रायपुर : राजस्व पटवारी संघ ने संसाधन की कमी को लेकर 16 दिसंबर से प्रदेश स्तर पर ऑनलाइन कार्यों का पूरी तरह बहिष्कार कर दिया है. शासकीय व्हाट्सएप ग्रुप से भी प्रदेश भर के पटवारी लेफ्ट हो गए हैं, जिसकी वजह से राजस्व संबंधी ऑनलाइन काम प्रभावित हो रहे हैं.
पटवार संघ अपनी मांग को लेकर अड़ा : राजस्व पटवारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष भागवत कश्यप ने बताया कि पिछले कई महीने से पटवारी कार्यालय में संसाधन की कमी के संबंध में शासन प्रशासन को अवगत कराया गया है. बावजूद इसके अब तक कोई भी सुविधा पटवारियों को उपलब्ध नहीं कराई गई. जिसके चलते 16 दिसंबर से प्रदेश भर के सभी पटवारी ऑनलाइन कार्यों का बहिष्कार कर दिए हैं. इसके साथ ही सरकारी व्हाट्सएप ग्रुप से भी सभी पटवारी लेफ्ट हो चुके हैं.
सरकार को 15 दिसंबर तक पटवारी संघ ने आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए टाइमलाइन दी थी, लेकिन आज तक उन्हें संसाधन उपलब्ध नहीं कराया गया. इसलिए पटवारियों ने 16 दिसंबर से सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए ऑनलाइन कार्यों का पूरी तरह से बहिष्कार कर दिया है : भागवत कश्यप, प्रदेश अध्यक्ष, राजस्व पटवारी संघ
काले कपड़े पहनकर कर रहे काम : 9 दिसंबर से हर सोमवार को प्रदेश के सभी पटवारी अपने-अपने जिला मुख्यालय में विरोध स्वरूप काले ड्रेस कोड में काम कर रहे हैं. अपनी मांगों को लेकर पटवारी संघ कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंप चुका है. जब तक संसाधन उपलब्ध नहीं कराया जाता, तब तक हर सोमवार को काले कपड़े पहनकर शासकीय कार्यों का निर्वहन कर रहे हैं.
राजस्व से जुड़े काम प्रभावित : राजस्व पटवारी संघ का ऑनलाइन कामों से बहिष्कार के चलते प्रदेश भर में राजस्व से जुड़े काम प्रभावित हो रहा है. नामांतरण, बंटवारा, डिजिटल साइन, ऋण प्रतिवेदन, पुस्तिका में त्रुटि सुधार जैसे काम पूरी तरह से ठप पड़े हैं. राजस्व विभाग के मुताबिक, लंबित मामले 8300 से बढ़कर 8400 से अधिक पहुंच गया है. शासन के नियमानुसार, पटवारी के इस काम को नायब तहसीलदार और तहसीलदार भी जरूरत पड़ने पर कर सकते हैं. वहीं, रायपुर जिले के 40 राजस्व न्यायालय में लगभग 8400 प्रकरण लंबित हैं.
नामांतरण, खाता विभाजन और अभिलेख दुरुस्तीकरण का काम प्रभावित हुआ है. यह सभी चीजें पटवारी की आईडी पर उपलब्ध रहता है, लेकिन पटवारियों ने ऑनलाइन कार्यों का बहिष्कार कर दिया है : पवन कोसमा, तहसीलदार, रायपुर
6 महीने पहले पटवार संघ ने किया था हड़ताल : प्रदेश में 6 महीने पहले ही पटवार संघ ने अपनी मांग को लेकर हड़ताल भी किया था. राजस्व पटवारी संघ के ऑनलाइन कार्यों का बहिष्कार किए जाने से काफी काम प्रभावित हुआ है. तहसीलदार भी इस बात को दबी जुबान से स्वीकार रहे हैं. हालांकि, जरूरत पड़ने पर तहसीलदार और नायब तहसीलदार भी अपने आईडी से इन कामों को कर सकते हैं.
पटवारी संघ की 9 सूत्रीय मांग : भुईंया की समस्या को दूर करते हुए संसाधन की मांग पटवारी संघ ने की है. सीनियारिटी के आधार पर जिनकी उम्र 45 वर्ष या सेवाकाल 20 वर्ष से अधिक हो चुकी है, ऐसे पटवारियों को राजस्व निरीक्षक के पद पर सीधे प्रमोशन दिया जाए. राजस्व निरीक्षकों के कुल पदों का 50 फीसदी पद पर सीनियारिटी के आधार पर पटवारियों को प्रमोशन दिया जाना चाहिए. शासन से स्पष्ट निर्देश जारी हो कि जब तक विभागीय जांच पूर्ण ना हो जाए, तब तक किसी भी पटवारी पर प्रारंभिक एफआईआर दर्ज नहीं किया जाना चाहिए. इस प्रकार कुल 9 सूत्रीय मांगों को लेकर राजस्व पटवारी संघ ऑनलाइन कामों का बहिष्कार कर रहे हैं.