जयपुर. अतिरिक्त मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट क्रम-2 महानगर, प्रथम ने जेडीए ट्रिब्यूनल के आदेश की अनदेखी व फर्जीवाड़ा करने से जुड़े मामले में जेडीए के तत्कालीन सचिव उज्ज्वल राठौड़, मुख्य प्रवर्तन अधिकारी रघुवीर सैनी, जोन 9 प्रवर्तन नियंत्रक धर्मसिंह व उप प्रवर्तन नियंत्रक राजेश शर्मा के खिलाफ गांधी नगर पुलिस थाने को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं. अदालत ने यह आदेश एचएस अडवानी के परिवाद पर दिए.
अदालत ने माना कि प्रथम दृष्टया आरोपियों ने जेडीए अपीलीय अधिकरण के आदेश की अवहेलना कर नए सिरे से दुर्गा कुमारी के अतिक्रमण को वैध घोषित करने के लिए कार्यालय टिप्पणियां तैयार की. इससे परिवादी के अधिकारों पर विपरीत प्रभाव पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. परिवाद में कहा कि उसे रेलवे मेन्स हाउसिंग को-ऑपरेटिव सोसायटी की आनन्द विहार योजना में भूखंड संख्या-14 का पट्टा 19 जून, 1994 को जारी किया था. वहीं उसकी खातेदारी से बाकी रही 2 बीघा 7 बिस्वा जमीन को 0.83 हैक्टेयर बताते हुए दुर्गादेवी ने पट्टा मांगा. जबकि उसे 0.59 हैक्टेयर जमीन का ही पट्टा मिल सकता था, लेकिन दुर्गाकुमारी को गलत तरीके से पट्टा जारी करने का आदेश हो गया.
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इसके खिलाफ परिवादी ने जेडीए में शिकायत की, लेकिन उसकी शिकायत के बाद भी अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई. वहीं जेडीए के अफसरों ने मिलीभगत कर एक फर्जी रिपोर्ट बनाई जिसमें अतिक्रमण नहीं होना बताया. इसके खिलाफ परिवाद दायर कर जेडीए के तत्कालीन अफसरों के खिलाफ मामला दर्ज करने का आग्रह किया. जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं.