अलवर. शहर के आर आर कॉलेज में पिछले 30 दिनों से पैंथर का मूवमेंट लगातार जारी है. पैंथर रात के समय में जंगलों से निकलकर मूवमेंट करता है, इसके बाद उसकी पगमार्क के आधार पर लोकेशन कई बार कॉलेज केंपस, हनुमान मंदिर व पास के रेजिडेंशियल इलाके के पास भी मिली. लेकिन अभी तक पैंथर वनकर्मियों की पकड़ से दूर चल रहा है. वन विभाग की ओर से घने जंगल को साफ कर रास्ता भी बनाया गया, लेकिन यह प्रयास भी नाकाफी रहे. बीती रात पैंथर कॉलेज के मुख्य कैंपस में बने स्टाफ रूम के पास जा पहुंचा. जहां सुबह वनकर्मियों को पगमार्क भी मिले, साथ ही पैंथर के की हुई शिकार की कुछ अवशेष भी मिले.
वन विभाग के वनपाल भीम सिंह ने बताया कि पैंथर की मूवमेंट लगातार रात के अंधेरे में हो रही है. पैंथर अपने इलाके से बाहर निकाल कर आसपास के क्षेत्र में विचरण कर रहा है, जहां वह शिकार कर अपना पेट भरता है और वापस अपने क्षेत्र में पहुंच जाता है. सूचना मिली कि बीती रात को पैंथर का मूवमेंट कॉलेज के स्टाफ रूम के बाहर हुआ. इसके बाद वन कर्मियों की टीम ने मौके पर पहुंच कर जांच पड़ताल की, तो पैंथर के पगमार्क मिले. वहीं आसपास पैंथर के किए हुए शिकार के अवशेष भी मिले, जिससे प्रतीत होता है कि पैंथर का इस क्षेत्र में मूवमेंट रहा है. उन्होंने बताया कि वन कर्मियों की टीम लगातार पैंथर की मॉनीटरिंग कर रही है. पैंथर की कैमरा ट्रैप में भी लगातार फोटो आ रही है, जल्दी पैंथर को ट्रैप किया जाएगा.
वनपाल भीम सिंह ने बताया कि लेपर्ड दिन के समय में बाहर नहीं निकलता, रात के समय में मूवमेंट करता है. उसकी मूवमेंट लगातार पिंजरे के आसपास भी रहती है. लेकिन वह पिंजरे के अंदर शिकार के लिए नहीं पहुंचता. अधिकतर दिनों में पैंथर के पगमार्क पिंजरों के पास तक मिले हैं. दो से तीन बार पिंजरे के अंदर भी पैंथर की एक पैर का पगमार्क मिला, लेकिन शिकार में दिलचस्पी नहीं दिखाने के चलते वह पिंजरे के अंदर नहीं पहुंच रहा.
वन मंत्री में भी लिया था जायजा, दिए थे निर्देश : शहर के बीचों बीच कॉलेज परिसर में पैंथर की मूवमेंट से लगातार आसपास के लोग दहशत में है. इस दौरान 4 दिन पूर्व कालेज परिसर में वन मंत्री संजय शर्मा भी पहुंचे और उन्होंने स्थिति का जायजा लिया. संजय शर्मा ने स्थानीय लोगों से अपील की, कि कोई भी व्यक्ति घबराए नहीं, वन विभाग पूरी तत्परता से पैंथर को पकड़ने के प्रयास कर रहा है, जल्द ही उसे पड़कर संस्था के जंगलों में छोड़ा जाएगा. उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों व वनकर्मियों को दिशा निर्देश भी दिए थे.