नई दिल्ली/नोएडा : नोएडा एनसीआर इलाके में कॉलेज और हॉस्टल के छात्रों को नशे का सामान उपलब्ध कराने वाले गैंग का पर्दाफाश हुआ है. तस्करी करने वाले गैंग को फेज-3 पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार किया. गैंग सप्लाई के लिए स्टूडेंट्स को टारगेट करता था और उनके माध्यम से ही आगे की सप्लाई करवाता था. साथ ही ऑनलाइन गांजा, चरस जैसे नशीले पदार्थों की ई-कॉमर्स कंपनी से मिलती जुलती पैकेजिंग में पैक कर छात्रों से मोटी रकम ऐंठ रहा था.
डीसीपी सेंट्रल शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि इस मामले में कई सूचनाएं मिल रही थी, जिसके बाद कार्रवाई करते हुए मास्टर माइंड बिंटू उर्फ कालू, सतेंद्र शर्मा, संदीप कुमार, आशिफ जमाल और काजल कुमारी को गिरफ्तार किया गया है. उनके पास से करीब 10 लाख रुपये कीमत का 30 किलो गांजा और 15 लाख रुपये कीमत की चरस बरामद की गई है. इस मामले में कई डिजिटल प्रमाण मिले हैं, उसके आधार पर आगे की जांच की जा रही है .
छात्रों को चरस और गांजा ऑनलाइन सप्लाई करने वाले गैंग का भंडाफोड़ (ETV BHARAT)
छात्रों को चरस और गांजा ऑनलाइन सप्लाई करने वाले गैंग का भंडाफोड़ (ETV BHARAT)
पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि बिंटू ने विभिन्न फोरम पर अपनी प्रोफाइल तैयार की थी, जिसमें गांजा सर्च करने के साथ उसकी डिटेल मिल जाती थी. इसके बाद वह लोगों से ऑनलाइन ही संपर्क करता था. जहां ऑर्डर ऑनलाइन लेने के बाद उसकी डिलीवरी डोर स्टेप पर होती है. आरोपी कम से कम 500 रुपये के ऑर्डर पर सप्लाई देता था. पेमेंट भी ऑनलाइन ली जाती थी.
30 रुपये प्रति किलो के गांजे को 50 हजार रुपये प्रति किलो बेचता था : पुलिस को उसकी कई चैट मिली हैं. जिसमें लोगों से गांजे और चरस के पैकेट के संबंध में बात कर रहा था. साथ ही जांच के दौरान 7 अकाउंट की जानकारी मिली है, जिसे फ्रीज करवाया गया है. पूछताछ में उसने बताया कि वह अपनी महिला साथी काजल के साथ कार से शिलांग जाता था और वहीं से 30 रुपये प्रति किलो के रेट पर गांजा लेकर आता था. जहां यह गांजा एनसीआर में 50 हजार रुपये प्रति किलो तक बिक जाता था.
ऐस करते थे सप्लाई
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति अवस्थी ने बताया कि पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपी एक बार ऑर्डर लेने के बाद अपने ही डिलीवरी बॉय की मदद से नशे के सामान को ई-कॉमर्स कंपनी जैसी पैकिंग में रखता था. जिसके बाद यह सामान सीधा ही हॉस्टल के कमरों में छात्रा तक पहुंच रहा था. पैकेजिंग इस प्रकार से होती थी कि उसे देखकर सामान ऑनलाइन डिलीवरी जैसा ही समझा जाएगा.. इस मामले में पुलिस को 200 से अधिक ऐसे छात्रों की जानकारी हुई है , जो ग्राहक के रूप में आरोपी के टच में थे. उनके बारे में भी जानकारी की जा रही है.
