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डिपुओं में न है सरसों का तेल और न ही दालें, खाली हाथ लौट रहे उपभोक्ता - HIMACHAL RATION CARD HOLDER NUMBER

हिमाचल के डिपुओं में अब तक नवंबर महीने का तेल का कोटा और तीन दालों का कोटा नहीं पहुंचा है.

Oil and pulses missing from Himachal Depot
हिमाचल के डिपुओं से तेल और दालें गायब (File Photo)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Nov 19, 2024, 9:25 AM IST

Updated : Nov 19, 2024, 12:28 PM IST

शिमला: हिमाचल में पिछले कई महीनों से कमर तोड़ महंगाई की समस्या से जूझ रहे लाखों लोगों को डिपुओं में भी राहत नहीं मिल रही है. हालत ये है कि नवंबर महीना बीतने को है, लेकिन प्रदेश भर के 4500 से ज्यादा डिपुओं में उपभोक्ताओं को इस महीने सरसों के तेल सहित तीन दालों का कोटा उपलब्ध नहीं हुआ है. जिसके चलते बाजार से महंगे रेट पर खाद्य वस्तुएं खरीद कर रसोई चलाने को उपभोक्ता मजबूर हैं. पिछले महीने फेस्टिव सीजन में लोगों का पहले ही जेब खर्च ज्यादा हुआ है. ऐसे में डिपुओं में तेल और दाल का कोटा न मिलने से लोगों की जेब और टाइट हो गई है. वहीं, प्रदेश के अधिकतर डिपुओं में तो उपभोक्ताओं को पिछले महीने भी सरसों का तेल नहीं दिया गया है. जिससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं.

बाजार से तेल और डालें खरीदने को मजबूर लोग

वहीं, डिपुओं में सरसों का तेल और दालों का कोटा कब तक उपलब्ध होगा? इस बात की भी उपभोक्ताओं को कोई जानकारी नहीं मिल रही है. उचित मूल्यों की दुकानों से कोटा गायब होने से लाखों परिवार अब बाजार से 200 रुपए लीटर सरसों का तेल और 100 से 120 रुपए किलो दालें खरीदने के लिए मजबूर हैं. हालात ये है कि मंडी समेत अन्य जिलों में तो उपभोक्ताओं को पिछले कई महीने भी डिपुओं में सरसों का तेल और दालों का कोटा नहीं मिला है. जिससे उपभोक्ता पिछले दो महीनों से बाजार से महंगे भाव पर सरसों का तेल और दालें खरीदने को विवश हैं.

डिपुओं में तेल का भाव

खुले बाजार में सरसों के तेल की कीमतें आसमान छूने लगी हैं, लेकिन डिपुओं में उपभोक्ताओं को सस्ते रेट पर दिए जाने वाले सरसों के तेल के भाव में पिछले करीब तीन महीने से कोई बदलाव नहीं हुआ है. हिमाचल सरकार उपभोक्ताओं को एक राशन कार्ड पर अधिकतम दो लीटर सरसों का तेल दे रही है. इसमें एपीएल और बीपीएल उपभोक्ताओं को 123 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से सरसों का तेल उपलब्ध कराया जा रहा है. वहीं, टैक्स पेयर कार्ड धारकों को यही सरसों का तेल 129 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से दिया जा रहा है. पिछले महीने त्योहारी सीजन में सरकार ने उपभोक्ताओं को डिपुओं में जाकर जरूरत के मुताबिक सरसों का तेल खरीदने की सुविधा भी दी थी, लेकिन सरकार का ये दावा कुछ ही दिनों में ही हवा हो गया था.

डिपुओं में दालों का ये है भाव

हिमाचल में डिपुओं में उपभोक्ताओं को दालें भी सस्ते भाव पर उपलब्ध करवाई जाती हैं. इसमें बीपीएल परिवारों को उड़द की दाल 58 रुपए किलो के हिसाब से दी जाती है. एपीएल परिवारों को उड़द की दाल 68 रुपए किलो मिलती है. इसके अलावा टैक्स पेयर को डिपुओं में 93 रुपए किलो उड़द की दाल उपलब्ध कराई जाती है. इसी तरह से बीपीएल परिवारों को मलका की दाल 56 रुपए प्रति किलो के हिसाब से दी जाती है. एपीएल परिवारों को मलका दाल 66 रुपए किलो और टैक्स पेयर के लिए मलका की दाल का भाव अभी 91 रुपए तय किया गया है. डिपुओं में एपीएल परिवारों को चना दाल अभी तक 48 रुपए किलो दी जाती है. वहीं, बाजार में इन तीनों ही दालों का भाव 100 से 120 रुपए प्रति किलो है.

हर महीने 34 लाख लीटर तेल की खपत

हिमाचल प्रदेश में कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19 लाख 65 हजार 589 है. जो 4500 से ज्यादा डिपुओं के जरिए सस्ते राशन की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. डिपुओं के जरिए उपभोक्ताओं को आटा, चावल, तीन अलग-अलग किस्म की दालें, सरसों का तेल और नमक बाजार से सस्ते रेट पर उपलब्ध करवाया जाता है. महंगाई के कारण डिपुओं में सरसों के तेल की अधिक मांग रहती है. सरसों के तेल के कोटे को कोई भी उपभोक्ता नहीं छोड़ता है. ऐसे में प्रदेश में हर महीने डिपुओं में 34 लाख लीटर तेल की खपत रहती है. जिस पर सरकार सब्सिडी के तौर पर लाखों रुपए खर्च करती है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग में प्रमोशन का तोहफा, बनाए गए फूड एंड सप्लाई ऑफिसर

