देहरादूनः कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्क्सवादी के महासचिव सीताराम येचुरी का 72 साल की आयु में निधन हो गया. जिसके बाद उत्तराखंड में भी कम्युनिस्ट नेताओं ने उनके आकस्मिक निधन पर पार्टी का झंडा झुकाकर 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी. सीताराम येचुरी के निधन पर राज्य कार्यालय और देहरादून के जिला कार्यालय में पार्टी झंडा झुकाया गया.
भाकपा के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य समर भंडारी का कहना है कि वह (सीताराम येचुरी) देश में मेहनतकशों के संघर्ष और लोकतांत्रिक मूल्यों की लड़ाई के अप्रतिम योद्धा थे. वे छात्र जीवन में इमरजेंसी के खिलाफ और वर्तमान सरकार के खिलाफ संघर्ष करने वालों में अग्रिम पंक्ति के योद्धा रहे. उन्होंने कहा कि सीताराम येचुरी लोकतंत्र धर्मनिरपेक्षता और सांस्कृतिक विविधता जैसे मूल्यों के प्रबल पक्षधर थे. समर भंडारी ने कहा कि आज जब उनका निधन हुआ तो उनका शरीर भी जनता की भलाई के काम आएगा और मेडिकल शिक्षा और शोध के उद्देश्य के लिए येचुरी का शरीर एम्स को दान किया गया है.
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव राजेंद्र सिंह नेगी और भाकपा माले के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी का कहना है कि उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) छात्र संगठन से की. संगठन के अखिल भारतीय महामंत्री और जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष रहते हुए उन्होंने शिक्षा जगत के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया. देश और दुनिया में अपनी पार्टी की प्रतिष्ठा स्थापित करने में उनकी भूमिका को कभी नहीं बुलाया जा सकता है.
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