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'कातिल मांझे' से बचकर रहें; ऑनलाइन दुनिया में बदला चाइनीज मांझे का नाम, दुकानों पर बैन फिर भी धड़ल्ले से बिक रहा - Rakshabandhan 2024 - RAKSHABANDHAN 2024

कई वेबसाइट हैं, जो सिर्फ पतंग को ऊंची उड़ान देने वाले मांझे की ऑनलाइन बिक्री करती हैं. खासकर चाइनीज माझे की बिक्री इन वेबसाइट पर जमकर की जा रही है. ऑनलाइन दुनिया में चाइनीज मांझे को मोनो मांझा नाम दिया गया है. इसमें भी कई तरह के मांझे है, जो जितना कातिल मांझा यानी कि जिस मांझे में धार जितनी अधिक उसका न भी उसी तरह.

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ऑनलाइन दुनिया में बदला चाइनीज मांझे का नाम. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 19, 2024, 10:27 AM IST

लखनऊ: हर वर्ष रक्षाबंधन के दिन लखनऊ समेत यूपी के कई शहरों में पतंगबाजी होती है. सिर्फ लखनऊ शहर की बात करें तो यहां पर पतंगबाजी में प्रयोग होने वाला कातिल मांझ यानी चाइनीज मांझा कई लोगों की जान ले लेता है. जबकि कई बुरी तरह घायल हो जाते हैं. अचानक से कातिल मांझा सड़क पर आता है और लोगों की गर्दन उड़ा देता है.

जैसे-जैसे ये हादसे होते है, जिला व पुलिस प्रशासन चाइनीज मांझे की बिक्री पर अपनी सख्ती बढ़ाती है. प्रशासन की कार्रवाई बढ़ी तो मार्केट से चाइनीज मांझे लगभग गायब से हो गए. बावजूद इसके इस कातिल मांझे का इस्तमाल कम नहीं हुआ. इसके पीछे की वजह अब ऑफलाइन नहीं बल्कि मांझा ऑनलाइन बेचा जा रहा है. बस ऑनलाइन की दुनिया में मांझे का नाम बदल दिया गया है.

ऑनलाइन मार्केट में धड़ल्ले से बिक रहा चाइनीज मांझा.
ऑनलाइन मार्केट में धड़ल्ले से बिक रहा चाइनीज मांझा. (Photo Credit; Website Screenshot)

ऑनलाइन नाम बदल कर बेचा जा रहा मांझा: कई वेबसाइट हैं, जो सिर्फ पतंग को ऊंची उड़ान देने वाले मांझे की ऑनलाइन बिक्री करती हैं. खासकर चाइनीज माझे की बिक्री इन वेबसाइट पर जमकर की जा रही है. ऑनलाइन दुनिया में चाइनीज मांझे को मोनो मांझा नाम दिया गया है. इसमें भी कई तरह के मांझे है, जो जितना कातिल मांझा यानी कि जिस मांझे में धार जितनी अधिक उसका न भी उसी तरह.

जैसे मोनो फाइटर, मोनो प्रीमियम और मोनो फाइटर प्रीमियम शामिल हैं. इनकी कीमत 549 से लेकर 950 तक है. ऑनलाइन की दुनिया में चाइनीज मांझे को अलग नाम से बेचने वाले कारोबारियों ने भी शातिराना तरीके से इनका नाम ही नहीं बदला बल्कि उसमें इंडस्ट्रियल यूज ओनली लिख दिया है. जबकि, माझों का इस्तेमान इंडस्ट्री में होता ही नहीं. यही कारण है कि कारोबारी खुद को बचाने के लिए इस तरह की चाल चल रहे हैं, जिससे मामला टेक्निकल पेंच में फंसा रहे.

ऑनलाइन मार्केट में धड़ल्ले से बिक रहा चाइनीज मांझा.
ऑनलाइन मार्केट में धड़ल्ले से बिक रहा चाइनीज मांझा. (Photo Credit; Website Screenshot)

ऑनलाइन और ऑफलाइन पेमेंट: ऑनलाइन मांझा बेचने वाले कारोबारियों ने अपनी ही वेबसाइट पर पेमेंट गेटवे भी दे रखा है, जिसके द्वारा उपभोक्ता कातिल मांझा खरीदने के लिए कार्ड या यूपीआई से पेमेंट कर सकते हैं. वहीं कुछ वेबसाइट में ऑर्डर करने पर कैश ऑन डिलीवरी का भी ऑप्शन दिया जा रहा है.

