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Utility News : अगर बचाना चाहते हैं टैक्स और करना चाहते हैं अपना फ्यूचर सेफ तो NPS है आपके लिए बेस्ट

Know about the benefits of NPS, एनपीएस यानी राष्ट्रीय पेंशन योजना. यह केंद्र सरकार की एक सामाजिक सुरक्षा पहल है. यह योजना सशस्त्र बलों के अलावा सभी सरकारी, निजी व असंगठित क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए ओपन है. 60 साल के बाद पेंशन पाने के लिए यह एक बेहतरीन स्कीम है, जिसमें आपको टैक्स बेनिफिट भी मिलता है. जानिए इस रिपोर्ट में विस्तार से...

National Pension Scheme
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 13, 2024, 8:19 AM IST

जयपुर. आप और हम, एक ना एक दिन तो सभी को रिटायर होना ही है. आखिर थकान भरी जिंदगी कितनी दौड़ भाग कर पाएगी. कभी सोचा है आपने कि जब आप अपना व्यापार, नौकरी सब छोड़कर घर बैठ जाएंगे तो आखिर फिर आपके शेष जीवन के लिए धन कहां से आएगा ? इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 2004 में राष्ट्रीय पेंशन स्कीम को लागू किया था, ताकि निवेशकों का शेष जीवन बिना किसी आर्थिक बाधा के चल सके. बुढ़ापे में पेंशन की व्यवस्था के लिए कई सरकार योजनाएं हैं, लेकिन उनमें सबसे बेहतर है NPS. यह निवेश के लिए एक अच्छा विकल्प है. इसमें निवेश के बाद आप भले ही स्वैच्छिक रिटायर हो या 60 साल बाद, आपको मासिक राशि आपके खाते में मिलती जाएगी.

क्या है एनपीएस : एनपीएस यानी की राष्ट्रीय पेंशन योजना केंद्र सरकार की एक सामाजिक सुरक्षा पहल है. यह योजना सशस्त्र बलों के अलावा सभी सरकारी, निजी और असंगठित क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए ओपन है. 60 साल के बाद पेंशन पाने के लिए यह एक बेहतरीन स्कीम है. योजना के तहत आप अपने नौकरी के दौरान अपनी सैलरी का कुछ भाग नियमित अंतराल पर पेंशन खाते में निवेश कर सकते हैं. सेवानिवृत्ति के बाद आप इस खाते से 60 फीसदी तक राशि निकाल सकते हैं. बची हुई राशि आपको पैंशन के साथ हर महीने मिलती जाएगी.

हर भारतीय कर सकता है निवेश : साल 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने इस स्कीम को लागू किया था. शुरुआत में तो यह केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए ही खुली थी, लेकिन बाद में सरकार ने इस निजी और असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी खोल दिया. यहां तक की 1 जनवरी 2004 और उसके बाद सरकारी नौकरी में शामिल होने वाले कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से इसी स्कीम के तहत निवेश करना होगा. पीएफआरडीए ने अब इसे स्वैच्छिक आधार पर सभी तरह के कर्मचारियों के लिए ओपन कर दिया है.

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कम जोखिम, ज्यादा रिटर्न : अगर आप निजी क्षेत्र के कर्मचारी हो तो आपके लिए तो यह स्कीम बहुत अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि रिटायरमेंट के बाद हर व्यक्ति को नियमित पेंशन की जरूरत तो पड़ती ही है. अगर आप अपना रिटायरमेंट प्लान जल्दी का बना रहे हैं तो भी एनपीएस आपके लिए एक अच्छी योजना है. कम जोखिम के साथ ज्यादा रिटर्न पाने के लिए एनपीएस का सहारा लेना चाहिए. एक व्यवस्थित निवेश के जरीए वेतनभोगी लोग अच्छे रिटर्न के लिए इस योजना से लाभ प्राप्त कर सकते हैं.

पीएफ से बहुत अधिक रिटर्न : हम यह भी बता देते हैं कि एनपीएस का एक भाग इक्विटी में जाता है. आमतौर पर यह रिटर्न की गारंटी तो नहीं देता, लेकिन पीएफ से बहुत अधिक रिटर्न देता है. अब तक इस योजना ने 9 से 12 फीसदी का वार्षिक रिटर्न दिया है. एनपीएस में एक लाभ यह भी है कि यदि आप किसी कारण से फंड के प्रदर्शन से खुश नहीं हैं तो यह स्कीम आपको अपना फंड मैनेजर बदलने की भी अनुमति देती है.

एनपीएस के लिए इक्विटी एक्सपोज़र पर 75 से 50 फीसदी की सीमा है. गर्वमेंट एम्पलॉय के लिए यह लिमिट 50 फीसदी की है. निवेशक जब 50 साल का हो जाएगा, उसी वर्ष से शुरू करके प्रत्येक साल इक्विटी भाग 2.5 फीसदी कम हो जाएगा. हालांकि, 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के निवेशक के लिए यह सीमा 50 फीसदी ही निर्धारित है. यह निवेशकों के हित में जोखिम-रिटर्न समीकरण को स्थिर करता है. मार्केट में चल रही दूसरी आय योजनाओं की अपेक्षा राष्ट्रीय पेंशन स्कीम की कमाई क्षमता अधिक है. इसका नियंत्रण पीएफआरडीए (पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) की ओर से किया जाता है.

