बीजापुर: उसूर के एंगपल्ली ग्राम पंचायत में पिता की मौत के बाद चार भाई बहन अनाथ हो गए. जिला प्रशासन को जब इस बात की जानकारी मिली तो उसने बच्चों से मुलाकात की. पीड़ित बच्चों ने बताया कि उनके पिता की मौत के बाद से वो अनाथ हो गए हैं. परिवार के पास आय का कोई साधन भी नहीं बचा. परिवार की तकलीफ देखकर जिला प्रशासन ने बड़ा फैसला लिया. बड़े अफसरों ने तत्काल परिवार को पीएम आवास योजना के तहत मकान देने का वादा किया. शनिवार को जिला प्रशासन ने अनाथ बच्चों को पीएम आवास की चाबी सौंपी.
बच्चों ने जिला प्रशासन को कहा थैंक्यू: जिला पंचायत सीईओ हेमंत रमेश नंदवार के मुताबिक ''परिवार के मुखिया की मौत बीते दिनों हो गई थी. पिता की मौत के बाद से बच्चों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. गांव वालों के जरिए इस बात की सूचना मिली थी.'' जिला पंचायत सीईओ खुद अनाथ बच्चों से मिलने उनके घर पहुंचे. अनाथ भाई बहनों ने उनसे गुजारिश करते कहा कि उनको पीएम आवास का मकान दिलाया जाए. बच्चों को जिला पंचायत सीईओ ने भरोसा दिलाया कि उनको जरुर वो पीएम आवास योजना का लाभ दिलाएंगे. शनिवार को अनाथ बच्चों को घर की चाबी जिला प्रशासन ने सौंपी. बच्चों ने भी जिला प्रशासन को दिल से थैंक्यू कहा है.
अनाथ भाई बहनों को मिला घर: बच्चों के पिता ने मरने से पहले पीएम आवास योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया था. जिला पंचायत सीईओ ने खुद ग्राम पंचायत सचिव को इस बात की जिम्मेदारी सौंपी कि वो बच्चों को मकान बनाकर हैंडओव्हर दें. जिसके बाद ग्राम पंचायत सचिव बी बच्चेम ने अपनी निगरानी में बच्चों के लिए पीएम आवास का निर्माण कराया. परिवार के मुताबिक पहले बच्चों की मां की मौत हुई बाद में पिता का भी कुछ सालों बाद देहांत हो गया. माता पिता की मौत के बाद से चारों भाई बहन अनाथ हो गए थे.