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पंचकूला पेट एनिमल मेडिकल सेंटर में स्थापित होगी डायलिसिस यूनिट, डबल शिफ्ट में होगा पेट एनिमल का इलाज - Dialysis Unit for Pet Animal

Dialysis Unit for Pet Animal: पंचकूला में पेट एनिमल मेडिकल सेंटर (पीएएमसी) में अब डायलिसिस यूनिट स्थापित की जाएगी. इसके साथ ही पेट एनिमल के बढ़ते मामलों के मद्देनजर सेंटर में डबल शिफ्ट भी लागू की जाएगी.

पेट एनिमल के लिए डायलिसिस यूनिट
पेट एनिमल के लिए डायलिसिस यूनिट (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Aug 1, 2024, 1:35 PM IST

चंडीगढ़: पशु चिकित्सा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इसकी घोषणा एनिमल हेल्थ सोसाइटी, पंचकूला के अध्यक्ष एवं हरियाणा के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने की है.

डायलिसिस यूनिट के लिए 12 लाख का बजट स्वीकृत:
मुख्य सचिव ने चंडीगढ़ में पीएएचएस की 7वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के बाद कहा कि पीएएमसी को व्यापक पशु चिकित्सा सेवाओं के लिए जाना जाता है. यहां मौजूदा समय में प्रति माह किडनी फेलियर के 10-15 मामले आते हैं. लेकिन ट्राइसिटी में पेट एनिमल के लिए कोई डायलिसिस सुविधा नहीं है. ऐसे में नई इकाई पशु चिकित्सा सेवा में इस कमी को पूरा करेगी. काउंसिल ने डायलिसिस यूनिट की स्थापना के लिए 12 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया है.

सुबह 8 से रात 8 बजे तक खुला रहेगा पीएएमसी:
पेट एनिमल के बढ़ते मामलों को देखते हुए गवर्निंग काउंसिल ने पीएएमसी में डबल शिफ्ट भी लागू की है. मेडिकल सेंटर को अब सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक और दोपहर 2 बजे से शाम 8 बजे तक खोला रखा जाएगा. हालांकि रविवार और सरकारी अवकाश के दिनों में सेंटर सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक ही खोला जाएगा.

एक प्री-ऑपरेटिव यूनिट निर्माण को मंजूरी:
पीएएचएस ने पेट एनिमल मेडिकल सेंटर के भूतल पर एक प्री-ऑपरेटिव यूनिट के निर्माण को भी मंजूरी दी है. यहां पर प्री-एनेस्थेटिक जांच, दवा और त्वचा की तैयारी की सुविधा होगी. इसके अलावा ऑपरेशन के बाद देखभाल के लिए पेट एनिमल के मालिकों को परामर्श देने के लिए उपयुक्त वातावरण भी मिल सकेगा. यूनिट में पानी और एयर कंडीशनिंग के साथ एक सर्जिकल स्क्रब एरिया समेत कई तरह की आवश्यक सुविधाएं होंगी. इनहेलेशन एनेस्थीसिया स्थापित करने के लिए गवर्निंग काउंसिल ने सरकार से 10 लाख रुपये की विशेष अनुदान सहायता का भी अनुरोध किया है.

सॉफ्टवेयर सिस्टम अपग्रेड की योजना:
रिकॉर्ड संबंधी बंदोबस्त और संचार व्यवस्था बढ़ाने के लिए पीएएमसी ने अपने सॉफ्टवेयर सिस्टम को अपग्रेड करने की योजना बनाई है. नई प्रणाली से कैंप नोटिफिकेशन, टीकाकरण रिमाइंडर और नैदानिक रिपोर्ट तक ऑनलाइन पहुंच सहित व्यापक रोगी डाटा प्रबंधन की सुविधा मिलेगी. यह नुस्खे और दवा प्रक्रियाओं को भी सुव्यवस्थित करेगी. इसके अलावा पीएएमसी ने पेट एनिमल के मालिकों को शिक्षित करने के लिए सूचनात्मक पेट फोल्डर भी पेश किए.

पीएएमसी की उपलब्धियां:
पीएएमसी में जटिल सर्जरी और विशेष सेवाएं प्रदान की गई हैं. अप्रैल से जून 2024 तक इस सेंटर ने 6738 ओपीडी मामलों के उपचार, 87 सर्जरी और 1259 प्रयोगशाला परीक्षण समेत कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं. इसके अतिरिक्त 540 एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड जांच की गई. डॉग हॉस्टल में 37 पेट एनिमल रखे गए.

पशु नेत्र चिकित्सा इकाई की तैयारी:
बैठक में बताया गया कि लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय(लुवास) हिसार के सहयोग से पीएएमसी में एक पशु नेत्र चिकित्सा इकाई की स्थापना की जाएगी. ऑपरेशन थियेटर की मरम्मत और नवीनीकरण का काम पूरा हो चुका है, जिसमें नेत्र चिकित्सा इकाई होगी.नेत्र चिकित्सा उपकरणों की खरीद और स्थापना जल्द किए जाने की बात कही गई है. इसके अतिरिक्त पशु चिकित्सकों को लुवास, हिसार और जीएडीवीएएसयू, लुधियाना में आंखों की समस्याओं के लिए बुनियादी और उन्नत निदान और चिकित्सा में प्रशिक्षण दिलवाया गया है.

