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जमीन धोखाधड़ी मामले में एक और आरोपी गिरफ्तार, पीड़ित को प्लॉट के नाम पर 80 लाख का लगाया था चूना - Accused arrested in land fraud case

Accused arrested in land fraud case भूमि धोखाधड़ी मामले में पुलिस ने शाबाब अहमद नाम के एक और आरोपी को हरिद्वार से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. आरोपी ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर पीड़ित राकेश बत्ता को प्लॉट के नाम पर 80 लाख रुपए का चूना लगाया था.

Accused arrested in land fraud case
पुलिस की गिरफ्त में आरोपी (photo- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 12, 2024, 6:31 PM IST

Updated : Sep 12, 2024, 7:59 PM IST

देहरादून: 80 लाख रुपए की भूमि धोखाधड़ी मामले में फरार चल रहे 5 हजार के ईनामी आरोपी शाबाब अहमद को थाना राजपुर पुलिस ने हरिद्वार से गिरफ्तार किया है. मामले में अब तक 7 आरोपियों को गिरफ्तारी किया जा चुका है. हालांकि गिरोह के कई आरोपी अभी भी दून पुलिस के रडार पर हैं, जिससे उत्तर-प्रदेश और अन्य प्रदेशों में लगातार दबिश जारी है.

10 जून को पीड़ित ने दर्ज कराया था केस: बता दें कि 10 जून 2024 को पीड़ित राकेश बत्ता ने तहरीर दी थी, जिसमें बताया गया था कि गिरीश कोटियाल, दिनेश कुमार अग्रवाल (वरिष्ठ आर्किटेक्ट) और राजीव कुमार नाम के व्यक्ति ने उन्हें राजपुर रोड स्थित एक प्लॉट दिखाया, जिसकी कीमत लगभग 5 करोड़ रुपए थी और बताया कि यह अरशद कय्यूम नाम के व्यक्ति की है, जो उनका जानने वाला है और वह उससे बात करके प्लॉट की रजिस्ट्री पीड़ित के नाम पर करवा देंगे.उसके बाद तीनों व्यक्तियों ने पीड़ित की अरशद कय्यूम नाम के व्यक्ति से मुलाकात कराई.

11 जून को तीन आरोपी हुए थे गिरफ्तार: आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पीड़ित को धोखा देकर उससे एक एग्रीमेंट बनवाया और अरशद कय्यूम के नाम पर 55 लाख रुपये खाते में और 25 लाख नकद लिए, जब पीड़ित राकेश बत्ता प्लॉट में कब्जा लेने पहुंचा, तो वहां पर अरशद कय्यूम नाम का व्यक्ति मौजूद मिला, जिसने प्रॉपर्टी के पेपर दिखाते हुए प्रॉपर्टी को अपना बताया. जिस पर पीड़ित को अपने साथ हुई धोखाधड़ी की जानकारी हुई. तहरीर के आधार पर थाना राजपुर ने मुकदमा दर्ज कर लिया. पुलिस ने 11 जून को आरोपी गिरीश कोठियाल,दिनेश अग्रवाल और राजीव कुमार को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया था.

19 जून को आरोपी प्रमोद कुमार हुआ था गिरफ्तार: आरोपियों से पूछताछ के आधार पर पुलिस द्वारा आरोपी प्रमोद कुमार (फर्जी अरशद कय्यूम) को 19 जून को सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया था. पूछताछ के आधार पर सामने आए अन्य आरोपी इनाम अहमद, वसीम और शाबाब अहमद की गिरफ्तारी के लिए टीम द्वारा लगातार संभावित स्थानों पर दबिश दी जा रही थी, लेकिन तीनों आरोपी अपनी गिरफ्तारी से बचते हुए लगातार फरार चल रहे थे. पुलिस द्वारा न्यायालय से गैर जमानती वारंट प्राप्त किये गए थे.