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दो प्रकार के अकाउंट : इसमें दो तरह के अकाउंट खोले जा सकते हैं. Tier-I अकाउंट सेवानिवृत्ति का अकाउंट होता है. यह अकाउंट कर्मचारी खुद खुलवाता है. वहीं, Tier-II वॉलंटरी अकाउंट होता है. इसे इन्वेस्टमेंट अकाउंट भी कहते हैं. इस अकाउंट में कोई भी सैलरीड पर्सन इन्वेस्ट स्टार्ट कर सकता है.

क्या मैं समय से पहले पैसे निकाल सकता हूं ? : जी हां. समय से पहले भी आप कुछ राशि निकाल सकते हैं. एनपीएस में प्रीमैच्योर ली विदड्रॉल की सुविधा मिलती है, बशर्ते अकाउंट की उम्र तीन साल हो गई हो. Tier-I में कुछ स्थिति में मैच्योरिटी से पहले पैसे निकाले जा सकते हैं. वहीं, Tier-II में तो कभी भी राशि निकाली जा सकती है. इसमें भी एक शर्त यह है कि निवेशक केवल तीन बार ही फंड निकाल सकता है.

टैक्स बेनिफिट भी मिलता है : राष्ट्रीय पेंशन स्कीम में निवेशक को टैक्स बेनिफिट मिलता है. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80CCD(1) के तहत ग्रॉस इनकम का 10 प्रतिशत का टैक्स में डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. सेक्शन 80 CCE के तहत 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. कुछ लोगों का सवाल होगा कि 60 साल पूरे होने पर जो राशि मिलती है, क्या उस पर कोई टैक्स लगता है ? जवाब है नहीं. मैच्योरिटी की राशि पर कोई टैक्स नहीं लगता.

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एनपीएस अकाउंट कैसे खुलवाए : Tier-I अकाउंट कर्मचारी अपनी कंपनी से खुलवा सकता है. जबकि, Tier-II अकाउंट एनपीएस की वेबसाइट से खोला जा सकता है. इसके लिए जरूरी दस्तावेज पैन कार्ड जरूर होना चाहिए. ग्राहक का आधार नंबर मोबाइल नंबर से लिंक होना भी जरूरी है.

बता दें कि नेशनल पेंशन स्कीम के अंतर्गत न्यूनतम निवेश की सीमा 6000 रुपये है. यदि न्यूनतम सीमा जितना निवेश नहीं किया जाता है तो अकाउंट फ्रीज कर दिया जाता है और फिर अकाउंट डिफ्रीज करवाने के लिए 100 रुपये की पेनल्टी भी देनी होगी.

जयपुर. आप और हम, एक ना एक दिन तो सभी को रिटायर होना ही है. आखिर थकान भरी जिंदगी कितनी दौड़ भाग कर पाएगी. कभी सोचा है आपने कि जब आप अपना व्यापार, नौकरी सब छोड़कर घर बैठ जाएंगे तो आखिर फिर आपके शेष जीवन के लिए धन कहां से आएगा ? इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने 2004 में राष्ट्रीय पेंशन स्कीम को लागू किया था, ताकि निवेशकों का शेष जीवन बिना किसी आर्थिक बाधा के चल सके. बुढ़ापे में पेंशन की व्यवस्था के लिए कई सरकार योजनाएं हैं, लेकिन उनमें सबसे बेहतर है NPS. यह निवेश के लिए एक अच्छा विकल्प है. इसमें निवेश के बाद आप भले ही स्वैच्छिक रिटायर हो या 60 साल बाद, आपको मासिक राशि आपके खाते में मिलती जाएगी.

क्या है एनपीएस : एनपीएस यानी की राष्ट्रीय पेंशन योजना केंद्र सरकार की एक सामाजिक सुरक्षा पहल है. यह योजना सशस्त्र बलों के अलावा सभी सरकारी, निजी और असंगठित क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए ओपन है. 60 साल के बाद पेंशन पाने के लिए यह एक बेहतरीन स्कीम है. योजना के तहत आप अपने नौकरी के दौरान अपनी सैलरी का कुछ भाग नियमित अंतराल पर पेंशन खाते में निवेश कर सकते हैं. सेवानिवृत्ति के बाद आप इस खाते से 60 फीसदी तक राशि निकाल सकते हैं. बची हुई राशि आपको पैंशन के साथ हर महीने मिलती जाएगी.

हर भारतीय कर सकता है निवेश : साल 2004 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने इस स्कीम को लागू किया था. शुरुआत में तो यह केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए ही खुली थी, लेकिन बाद में सरकार ने इस निजी और असंगठित क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए भी खोल दिया. यहां तक की 1 जनवरी 2004 और उसके बाद सरकारी नौकरी में शामिल होने वाले कर्मचारियों को अनिवार्य रूप से इसी स्कीम के तहत निवेश करना होगा. पीएफआरडीए ने अब इसे स्वैच्छिक आधार पर सभी तरह के कर्मचारियों के लिए ओपन कर दिया है.