गांजा सप्लाई करने वाले गैंग का भंडाफोड़,महिला सहित 5 गिरफ्तार (ETV BHARAT)
नई दिल्ली/नोएडा : नोएडा एनसीआर इलाके में कॉलेज और हॉस्टल के छात्रों को नशे का सामान उपलब्ध कराने वाले गैंग का पर्दाफाश हुआ है. तस्करी करने वाले गैंग को फेज-3 पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार किया. गैंग सप्लाई के लिए स्टूडेंट्स को टारगेट करता था और उनके माध्यम से ही आगे की सप्लाई करवाता था. साथ ही ऑनलाइन गांजा, चरस जैसे नशीले पदार्थों की ई-कॉमर्स कंपनी से मिलती जुलती पैकेजिंग में पैक कर छात्रों से मोटी रकम ऐंठ रहा था.
डीसीपी सेंट्रल शक्ति मोहन अवस्थी ने बताया कि इस मामले में कई सूचनाएं मिल रही थी, जिसके बाद कार्रवाई करते हुए मास्टर माइंड बिंटू उर्फ कालू, सतेंद्र शर्मा, संदीप कुमार, आशिफ जमाल और काजल कुमारी को गिरफ्तार किया गया है. उनके पास से करीब 10 लाख रुपये कीमत का 30 किलो गांजा और 15 लाख रुपये कीमत की चरस बरामद की गई है. इस मामले में कई डिजिटल प्रमाण मिले हैं, उसके आधार पर आगे की जांच की जा रही है .
छात्रों को चरस और गांजा ऑनलाइन सप्लाई करने वाले गैंग का भंडाफोड़ (ETV BHARAT)
छात्रों को चरस और गांजा ऑनलाइन सप्लाई करने वाले गैंग का भंडाफोड़ (ETV BHARAT)
पुलिस पूछताछ में सामने आया है कि बिंटू ने विभिन्न फोरम पर अपनी प्रोफाइल तैयार की थी, जिसमें गांजा सर्च करने के साथ उसकी डिटेल मिल जाती थी. इसके बाद वह लोगों से ऑनलाइन ही संपर्क करता था. जहां ऑर्डर ऑनलाइन लेने के बाद उसकी डिलीवरी डोर स्टेप पर होती है. आरोपी कम से कम 500 रुपये के ऑर्डर पर सप्लाई देता था. पेमेंट भी ऑनलाइन ली जाती थी.
30 रुपये प्रति किलो के गांजे को 50 हजार रुपये प्रति किलो बेचता था : पुलिस को उसकी कई चैट मिली हैं. जिसमें लोगों से गांजे और चरस के पैकेट के संबंध में बात कर रहा था. साथ ही जांच के दौरान 7 अकाउंट की जानकारी मिली है, जिसे फ्रीज करवाया गया है. पूछताछ में उसने बताया कि वह अपनी महिला साथी काजल के साथ कार से शिलांग जाता था और वहीं से 30 रुपये प्रति किलो के रेट पर गांजा लेकर आता था. जहां यह गांजा एनसीआर में 50 हजार रुपये प्रति किलो तक बिक जाता था.
ऐस करते थे सप्लाई
डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति अवस्थी ने बताया कि पुलिस की जांच में सामने आया है कि आरोपी एक बार ऑर्डर लेने के बाद अपने ही डिलीवरी बॉय की मदद से नशे के सामान को ई-कॉमर्स कंपनी जैसी पैकिंग में रखता था. जिसके बाद यह सामान सीधा ही हॉस्टल के कमरों में छात्रा तक पहुंच रहा था. पैकेजिंग इस प्रकार से होती थी कि उसे देखकर सामान ऑनलाइन डिलीवरी जैसा ही समझा जाएगा.. इस मामले में पुलिस को 200 से अधिक ऐसे छात्रों की जानकारी हुई है , जो ग्राहक के रूप में आरोपी के टच में थे. उनके बारे में भी जानकारी की जा रही है.
गांजा सप्लाई करने वाले गैंग का भंडाफोड़,महिला सहित 5 गिरफ्तार (ETV BHARAT)