एसएसपी ने सभी पर 5000 का ईनाम किया था घोषित: आरोपियों के लगातार फरार चलने पर एसएसपी ने उनकी गिरफ्तारी पर 5000 रुपए का ईनाम घोषित किया था. पुलिस द्वारा 27 अगस्त को आरोपी इनाम अहमद को जनपद हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया था और 2 सितंबर को मुखबिर की सूचना पर फरार चल रहे एक और ईनामी आरोपी वसीम को हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया था. साथ ही आज पुलिस द्वारा फरार चल रहे पांच हजार रुपए के इनामी शाबाब अहमद को हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया.

आरोपियों ने बनवाया था फर्जी आधार कार्ड: पूछताछ में आरोपी शाबाब अहमद ने बताया गया उसके साथी इनाम का देहरादून में दिनेश अग्रवाल (आर्किटेक्ट) के पास आना जाना था. इनाम द्वारा उन्हें धोरणखास राजपुर में सड़क से लगी एक भूमि की जानकारी दी गई, जिस पर कई सालों से कोई कब्जा नहीं था. उनके द्वारा रजिस्ट्रार कार्यालय से भूमि के मालिक की जानकारी संबंधी दस्तावेज निकाले गए. जमीन अरशद कय्यूम के नाम पर दर्ज होना पाया गया, जिसके बाद आरोपी ने इनाम के साथ मिलकर अपने मित्र मोहम्मद वसीम और प्रमोद कुमार के साथ मिलकर प्रमोद कुमार का अरशद कय्यूम के नाम से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड भगवानपुर हरिद्वार से बनवाया और फर्जी अरशद कय्यूम का बैक खाता भगवानपुर बैक में खुलवाया.

आरोपियों ने आपस में बांट ली थी राशि: जब प्रमोद कुमार का फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड बन गया, तो उसके बाद आरोपी द्वारा अपने साथियों के साथ जमीन के लिये ग्राहक तलाश करने के लिए दिनेश अग्रवाल, राजीव कुमार और गिरीश कोठियाल को बताया. तीनों व्यक्तियों द्वारा जमीन को पीड़ित राकेश बत्ता को दिखाया गया. पीड़ित को जमीन पसंद आने पर आरोपी इनाम और शाबाब अहमद दोनों जमीन का सौदा करने के लिये प्रमोद कुमार (फर्जी अरशद कय्यूम ) को लेकर देहरादून आए, जहां आरोपियों द्वारा प्रमोद कुमार को फर्जी अरशद कय्यूम के रूप में पीड़ित से मिलाया गया और जमीन के सौदे के एवज में मिली धनराशि को आपस में बांट लिया. सौदे की शेष धनराशि आरोपियों को जमीन की रजिस्ट्री के समय मिलनी थी. लेकिन उससे पहले ही पीड़ित को जमीन के फर्जी होने की जानकारी हो गई.

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10 जून को पीड़ित ने दर्ज कराया था केस: बता दें कि 10 जून 2024 को पीड़ित राकेश बत्ता ने तहरीर दी थी, जिसमें बताया गया था कि गिरीश कोटियाल, दिनेश कुमार अग्रवाल (वरिष्ठ आर्किटेक्ट) और राजीव कुमार नाम के व्यक्ति ने उन्हें राजपुर रोड स्थित एक प्लॉट दिखाया, जिसकी कीमत लगभग 5 करोड़ रुपए थी और बताया कि यह अरशद कय्यूम नाम के व्यक्ति की है, जो उनका जानने वाला है और वह उससे बात करके प्लॉट की रजिस्ट्री पीड़ित के नाम पर करवा देंगे.उसके बाद तीनों व्यक्तियों ने पीड़ित की अरशद कय्यूम नाम के व्यक्ति से मुलाकात कराई.

11 जून को तीन आरोपी हुए थे गिरफ्तार: आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पीड़ित को धोखा देकर उससे एक एग्रीमेंट बनवाया और अरशद कय्यूम के नाम पर 55 लाख रुपये खाते में और 25 लाख नकद लिए, जब पीड़ित राकेश बत्ता प्लॉट में कब्जा लेने पहुंचा, तो वहां पर अरशद कय्यूम नाम का व्यक्ति मौजूद मिला, जिसने प्रॉपर्टी के पेपर दिखाते हुए प्रॉपर्टी को अपना बताया. जिस पर पीड़ित को अपने साथ हुई धोखाधड़ी की जानकारी हुई. तहरीर के आधार पर थाना राजपुर ने मुकदमा दर्ज कर लिया. पुलिस ने 11 जून को आरोपी गिरीश कोठियाल,दिनेश अग्रवाल और राजीव कुमार को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया था.