चाइनीज मांझे पर कब लगा था बैन: वर्ष 2017 में जस्टिस स्वंतत्र कुमार की बेंच ने चाइनीज मांझे की बिक्री और उत्पादन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया था. उस दौरान वह एनजीटी के अध्यक्ष भी थे.

ऑनलाइन मार्केट में धड़ल्ले से बिक रहा चाइनीज मांझा.
ऑनलाइन मार्केट में धड़ल्ले से बिक रहा चाइनीज मांझा. (Photo Credit; Website Screenshot)

चाइनीज मांझा ने छीनी ली हंसते खेलते परिवार की खुशियां: जून 2024 को आइसक्रीम की फैक्ट्री में काम करने वाले लखनऊ के सुधाकर काम खत्म कर अलीगंज स्थित अपने घर जा रहे थे. चौक में बाइक चलाते समय चाइनीज मांझा उनकी गर्दन को काटते हुए निकल गया. तत्काल राहगीरों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया, जहां सात दिन तक इलाज चलने के बाद उनकी मौत हो गई. सुधाकर के दो बच्चे और पत्नी थी.

22 नवंबर 2021: गौतमपल्ली थानांतर्गत मार्टिनपुरवा के अजय कुमार बाइक से जियामऊ पुल के पास गए थे. तभी आसमान से चाइनीज मांझा आया और उनकी गर्दन से लिपट गया. इससे उनकी गर्दन में गहरा घाव हो गया और मौके पर ही उनकी मौत हो गई.

14 नवंबर 2020: लखनऊ के पत्रकार अभिषेक मिश्रा अपने ऑफिस से काम खत्म कर अलीगंज स्थित घर जा रहे थे. इसी दौरान चाइनीज मांझा आया और उनके चेहरे को काटते हुए निकल गया.

क्या कहती है पुलिस: लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की प्रवक्ता डीसीपी रवीना त्यागी ने बताया कि चाइनीज मांझे से यदि कोई व्यक्ति घायल होता है और फिर वह शिकायत करता है तो एफआईआर दर्ज की जाती है. इसमें गैर इरादतन हत्या व हत्या के प्रयास तक की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का प्रावधान है. मार्केट में चाइनीज मांझे की बिक्री की कंप्लेन पर कई बार चेकिंग भी कराई जाती है. ऐसे में यदि मांझा ऑनलाइन बेचा जा रहा है तो साइबर सेल की मदद उसे इन कारोबारियों का पता लगाया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः यूपी में 5 दिन मानसून मेहरबानी; रक्षाबंधन पर 54 जिलों में बारिश का अलर्ट, मैप में देखें कहां कितनी बरसात

लखनऊ: हर वर्ष रक्षाबंधन के दिन लखनऊ समेत यूपी के कई शहरों में पतंगबाजी होती है. सिर्फ लखनऊ शहर की बात करें तो यहां पर पतंगबाजी में प्रयोग होने वाला कातिल मांझ यानी चाइनीज मांझा कई लोगों की जान ले लेता है. जबकि कई बुरी तरह घायल हो जाते हैं. अचानक से कातिल मांझा सड़क पर आता है और लोगों की गर्दन उड़ा देता है.

जैसे-जैसे ये हादसे होते है, जिला व पुलिस प्रशासन चाइनीज मांझे की बिक्री पर अपनी सख्ती बढ़ाती है. प्रशासन की कार्रवाई बढ़ी तो मार्केट से चाइनीज मांझे लगभग गायब से हो गए. बावजूद इसके इस कातिल मांझे का इस्तमाल कम नहीं हुआ. इसके पीछे की वजह अब ऑफलाइन नहीं बल्कि मांझा ऑनलाइन बेचा जा रहा है. बस ऑनलाइन की दुनिया में मांझे का नाम बदल दिया गया है.

ऑनलाइन मार्केट में धड़ल्ले से बिक रहा चाइनीज मांझा.
ऑनलाइन मार्केट में धड़ल्ले से बिक रहा चाइनीज मांझा. (Photo Credit; Website Screenshot)

ऑनलाइन नाम बदल कर बेचा जा रहा मांझा: कई वेबसाइट हैं, जो सिर्फ पतंग को ऊंची उड़ान देने वाले मांझे की ऑनलाइन बिक्री करती हैं. खासकर चाइनीज माझे की बिक्री इन वेबसाइट पर जमकर की जा रही है. ऑनलाइन दुनिया में चाइनीज मांझे को मोनो मांझा नाम दिया गया है. इसमें भी कई तरह के मांझे है, जो जितना कातिल मांझा यानी कि जिस मांझे में धार जितनी अधिक उसका न भी उसी तरह.

