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परशुराम जयंती कल, जानें इस दिन पूजा का महत्व और शुभ मुहूर्त - Parshuram Jayanti 2024

Parshuram Jayanti 2024: परशुराम जयंती 10 मई को है इस दिन किस विधि से आपको पूजा आराधना करनी चाहिए, आइए जानते हैं विस्तार से...

Parshuram Jayanti 2024
Parshuram Jayanti 2024 (ETV Bharat Graphics)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 9, 2024, 3:07 PM IST

ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा से जानिए पूजा का महत्व और शुभ मुहूर्त (ETV Bharat reporter)

नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को भगवान परशुराम की जयंती मनाई जाती है. इस दिन अक्षय तृतीया भी मनाई जाती है. शास्त्रों के अनुसार, वैशाख मास की तृतीया तिथि को भगवान परशुराम का जन्म प्रदोष काल में हुआ था. भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार भी माना जाता है. शास्त्रों में भगवान परशुराम को अमर माना गया है. कहा जाता है कि वे आज भी जीवित हैं. आइए जानते हैं परशुराम जयंती का महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त...

ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा के मुताबिक, अक्षय तृतीया तिथि पर भगवान परशुराम का अवतरण हुआ था. भगवान परशुराम दीर्घजीवि हैं. सनातन धर्म में परशुराम जयंती को बहुत धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन विधि पूर्वक व्रत रखने से मोक्ष मिलता है, जो लोग निसंतान हैं वो अगर इस दिन व्रत रखते हैं तो उन्हें पुत्र की प्राप्ति होती है.

परशुराम जयंती का मुहूर्त

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि प्रारंभ: शुक्रवार, 10 मई 2024 सुबह 4:17 AM पर शुरू.

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि समाप्त: शनिवार, 11 मई 2024 सुबह 2:50 AM पर समाप्त.

संध्या पूजा मुहूर्त: शुक्रवार 10 मई 2024 की शाम 07:08 PM से रात 08:08 PM तक.

अमृत काल: शुक्रवार 10 मई 2024 की सुबह 07:44 AM से सुबह 09:15 AM तक.

कैसे करें परशुराम जयंती पर पूजा: परशुराम जयंती के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें. स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ सुथरे कपड़े पहने और सूर्य देव को अर्घ्य दें. विधि विधान से भगवान परशुराम की पूजा करें. पीले रंग के फूल और मिठाई भगवान परशुराम को अर्पित करें. पूजा की समाप्ति के बाद आरती कर परिवार की सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना करें. परशुराम जयंती के दिन दान करने का भी विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन किया गया दान कभी क्षय नहीं होता. अपने सामर्थ के अनुसार जरूरतमंदों को दान करें.

Disclaimer: खबर केवल जानकारी के लिए है. खबर में दी गई किसी भी जानकारी या मान्यता की ETV भारत पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक है.

यह भी पढ़ें- किसान आंदोलन से रेल यात्री परेशान, चिलचिलाती गर्मी में घंटों ट्रेन का इंतजार करने को मजबूर हैं लोग

ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा से जानिए पूजा का महत्व और शुभ मुहूर्त (ETV Bharat reporter)

नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को भगवान परशुराम की जयंती मनाई जाती है. इस दिन अक्षय तृतीया भी मनाई जाती है. शास्त्रों के अनुसार, वैशाख मास की तृतीया तिथि को भगवान परशुराम का जन्म प्रदोष काल में हुआ था. भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार भी माना जाता है. शास्त्रों में भगवान परशुराम को अमर माना गया है. कहा जाता है कि वे आज भी जीवित हैं. आइए जानते हैं परशुराम जयंती का महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त...

ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा के मुताबिक, अक्षय तृतीया तिथि पर भगवान परशुराम का अवतरण हुआ था. भगवान परशुराम दीर्घजीवि हैं. सनातन धर्म में परशुराम जयंती को बहुत धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन विधि पूर्वक व्रत रखने से मोक्ष मिलता है, जो लोग निसंतान हैं वो अगर इस दिन व्रत रखते हैं तो उन्हें पुत्र की प्राप्ति होती है.

परशुराम जयंती का मुहूर्त

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि प्रारंभ: शुक्रवार, 10 मई 2024 सुबह 4:17 AM पर शुरू.

वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि समाप्त: शनिवार, 11 मई 2024 सुबह 2:50 AM पर समाप्त.

संध्या पूजा मुहूर्त: शुक्रवार 10 मई 2024 की शाम 07:08 PM से रात 08:08 PM तक.

अमृत काल: शुक्रवार 10 मई 2024 की सुबह 07:44 AM से सुबह 09:15 AM तक.

कैसे करें परशुराम जयंती पर पूजा: परशुराम जयंती के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें. स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ सुथरे कपड़े पहने और सूर्य देव को अर्घ्य दें. विधि विधान से भगवान परशुराम की पूजा करें. पीले रंग के फूल और मिठाई भगवान परशुराम को अर्पित करें. पूजा की समाप्ति के बाद आरती कर परिवार की सुख समृद्धि के लिए प्रार्थना करें. परशुराम जयंती के दिन दान करने का भी विशेष महत्व बताया गया है. इस दिन किया गया दान कभी क्षय नहीं होता. अपने सामर्थ के अनुसार जरूरतमंदों को दान करें.

Disclaimer: खबर केवल जानकारी के लिए है. खबर में दी गई किसी भी जानकारी या मान्यता की ETV भारत पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना आवश्यक है.

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