भिवानी: हरियाणा के भिवानी यानी मिनी क्यूबा की बेटी जैस्मिन लंबोरिया का पेरिस ओलंपिक में चयन हुआ है. एशियन व कॉमनवेल्थ विजेता जेस्मिन अब अपनी कड़ी मेहनत व देसी खान-पान से ओलंपिक में गोल्ड मेडल पाने के लिए पसीना बहा रही है. वहीं, जैस्मिन के चाचा व कोच संदीप लंबोरिया का कहना है कि हमें गोल्ड मेडल आने की उम्मीद नहीं टीस है.
देशभर के 6 बॉक्सर जाएंगे पेरिस: भिवानी को मिनी क्यूबा की बॉक्सिंग जन्मभूमि माना जाता है. क्योंकि यहां के लाडले हो या लाड़ली बेटियां, वो हर बार अपने मुक्के की धमक पूरी दुनिया को सुनाते हैं. मेडल पर मेडल लाकर सात समुंदर पार देश का मान बढ़ाते हैं. देश को बॉक्सिंग में पहला ओलंपिक मेडल भी भिवानी के लाल विजेंद्र सिंह बेनीवाल ने दिया था. यही कारण है कि इस बार पेरिस में होने वाले ओलंपिक खेलों में देश भर से केवल 6 बॉक्सर जा रहे हैं.
4 बॉक्सर हरियाणा से होंगे शामिल: जिनमें से 4 हरियाणा के बॉक्सर है. 2 भिवानी के हैं. भिवानी से पेरिस जाने वाली दोनों बॉक्सर बेटियां हैं. जिनमें पहला नाम जेस्मिन लंबोरिया है. जो 57 किलोग्राम और दूसरी प्रीति पंवार है. जो 54 किलोग्राम में भारत का प्रतिनिधित्व करेगी. वहीं, बता दें कि जेस्मिन लंबोरिया देश की पहली महिला बॉक्सर है जो सेना में भर्ती हुई थी.
देसी गर्ल का देसी खाना है डाइट: सुविधाओं के अभाव के बावजूद जेस्मिन अपने बॉक्सर चाचा व कोच संदीप के साथ अब अभ्यास में जुटी हैं. हर रोज वह सुबह शाम 5-6 घंटों पसीना बहाती हैं. जैस्मिन का कहना है कि वो एशियन चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज और फिर 2022 में कॉमनवेल्थ में भी ब्रॉन्ज मेडल जीती थी. इस बार वो ओलंपिक में गोल्ड मेडल लाकर देश की झोली में डालने के लिए तैयार कर रही है. हर रोज अपनी गलतियों से सीख लेकर सुधार कर रही है. जैस्मिन का कहना है कि देसी घी, दूध, दही और चुरमा अपनी डाइट में रखती हैं. उन्होंने भारतीय बॉक्सिंग संघ व आर्मी द्वारा हर बार सहयोग करने पर आभार जताते हुए कहा कि वो ओलंपिक में गोल्ड जीतने के लिए जी जान लगा देंगी.
परिजनों व कोच को बेटी पर गर्व: वहीं, जैस्मिन के चाचा व कोच संदीप लंबोरिया ने कहा कि पेरिस जाने वाले देश के 6 में से 4 बॉक्सर हरियाणा के और उनमें दो बेटियां अकेले भिवानी की हैं. उन्होंने कहा कि देश को ओलंपिक में पहला मेडल भिवानी के बॉक्सर विजेंदर सिंह ने और फिर दो मेडल मैरी कॉम व लवलीना ने दिलाए. उन्होंने कहा कि ये तीनों मेडल ब्रॉन्ज है. ऐसे में टीस है कि हम किसी देश से किसी चीज में पीछे नहीं तो मेडल में पीछे क्यों. कोच संदीप ने बताया कि जेस्मिन देसी खानपान खाती है और कड़ी मेहनत करती है. जिसकी बदौलत इस बार ओलंपिक में गोल्ड मेडल की टीस जरूर पूरी होगी.
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