19 जून को आरोपी प्रमोद कुमार हुआ था गिरफ्तार: आरोपियों से पूछताछ के आधार पर पुलिस द्वारा आरोपी प्रमोद कुमार (फर्जी अरशद कय्यूम) को 19 जून को सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया था. पूछताछ के आधार पर सामने आए अन्य आरोपी इनाम अहमद, वसीम और शाबाब अहमद की गिरफ्तारी के लिए टीम द्वारा लगातार संभावित स्थानों पर दबिश दी जा रही थी, लेकिन तीनों आरोपी अपनी गिरफ्तारी से बचते हुए लगातार फरार चल रहे थे. पुलिस द्वारा न्यायालय से गैर जमानती वारंट प्राप्त किये गए थे.

एसएसपी ने सभी पर 5000 का ईनाम किया था घोषित: आरोपियों के लगातार फरार चलने पर एसएसपी ने उनकी गिरफ्तारी पर 5000 रुपए का ईनाम घोषित किया था. पुलिस द्वारा 27 अगस्त को आरोपी इनाम अहमद को जनपद हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया था और 2 सितंबर को मुखबिर की सूचना पर फरार चल रहे एक और ईनामी आरोपी वसीम को हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया था. साथ ही आज पुलिस द्वारा फरार चल रहे पांच हजार रुपए के इनामी शाबाब अहमद को हरिद्वार से गिरफ्तार किया गया.

आरोपियों ने बनवाया था फर्जी आधार कार्ड: पूछताछ में आरोपी शाबाब अहमद ने बताया गया उसके साथी इनाम का देहरादून में दिनेश अग्रवाल (आर्किटेक्ट) के पास आना जाना था. इनाम द्वारा उन्हें धोरणखास राजपुर में सड़क से लगी एक भूमि की जानकारी दी गई, जिस पर कई सालों से कोई कब्जा नहीं था. उनके द्वारा रजिस्ट्रार कार्यालय से भूमि के मालिक की जानकारी संबंधी दस्तावेज निकाले गए. जमीन अरशद कय्यूम के नाम पर दर्ज होना पाया गया, जिसके बाद आरोपी ने इनाम के साथ मिलकर अपने मित्र मोहम्मद वसीम और प्रमोद कुमार के साथ मिलकर प्रमोद कुमार का अरशद कय्यूम के नाम से फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड भगवानपुर हरिद्वार से बनवाया और फर्जी अरशद कय्यूम का बैक खाता भगवानपुर बैक में खुलवाया.

आरोपियों ने आपस में बांट ली थी राशि: जब प्रमोद कुमार का फर्जी आधार कार्ड और पैन कार्ड बन गया, तो उसके बाद आरोपी द्वारा अपने साथियों के साथ जमीन के लिये ग्राहक तलाश करने के लिए दिनेश अग्रवाल, राजीव कुमार और गिरीश कोठियाल को बताया. तीनों व्यक्तियों द्वारा जमीन को पीड़ित राकेश बत्ता को दिखाया गया. पीड़ित को जमीन पसंद आने पर आरोपी इनाम और शाबाब अहमद दोनों जमीन का सौदा करने के लिये प्रमोद कुमार (फर्जी अरशद कय्यूम ) को लेकर देहरादून आए, जहां आरोपियों द्वारा प्रमोद कुमार को फर्जी अरशद कय्यूम के रूप में पीड़ित से मिलाया गया और जमीन के सौदे के एवज में मिली धनराशि को आपस में बांट लिया. सौदे की शेष धनराशि आरोपियों को जमीन की रजिस्ट्री के समय मिलनी थी. लेकिन उससे पहले ही पीड़ित को जमीन के फर्जी होने की जानकारी हो गई.

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Last Updated : Sep 12, 2024, 7:59 PM IST
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