्थ्य महानिदेशक को भेज दी गई है. साथ ही मेडिकल कॉलेज श्रीनगर प्रशासन को दो माह से लापता डॉक्टर से वसूली की संस्तुति भेजी गई है.

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