ये भी पढ़ें: डिपुओं में नहीं मिल रहा सरसों का तेल, बाजार से ₹200 लीटर तेल खरीदने को मजबूर लोग

ये भी पढ़ें: हिमाचल में 31 दिसंबर तक हर हाल में कर लें ये काम, वरना नए साल से राशन कार्ड हो जाएगा ब्लॉक

शिमला: हिमाचल में पिछले कई महीनों से कमर तोड़ महंगाई की समस्या से जूझ रहे लाखों लोगों को डिपुओं में भी राहत नहीं मिल रही है. हालत ये है कि नवंबर महीना बीतने को है, लेकिन प्रदेश भर के 4500 से ज्यादा डिपुओं में उपभोक्ताओं को इस महीने सरसों के तेल सहित तीन दालों का कोटा उपलब्ध नहीं हुआ है. जिसके चलते बाजार से महंगे रेट पर खाद्य वस्तुएं खरीद कर रसोई चलाने को उपभोक्ता मजबूर हैं. पिछले महीने फेस्टिव सीजन में लोगों का पहले ही जेब खर्च ज्यादा हुआ है. ऐसे में डिपुओं में तेल और दाल का कोटा न मिलने से लोगों की जेब और टाइट हो गई है. वहीं, प्रदेश के अधिकतर डिपुओं में तो उपभोक्ताओं को पिछले महीने भी सरसों का तेल नहीं दिया गया है. जिससे लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं.

बाजार से तेल और डालें खरीदने को मजबूर लोग

वहीं, डिपुओं में सरसों का तेल और दालों का कोटा कब तक उपलब्ध होगा? इस बात की भी उपभोक्ताओं को कोई जानकारी नहीं मिल रही है. उचित मूल्यों की दुकानों से कोटा गायब होने से लाखों परिवार अब बाजार से 200 रुपए लीटर सरसों का तेल और 100 से 120 रुपए किलो दालें खरीदने के लिए मजबूर हैं. हालात ये है कि मंडी समेत अन्य जिलों में तो उपभोक्ताओं को पिछले कई महीने भी डिपुओं में सरसों का तेल और दालों का कोटा नहीं मिला है. जिससे उपभोक्ता पिछले दो महीनों से बाजार से महंगे भाव पर सरसों का तेल और दालें खरीदने को विवश हैं.

डिपुओं में तेल का भाव

खुले बाजार में सरसों के तेल की कीमतें आसमान छूने लगी हैं, लेकिन डिपुओं में उपभोक्ताओं को सस्ते रेट पर दिए जाने वाले सरसों के तेल के भाव में पिछले करीब तीन महीने से कोई बदलाव नहीं हुआ है. हिमाचल सरकार उपभोक्ताओं को एक राशन कार्ड पर अधिकतम दो लीटर सरसों का तेल दे रही है. इसमें एपीएल और बीपीएल उपभोक्ताओं को 123 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से सरसों का तेल उपलब्ध कराया जा रहा है. वहीं, टैक्स पेयर कार्ड धारकों को यही सरसों का तेल 129 रुपए प्रति लीटर के हिसाब से दिया जा रहा है. पिछले महीने त्योहारी सीजन में सरकार ने उपभोक्ताओं को डिपुओं में जाकर जरूरत के मुताबिक सरसों का तेल खरीदने की सुविधा भी दी थी, लेकिन सरकार का ये दावा कुछ ही दिनों में ही हवा हो गया था.

डिपुओं में दालों का ये है भाव

हिमाचल में डिपुओं में उपभोक्ताओं को दालें भी सस्ते भाव पर उपलब्ध करवाई जाती हैं. इसमें बीपीएल परिवारों को उड़द की दाल 58 रुपए किलो के हिसाब से दी जाती है. एपीएल परिवारों को उड़द की दाल 68 रुपए किलो मिलती है. इसके अलावा टैक्स पेयर को डिपुओं में 93 रुपए किलो उड़द की दाल उपलब्ध कराई जाती है. इसी तरह से बीपीएल परिवारों को मलका की दाल 56 रुपए प्रति किलो के हिसाब से दी जाती है. एपीएल परिवारों को मलका दाल 66 रुपए किलो और टैक्स पेयर के लिए मलका की दाल का भाव अभी 91 रुपए तय किया गया है. डिपुओं में एपीएल परिवारों को चना दाल अभी तक 48 रुपए किलो दी जाती है. वहीं, बाजार में इन तीनों ही दालों का भाव 100 से 120 रुपए प्रति किलो है.

हर महीने 34 लाख लीटर तेल की खपत

हिमाचल प्रदेश में कुल राशन कार्ड धारकों की संख्या 19 लाख 65 हजार 589 है. जो 4500 से ज्यादा डिपुओं के जरिए सस्ते राशन की सुविधा का लाभ उठा रहे हैं. डिपुओं के जरिए उपभोक्ताओं को आटा, चावल, तीन अलग-अलग किस्म की दालें, सरसों का तेल और नमक बाजार से सस्ते रेट पर उपलब्ध करवाया जाता है. महंगाई के कारण डिपुओं में सरसों के तेल की अधिक मांग रहती है. सरसों के तेल के कोटे को कोई भी उपभोक्ता नहीं छोड़ता है. ऐसे में प्रदेश में हर महीने डिपुओं में 34 लाख लीटर तेल की खपत रहती है. जिस पर सरकार सब्सिडी के तौर पर लाखों रुपए खर्च करती है.

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Last Updated : Nov 19, 2024, 12:28 PM IST
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