करसोग: जिला मंडी के करसोग में सिंचाई कूहल पर अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ जल शक्ति विभाग ने नियमों का डंडा चला दिया है. यहां 40 लाख से निर्मित सिंचाई कूहल पर अतिक्रमण मामले में 6 लोगों को नोटिस जारी किया गया है. यही नहीं सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के जुर्म में इन लोगों के खिलाफ पुलिस में भी शिकायत दी गई है.
ईटीवी भारत ने 21 फरवरी खबर प्रकाशित कर लोगों की समस्या को प्रमुखता से उठाया था. वहीं, इमला खड्ड से खेतों में सिंचाई के लिए बनाई गई तीन किलोमीटर कूहल का पूरा निरीक्षण किया जाना अभी बाकी है. ऐसे में विभाग के अधिकारियों की ओर से आने वाले दिनों में निरीक्षण किए जाने पर और कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. बता दें कि जल शक्ति विभाग की कूहल पर जगह-जगह अतिक्रमण होने से खेतों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल रहा है. जिस कारण बहुत से किसानों ने पानी की व्यवस्था न होने से धान की खेती करनी छोड़ दी है.
150 बीघा जमीन हुई प्रभावित: जल शक्ति विभाग ने अप्पर और लोअर करसोग में कूहल निर्माण पर करीब 40 लाख खर्च किए गए थे, लेकिन अब अतिक्रमण से कूहल सुखी पड़ी है. जिससे करीब 150 बीघा उपजाऊ भूमि किसानों ने धान की खेती करना छोड़ दिया है. करसोग में इमला खड्ड से करीब तीन किलोमीटर की कूहल के माध्यम से सनारली, करसोग, लोअर करसोग में करीब 300 बीघा भूमि पर सिंचाई की जाती थी.
विभाग ने वर्ष 2019-20 में इस कूहल को पक्का किया था. ऐसे में कुछ समय तक तो किसानों को सिंचाई के लिए कूहल के माध्यम से पर्याप्त पानी मिलता रहा, लेकिन अब लगातार हो रहे भवन निर्माण की वजह से कई जगहों पर ये कूहल अतिक्रमण की भेंट चढ़ गई है. जिसके कारण 150 बीघा उपजाऊ भूमि में किसानों ने धान की खेती छोड़ दी है. अब केवल इन खेतों में मक्की और गेहूं ही फसल की जा रही है। ऐसे में विभाग की सख्ती के बाद किसानों में खेतों तक पानी पहुंचने की उम्मीद बंधी है.
जल शक्ति विभाग के अधिशाषी अभियंता कृष्ण कुमार शर्मा का कहना है कि 6 लोगों को नोटिस जारी किए गए हैं. इसके साथ ही इन लोगों के खिलाफ पुलिस में शिकायत दी गई है. उनका कहना है कि जल्द ही पूरी कूहल का निरीक्षण किया जाएगा. इस दौरान अतिक्रमण के और मामले पाए जाते हैं तो ऐसे लोगों के खिलाफ भी कानूनी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी. उन्होंने कहा कि निशानदेही करके कूहल को पूरी तरह अतिक्रमण से मुक्त किया जाएगा.
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