अजमेर. छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांग को लेकर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को अजमेर संभाग के सबसे बड़े सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय में जमकर विरोध प्रदर्शन किया. प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं ने विरोध स्वरूप कॉलेज का मुख्य द्वार बंद कर दिया. वहीं कार्यकर्ताओं ने रास्ता जाम करने की भी कोशिश की. इस दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच गहमागहमी का माहौल हो गया. माहौल बिगड़ता देख पुलिस ने कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है.
अजमेर में एनएसयूआई की ओर से छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांग को लेकर गुरुवार को विरोध-प्रदर्शन किया गया. सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय के बाहर लामबंद हुए एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने टायर जलाकर रास्ता जाम करने की कोशिश की. साथ ही कॉलेज का मुख्य द्वार बंद कर दिया. पुलिस ने मुख्य द्वार खुलवाने की कोशिश की. इस दौरान कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प भी हुई. एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. माहौल बिगड़ते देख पुलिस ने कुछ कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया.
चुनाव को लेकर निर्णय नहीं होने तक आंदोलन रहेगा जारी: एनएसयूआई पदाधिकारी नवीन कोमल ने बताया कि राजनीति की पहली सीढ़ी छात्रसंघ चुनाव है. भजनलाल सरकार को छात्रसंघ चुनाव करवाने चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने छात्रसंघ चुनाव की मांग को अनसुना किया, तो एनएसयूआई के कार्यकर्ता उग्र आंदोलन करेंगे. मांग पूरी नहीं हुई तो रेल रोको और हाइवे जाम कर आंदोलन किए जाएंगे. एनएसयूआई की पदाधिकारी लकी जैन ने कहा कि जब तक भजनलाल सरकार छात्रसंघ चुनाव करवाने का निर्णय नहीं ले लेती, तब तक एनएसयूआई का विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.
उन्होंने कहा कि अपना नेता चुनने का अधिकार सबको है. जैन ने कहा कि विधानसभा और लोकसभा चुनाव पर प्रतिबंध नहीं लगता है, तो फिर छात्रसंघ चुनाव पर प्रतिबंध क्यों लगाया गया है. प्रदेश अध्यक्ष विनोद जाखड़ के आह्वान पर प्रदेश में कई जिलों में विरोध प्रदर्शन किए गए हैं. उन्होंने यह भी कहा कि संबंधित थाने के प्रभारी से भी मिलकर हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं को छुड़ाया जाएगा.
प्राचार्य को सीएम के नाम सौपा मांग पत्र: विरोध प्रदर्शन के बाद एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने प्राचार्य को छात्रसंघ चुनाव करवाने की मांग को लेकर सीएम के नाम मांग पत्र सौंपा. मांग पत्र में एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने लिखा है कि हर वर्ष छात्रसंघ चुनाव होने पर छात्र प्रतिनिधि विजय होकर आते हैं और विद्यार्थियों की परेशानियां के निराकरण के लिए काम करते हैं. इसलिए छात्रसंघ चुनाव पर लगी पाबंदी हटनी चाहिए.