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कम जोखिम, ज्यादा रिटर्न : अगर आप निजी क्षेत्र के कर्मचारी हो तो आपके लिए तो यह स्कीम बहुत अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है, क्योंकि रिटायरमेंट के बाद हर व्यक्ति को नियमित पेंशन की जरूरत तो पड़ती ही है. अगर आप अपना रिटायरमेंट प्लान जल्दी का बना रहे हैं तो भी एनपीएस आपके लिए एक अच्छी योजना है. कम जोखिम के साथ ज्यादा रिटर्न पाने के लिए एनपीएस का सहारा लेना चाहिए. एक व्यवस्थित निवेश के जरीए वेतनभोगी लोग अच्छे रिटर्न के लिए इस योजना से लाभ प्राप्त कर सकते हैं.

पीएफ से बहुत अधिक रिटर्न : हम यह भी बता देते हैं कि एनपीएस का एक भाग इक्विटी में जाता है. आमतौर पर यह रिटर्न की गारंटी तो नहीं देता, लेकिन पीएफ से बहुत अधिक रिटर्न देता है. अब तक इस योजना ने 9 से 12 फीसदी का वार्षिक रिटर्न दिया है. एनपीएस में एक लाभ यह भी है कि यदि आप किसी कारण से फंड के प्रदर्शन से खुश नहीं हैं तो यह स्कीम आपको अपना फंड मैनेजर बदलने की भी अनुमति देती है.

एनपीएस के लिए इक्विटी एक्सपोज़र पर 75 से 50 फीसदी की सीमा है. गर्वमेंट एम्पलॉय के लिए यह लिमिट 50 फीसदी की है. निवेशक जब 50 साल का हो जाएगा, उसी वर्ष से शुरू करके प्रत्येक साल इक्विटी भाग 2.5 फीसदी कम हो जाएगा. हालांकि, 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के निवेशक के लिए यह सीमा 50 फीसदी ही निर्धारित है. यह निवेशकों के हित में जोखिम-रिटर्न समीकरण को स्थिर करता है. मार्केट में चल रही दूसरी आय योजनाओं की अपेक्षा राष्ट्रीय पेंशन स्कीम की कमाई क्षमता अधिक है. इसका नियंत्रण पीएफआरडीए (पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी) की ओर से किया जाता है.

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दो प्रकार के अकाउंट : इसमें दो तरह के अकाउंट खोले जा सकते हैं. Tier-I अकाउंट सेवानिवृत्ति का अकाउंट होता है. यह अकाउंट कर्मचारी खुद खुलवाता है. वहीं, Tier-II वॉलंटरी अकाउंट होता है. इसे इन्वेस्टमेंट अकाउंट भी कहते हैं. इस अकाउंट में कोई भी सैलरीड पर्सन इन्वेस्ट स्टार्ट कर सकता है.

क्या मैं समय से पहले पैसे निकाल सकता हूं ? : जी हां. समय से पहले भी आप कुछ राशि निकाल सकते हैं. एनपीएस में प्रीमैच्योर ली विदड्रॉल की सुविधा मिलती है, बशर्ते अकाउंट की उम्र तीन साल हो गई हो. Tier-I में कुछ स्थिति में मैच्योरिटी से पहले पैसे निकाले जा सकते हैं. वहीं, Tier-II में तो कभी भी राशि निकाली जा सकती है. इसमें भी एक शर्त यह है कि निवेशक केवल तीन बार ही फंड निकाल सकता है.

टैक्स बेनिफिट भी मिलता है : राष्ट्रीय पेंशन स्कीम में निवेशक को टैक्स बेनिफिट मिलता है. इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80CCD(1) के तहत ग्रॉस इनकम का 10 प्रतिशत का टैक्स में डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. सेक्शन 80 CCE के तहत 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम किया जा सकता है. कुछ लोगों का सवाल होगा कि 60 साल पूरे होने पर जो राशि मिलती है, क्या उस पर कोई टैक्स लगता है ? जवाब है नहीं. मैच्योरिटी की राशि पर कोई टैक्स नहीं लगता.

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एनपीएस अकाउंट कैसे खुलवाए : Tier-I अकाउंट कर्मचारी अपनी कंपनी से खुलवा सकता है. जबकि, Tier-II अकाउंट एनपीएस की वेबसाइट से खोला जा सकता है. इसके लिए जरूरी दस्तावेज पैन कार्ड जरूर होना चाहिए. ग्राहक का आधार नंबर मोबाइल नंबर से लिंक होना भी जरूरी है.

बता दें कि नेशनल पेंशन स्कीम के अंतर्गत न्यूनतम निवेश की सीमा 6000 रुपये है. यदि न्यूनतम सीमा जितना निवेश नहीं किया जाता है तो अकाउंट फ्रीज कर दिया जाता है और फिर अकाउंट डिफ्रीज करवाने के लिए 100 रुपये की पेनल्टी भी देनी होगी.

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