श्रीनगर: पिछले दो हफ्ते से बेस अस्पताल परिसर में डायलिसिस यूनिट बंद पड़ी हुई है. डायलिसिस केंद्र बंद होने से बेस अस्पताल में डायलिसिस कराने वाले मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यूनिट बंद होने से डायलिसिस के मरीजों में बेस अस्पताल प्रशासन को लेकर आक्रोश है. मरीजों को देहरादून ऋषिकेश के चक्कर काटने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
बेस अस्पताल में डायलिसिस यूनिट ठप: डायलिसिस कराने वाले मरीज और तीमारदारों ने बेस अस्पताल पहुंच डायलिसिस सुविधा शुरू करने की मांग को लेकर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से वार्ता की. यहां पहुंचे लोगों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए यूनिट के संचालित न होने से आने वाली परेशानियों को मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के समक्ष रखा. दरअसल बेस अस्पताल प्रशासन द्वारा डायलिसिस यूनिट में लगी 10 मशीनों की रूटीन मरम्मत किये जाने को लेकर तीन दिनों तक यूनिट बंद रखने का फैसला लिया गया था. 30 अगस्त से 1 सितंबर तक इंजीनियरों द्वारा यहां लगी मशीनों की मरम्मत की जानी थी. इसके बाद 2 सितंबर से डायलिसिस सेवा शुरू की जानी थी. लेकिन 11 सितंबर तक भी सेवा शुरू न होने से मरीजों में आक्रोश है.
डायलिसिस यूनिट ठप होने से मरीज परेशान: तीमारदार विजयश्री रतूड़ी ने कहा कि एक साथ यूनिट की सभी मशीनों का खराब हो जाना बेस अस्पताल की लापरवाही को दर्शाता है. उन्होंने कहा कि यहां डायलिसिस सेवा बंद होने से उन्हें देहरादून और दिल्ली के चक्कर काटने को मजबूर होना पड़ रहा है. विनीता पांडे ने कहा कि डायलिसिस सुविधा शुरू न होने की शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी की गई, लेकिन कोई समाधान नहीं मिला. उन्होंने कहा कि यहां डायलिसिस न होने से देहरादून के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. वाहन के किराये से लेकर रुकने व डायलिसिस की फीस के कारण आर्थिक बोझ भी बढ़ रहा है. एक बार डायलिसिस करवाने में 5000 तक का खर्च आ रहा है. विनीता पांडे ने अतिशीघ्र अस्पताल में डायलिसिस सेवा शुरू करने की मांग की.
सीएमएस से मिले तीमारदार: दूसरी तरफ मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ अजेय विक्रम द्वारा मरीजों और परिजनों को बताया गया कि तकनीकी दिक्कतों के कारण सेवा शुरू नहीं हो पाई है. उन्होंने कहा कि मरीजों को सुरक्षित और बेहतर इलाज उपलब्ध करवाना प्राथमिकता है. इसलिए यूनिट में आ रही तकनीकी गड़बड़ियों को ठीक किया जा रहा है. उनके एक सप्ताह के भीतर सेवा शुरू करने के आश्वासन के बाद आक्रोशित तीमारदार वापस लौटे.
डायलिसिस यूनिट के प्रभारी के प्रभारी ने ये बताया: बेस अस्पताल के डायलिसिस यूनिट के प्रभारी डॉक्टर केएस बुटोला ने बताया कि मशीनों की मरम्मत को लेकर आई इंजीनियरों की टीम द्वारा मरम्मत के बाद मशीनों और आरओ ठीक होने की बात कही गई. जिसके बाद यूनिट का संचालन किया गया, लेकिन 40-45 मिनट बाद मरीज को दिक्कत शुरू हो गई, जिस कारण यूनिट को अभी शुरू नहीं किया गया है. आरओ से आने वाले पानी के सैंपल को जांच के लिए दिल्ली भेजा गया है. जांच रिपोर्ट में अगर तकनीकी दिक्कतें आती हैं, तो उन्हें ठीक कर यूनिट को जल्द से जल्द शुरू कर लिया जायेगा.
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