शिमला: हिमाचल में हिमकेयर योजना की धज्जियां उड़ाई जा रही है. जिसके चलते मरीजों को उपचार नहीं मिल पा रहा है. कारण यह है कि हिमकेयर योजना के तहत देनदारियां 254.4 करोड़ रूपए है. यह प्रश्न सदन में भरमौर के विधायक डाॅ. जनक राज ने उठाया. विपक्ष ने इस दौरान इस मुद्दे पर सरकार घेरा. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी हिमकेयर को लेकर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि यह शर्म की बात है कि सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र को सुदृढ़ नहीं कर पा रही है. जबकि स्वास्थ्य क्षेत्र का तो पहले ही ध्यान रखना चाहिए था. वहीं इस पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. कर्नल धनीराम शांडिल ने जवाब दिया.
स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने कहा हिमकेयर योजना के तहत देनदारियां 254.4 करोड़ रुपए तक पहुंच गई हैं. उन्होंने कहा सरकार योजना के महत्व को देखते हुए इन देनदारियों को अगले एक से दो माह में चुकता करने का प्रयास करेगी. वे विधानसभा में विधायक डॉ. जनक राज, रणधीर शर्मा, दीप राज, आशीष शर्मा और राकेश जम्वाल के संयुक्त सवाल का जवाब दे रहे थे.
डॉ. शांडिल ने कहा कि प्रदेश में कुल 283 स्वास्थ्य संस्थानों में हिमकेयर योजना लागू है और इनमें से 249 स्वास्थ्य संस्थानों की देनदारियां लंबित हैं. इनमें 73 निजी स्वास्थ्य संस्थान शामिल हैं. उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत विभिन्न मेडिकल कॉलेजों की भी ₹16.34 करोड़ रुपए की देनदारियां लंबित हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 8.53 लाख परिवार हिमकेयर योजना से जुड़े हैं.
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हिमकेयर योजना के तहत निजी अस्पतालों ने लाभ प्रदान करना बंद नहीं किया है. इस योजना में नियमित सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को शामिल नहीं किया गया है. सरकार हिमकेयर और सहारा योजना को बंद करने पर विचार नहीं कर रही है. उधर, कांग्रेस सदस्य नंद लाल के सवाल के जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि रामपुर विधानसभा हलके के खनेरी अस्पताल में विभिन्न श्रेणियों के 241 पद पद स्वीकृत हैं. इनमें से 83 पद खाली पड़े हैं.
उन्होंने कहा कि इस हलके में छह पीएचसी में कोई डॉक्टर नहीं है. जबकि सात पीएचसी में एक भी फार्मासिस्ट नहीं है. इसके अलावा पीएचसी झाखड़ी निजी भवन में चल रही है. उन्होंने कहा कि सभी खाली पदों को भरने की प्रक्रिया जारी है और खनेरी अस्पताल में दो माह में 80 फीसदी स्टाफ भर दिया जाएगा.
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