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हरियाणा न्यायिक सेवा परीक्षा के पेपर लीक मामले की रोजाना सुनवाई करने का आदेश - हरियाणा न्यायिक सेवा

Delhi High Court: हरियाणा न्यायिक सेवा परीक्षा के पेपर लीक मामले में दिल्ली हाई कोर्ट ने रोजाना सुनवाई करने का आदेश दिया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 20, 2024, 7:14 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने हरियाणा न्यायिक सेवा प्रिलिम्स परीक्षा 2017 के पेपर लीक मामले की रोजाना सुनवाई करने का आदेश दिया है. जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने ट्रायल कोर्ट को 15 अप्रैल तक इस मामले की सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया. इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में चंडीगढ़ से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था.

दिल्ली हाई कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार, रिक्रूटमेंट की उस अर्जी को खारिज कर दिया जिसमें पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से दस्तावेज मंगाने का आदेश देने की मांग की गई थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश के वकील चरणजीत सिंह बख्शी और अमित साहनी की उस दलील को मंजूर कर लिया कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से दस्तावेज मंगाने का सही समय ट्रायल कोर्ट में बचाव पक्ष की गवाही के वक्त होगा.

ये भी पढ़ें : दिल्ली दंगों के मामले में पूर्व कांग्रेस पार्षद समेत 13 लोगों के खिलाफ हत्या की कोशिश और दंगा करने के आरोप तय

दिल्ली हाई कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार, रिक्रूटमेंट की उस अर्जी को भी खारिज कर दिया जिसमें चंडीगढ़ के सेसंश कोर्ट में आरोप तय करने के आदेश को चुनौती दी गई थी. दिलचस्प है कि इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 15 सितंबर 2017 को दिया था. 2017 में हरियाणा न्यायिक सेवा 2017 के एक उम्मीदवार सुमन ने एफआईआर दर्ज करने के लिए याचिका दायर की थी.

एफआईआर में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार, रिक्रूटमेंट और सह-आरोपी सुनीता समेत नौ लोगों को आरोपी बनाया गया है. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार पर आरोप है कि लोकसेवक रहते हुए उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया और पेपर लीक करवाया.

ये भी पढ़ें : केजरवील के नाम पर शराब विक्रेताओं से पैसे मांग रहा था IAS, एलजी ने FIR दर्ज करने का दिया आदेश

नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने हरियाणा न्यायिक सेवा प्रिलिम्स परीक्षा 2017 के पेपर लीक मामले की रोजाना सुनवाई करने का आदेश दिया है. जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा ने ट्रायल कोर्ट को 15 अप्रैल तक इस मामले की सुनवाई पूरी करने का निर्देश दिया. इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में चंडीगढ़ से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था.

दिल्ली हाई कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार, रिक्रूटमेंट की उस अर्जी को खारिज कर दिया जिसमें पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से दस्तावेज मंगाने का आदेश देने की मांग की गई थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ केंद्र शासित प्रदेश के वकील चरणजीत सिंह बख्शी और अमित साहनी की उस दलील को मंजूर कर लिया कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट से दस्तावेज मंगाने का सही समय ट्रायल कोर्ट में बचाव पक्ष की गवाही के वक्त होगा.

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दिल्ली हाई कोर्ट ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार, रिक्रूटमेंट की उस अर्जी को भी खारिज कर दिया जिसमें चंडीगढ़ के सेसंश कोर्ट में आरोप तय करने के आदेश को चुनौती दी गई थी. दिलचस्प है कि इस मामले में एफआईआर दर्ज करने का आदेश पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 15 सितंबर 2017 को दिया था. 2017 में हरियाणा न्यायिक सेवा 2017 के एक उम्मीदवार सुमन ने एफआईआर दर्ज करने के लिए याचिका दायर की थी.

एफआईआर में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार, रिक्रूटमेंट और सह-आरोपी सुनीता समेत नौ लोगों को आरोपी बनाया गया है. पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व रजिस्ट्रार पर आरोप है कि लोकसेवक रहते हुए उन्होंने अपने पद का दुरुपयोग किया और पेपर लीक करवाया.

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