जैसे मोनो फाइटर, मोनो प्रीमियम और मोनो फाइटर प्रीमियम शामिल हैं. इनकी कीमत 549 से लेकर 950 तक है. ऑनलाइन की दुनिया में चाइनीज मांझे को अलग नाम से बेचने वाले कारोबारियों ने भी शातिराना तरीके से इनका नाम ही नहीं बदला बल्कि उसमें इंडस्ट्रियल यूज ओनली लिख दिया है. जबकि, माझों का इस्तेमान इंडस्ट्री में होता ही नहीं. यही कारण है कि कारोबारी खुद को बचाने के लिए इस तरह की चाल चल रहे हैं, जिससे मामला टेक्निकल पेंच में फंसा रहे.

ऑनलाइन मार्केट में धड़ल्ले से बिक रहा चाइनीज मांझा.
ऑनलाइन मार्केट में धड़ल्ले से बिक रहा चाइनीज मांझा. (Photo Credit; Website Screenshot)

ऑनलाइन और ऑफलाइन पेमेंट: ऑनलाइन मांझा बेचने वाले कारोबारियों ने अपनी ही वेबसाइट पर पेमेंट गेटवे भी दे रखा है, जिसके द्वारा उपभोक्ता कातिल मांझा खरीदने के लिए कार्ड या यूपीआई से पेमेंट कर सकते हैं. वहीं कुछ वेबसाइट में ऑर्डर करने पर कैश ऑन डिलीवरी का भी ऑप्शन दिया जा रहा है.

चाइनीज मांझे पर कब लगा था बैन: वर्ष 2017 में जस्टिस स्वंतत्र कुमार की बेंच ने चाइनीज मांझे की बिक्री और उत्पादन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया था. उस दौरान वह एनजीटी के अध्यक्ष भी थे.

ऑनलाइन मार्केट में धड़ल्ले से बिक रहा चाइनीज मांझा.
ऑनलाइन मार्केट में धड़ल्ले से बिक रहा चाइनीज मांझा. (Photo Credit; Website Screenshot)

चाइनीज मांझा ने छीनी ली हंसते खेलते परिवार की खुशियां: जून 2024 को आइसक्रीम की फैक्ट्री में काम करने वाले लखनऊ के सुधाकर काम खत्म कर अलीगंज स्थित अपने घर जा रहे थे. चौक में बाइक चलाते समय चाइनीज मांझा उनकी गर्दन को काटते हुए निकल गया. तत्काल राहगीरों ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया, जहां सात दिन तक इलाज चलने के बाद उनकी मौत हो गई. सुधाकर के दो बच्चे और पत्नी थी.

22 नवंबर 2021: गौतमपल्ली थानांतर्गत मार्टिनपुरवा के अजय कुमार बाइक से जियामऊ पुल के पास गए थे. तभी आसमान से चाइनीज मांझा आया और उनकी गर्दन से लिपट गया. इससे उनकी गर्दन में गहरा घाव हो गया और मौके पर ही उनकी मौत हो गई.

14 नवंबर 2020: लखनऊ के पत्रकार अभिषेक मिश्रा अपने ऑफिस से काम खत्म कर अलीगंज स्थित घर जा रहे थे. इसी दौरान चाइनीज मांझा आया और उनके चेहरे को काटते हुए निकल गया.

क्या कहती है पुलिस: लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट की प्रवक्ता डीसीपी रवीना त्यागी ने बताया कि चाइनीज मांझे से यदि कोई व्यक्ति घायल होता है और फिर वह शिकायत करता है तो एफआईआर दर्ज की जाती है. इसमें गैर इरादतन हत्या व हत्या के प्रयास तक की धाराओं में मुकदमा दर्ज करने का प्रावधान है. मार्केट में चाइनीज मांझे की बिक्री की कंप्लेन पर कई बार चेकिंग भी कराई जाती है. ऐसे में यदि मांझा ऑनलाइन बेचा जा रहा है तो साइबर सेल की मदद उसे इन कारोबारियों का पता लगाया जाएगा.

ये भी पढ़ेंः यूपी में 5 दिन मानसून मेहरबानी; रक्षाबंधन पर 54 जिलों में बारिश का अलर्ट, मैप में देखें कहां कितनी बरसात

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