ये भी पढ़ें: रेलवे स्टेशन पर लगा ये QR कोड है कमाल, अब चुटकियों में बुक हो जाएगा रेलवे टिकट - Book Railway Ticket with QR Code

ये भी पढ़ें: चंडीगढ़ में दिखा दिल्ली वाला "सीन", बेसमेंट में रीडिंग रूम चला रहे थे कई कोचिंग संस्थान - Chandigarh Coaching Centre Notice

चंडीगढ़: पशु चिकित्सा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इसकी घोषणा एनिमल हेल्थ सोसाइटी, पंचकूला के अध्यक्ष एवं हरियाणा के मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने की है.

डायलिसिस यूनिट के लिए 12 लाख का बजट स्वीकृत:
मुख्य सचिव ने चंडीगढ़ में पीएएचएस की 7वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के बाद कहा कि पीएएमसी को व्यापक पशु चिकित्सा सेवाओं के लिए जाना जाता है. यहां मौजूदा समय में प्रति माह किडनी फेलियर के 10-15 मामले आते हैं. लेकिन ट्राइसिटी में पेट एनिमल के लिए कोई डायलिसिस सुविधा नहीं है. ऐसे में नई इकाई पशु चिकित्सा सेवा में इस कमी को पूरा करेगी. काउंसिल ने डायलिसिस यूनिट की स्थापना के लिए 12 लाख रुपये का बजट स्वीकृत किया है.

सुबह 8 से रात 8 बजे तक खुला रहेगा पीएएमसी:
पेट एनिमल के बढ़ते मामलों को देखते हुए गवर्निंग काउंसिल ने पीएएमसी में डबल शिफ्ट भी लागू की है. मेडिकल सेंटर को अब सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक और दोपहर 2 बजे से शाम 8 बजे तक खोला रखा जाएगा. हालांकि रविवार और सरकारी अवकाश के दिनों में सेंटर सुबह 10 बजे से दोपहर 1 बजे तक ही खोला जाएगा.

एक प्री-ऑपरेटिव यूनिट निर्माण को मंजूरी:
पीएएचएस ने पेट एनिमल मेडिकल सेंटर के भूतल पर एक प्री-ऑपरेटिव यूनिट के निर्माण को भी मंजूरी दी है. यहां पर प्री-एनेस्थेटिक जांच, दवा और त्वचा की तैयारी की सुविधा होगी. इसके अलावा ऑपरेशन के बाद देखभाल के लिए पेट एनिमल के मालिकों को परामर्श देने के लिए उपयुक्त वातावरण भी मिल सकेगा. यूनिट में पानी और एयर कंडीशनिंग के साथ एक सर्जिकल स्क्रब एरिया समेत कई तरह की आवश्यक सुविधाएं होंगी. इनहेलेशन एनेस्थीसिया स्थापित करने के लिए गवर्निंग काउंसिल ने सरकार से 10 लाख रुपये की विशेष अनुदान सहायता का भी अनुरोध किया है.

सॉफ्टवेयर सिस्टम अपग्रेड की योजना:
रिकॉर्ड संबंधी बंदोबस्त और संचार व्यवस्था बढ़ाने के लिए पीएएमसी ने अपने सॉफ्टवेयर सिस्टम को अपग्रेड करने की योजना बनाई है. नई प्रणाली से कैंप नोटिफिकेशन, टीकाकरण रिमाइंडर और नैदानिक रिपोर्ट तक ऑनलाइन पहुंच सहित व्यापक रोगी डाटा प्रबंधन की सुविधा मिलेगी. यह नुस्खे और दवा प्रक्रियाओं को भी सुव्यवस्थित करेगी. इसके अलावा पीएएमसी ने पेट एनिमल के मालिकों को शिक्षित करने के लिए सूचनात्मक पेट फोल्डर भी पेश किए.

पीएएमसी की उपलब्धियां:
पीएएमसी में जटिल सर्जरी और विशेष सेवाएं प्रदान की गई हैं. अप्रैल से जून 2024 तक इस सेंटर ने 6738 ओपीडी मामलों के उपचार, 87 सर्जरी और 1259 प्रयोगशाला परीक्षण समेत कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं. इसके अतिरिक्त 540 एक्स-रे और अल्ट्रासाउंड जांच की गई. डॉग हॉस्टल में 37 पेट एनिमल रखे गए.

पशु नेत्र चिकित्सा इकाई की तैयारी:
बैठक में बताया गया कि लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय(लुवास) हिसार के सहयोग से पीएएमसी में एक पशु नेत्र चिकित्सा इकाई की स्थापना की जाएगी. ऑपरेशन थियेटर की मरम्मत और नवीनीकरण का काम पूरा हो चुका है, जिसमें नेत्र चिकित्सा इकाई होगी.नेत्र चिकित्सा उपकरणों की खरीद और स्थापना जल्द किए जाने की बात कही गई है. इसके अतिरिक्त पशु चिकित्सकों को लुवास, हिसार और जीएडीवीएएसयू, लुधियाना में आंखों की समस्याओं के लिए बुनियादी और उन्नत निदान और चिकित्सा में प्रशिक्षण दिलवाया गया है.

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