नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को भगवान परशुराम की जयंती मनाई जाती है. इस दिन अक्षय तृतीया भी मनाई जाती है. शास्त्रों के अनुसार, वैशाख मास की तृतीया तिथि को भगवान परशुराम का जन्म प्रदोष काल में हुआ था. भगवान परशुराम को भगवान विष्णु का छठा अवतार भी माना जाता है. शास्त्रों में भगवान परशुराम को अमर माना गया है. कहा जाता है कि वे आज भी जीवित हैं. आइए जानते हैं परशुराम जयंती का महत्व, पूजा विधि और शुभ मुहूर्त...
ज्योतिषाचार्य शिव कुमार शर्मा के मुताबिक, अक्षय तृतीया तिथि पर भगवान परशुराम का अवतरण हुआ था. भगवान परशुराम दीर्घजीवि हैं. सनातन धर्म में परशुराम जयंती को बहुत धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है. मान्यता है कि इस दिन विधि पूर्वक व्रत रखने से मोक्ष मिलता है, जो लोग निसंतान हैं वो अगर इस दिन व्रत रखते हैं तो उन्हें पुत्र की प्राप्ति होती है.
परशुराम जयंती का मुहूर्त
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि प्रारंभ: शुक्रवार, 10 मई 2024 सुबह 4:17 AM पर शुरू.
वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि समाप्त: शनिवार, 11 मई 2024 सुबह 2:50 AM पर समाप्त.