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नोएडा: वाहन चोर गिरोह के सरगना सहित तीन बदमाशों को रिमांड पर लेगी पुलिस, कोर्ट में लगाई अर्जी - police remand to vehicle theft gang

नोएडा पुलिस ने वाहन चोर गिरोह के सरगना समेत तीन बदमाशों को रिमांड पर लेने के लिए सूरजपुर कोर्ट में अर्जी लगाई है. पुलिस के मुताबिक, गिरोह के सदस्य हाइटेक तरीके से वाहनों की चोरी करते हैं.

नोएडा में वाहन चोर बदमाशों को रिमांड पर लेगी पुलिस,
नोएडा में वाहन चोर बदमाशों को रिमांड पर लेगी पुलिस, (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 26, 2024, 7:54 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: दिल्ली-एनसीआर में चार पहिया वाहनों की चोरी करने वाले गिरोह के सरगना सहित तीन बदमाशों को नोएडा पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. आरोपियों की 14 दिन की पुलिस कस्टडी के लिए सूरजपुर कोर्ट में अर्जी लगाई गई है. बीते दिनों सेक्टर-113 थाने की पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश करते हुए सरगना सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था.

एसीपी शैव्या गोयल ने बताया कि आरोपियों की निशानदेही पर चोरी के दस चार पहिया वाहन बरामद किए गए थे, लेकिन पूछताछ के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाया था. ऐसे में ज्यादा बरामदगी के लिए गिरोह के मुख्य आरोपियों से और पूछताछ की आवश्यकता है. यही कारण है कि संभल निवासी मोनू कुमार, हरियाणा के करनाल निवासी सोनू और मुरादाबाद निवासी खलील अहमद की पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए सेक्टर-113 थाने की पुलिस ने सूरजपुर कोर्ट में अर्जी लगाई है. सोनू गिरोह का सरगना है.

सवालों की सूची पुलिस ने की तैयार: रिमांड कितने दिनों की मिलेगी यह जज के ऊपर निर्भर करेगा. आरोपियों से पूछताछ के लिए सवालों की सूची नोएडा पुलिस के अधिकारियों ने तैयार कर ली है. गिरोह के अन्य तीन आरोपियों की रिमांड के लिए दूसरे थाने की पुलिस बाद में अर्जी लगाएगी. आरोपियों ने अबतक दो सौ से अधिक चार पहिया वाहनों की चोरी दिल्ली-एनसीआर समेत अन्य राज्यों में की है. गिरोह के बदमाशों के खिलाफ हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब और दिल्ली के अलग-अलग थानों में 50 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. कई आरोपी पूर्व में जेल भी जा चुके हैं. आरोपियों की उम्र 29 से 38 साल के बीच की है.

हाइटेक तरीके से करते थे वाहनों की चोरी: एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि गिरोह के सदस्य हाइटेक तरीके से वाहनों की चोरी करते हैं. आरोपी की- प्रोग्रामिंग पैड का इस्तेमाल कर ईसीएम (इलेक्ट्रॉनिक कंटेंट मैनेजमेंट ) मशीन को रिप्रोग्राम कर लेते हैं. इससे पूरी गाड़ी इनके नियंत्रण में आ जाती है. यह सब करने में आरोपियों को महज दस से 15 मिनट का समय लगता है. आरोपी अपने पास गाड़ियों का लॉक तोड़ने और नकली चाबी बनाने के उपकरण भी रखते हैं. चाबियों का गुच्छा भी इनके पास रहता है. इससे आरोपी आसानी से वाहनों की चोरी कर लेते हैं.

नई दिल्ली/नोएडा: दिल्ली-एनसीआर में चार पहिया वाहनों की चोरी करने वाले गिरोह के सरगना सहित तीन बदमाशों को नोएडा पुलिस रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी. आरोपियों की 14 दिन की पुलिस कस्टडी के लिए सूरजपुर कोर्ट में अर्जी लगाई गई है. बीते दिनों सेक्टर-113 थाने की पुलिस ने गिरोह का पर्दाफाश करते हुए सरगना सहित छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था.

एसीपी शैव्या गोयल ने बताया कि आरोपियों की निशानदेही पर चोरी के दस चार पहिया वाहन बरामद किए गए थे, लेकिन पूछताछ के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाया था. ऐसे में ज्यादा बरामदगी के लिए गिरोह के मुख्य आरोपियों से और पूछताछ की आवश्यकता है. यही कारण है कि संभल निवासी मोनू कुमार, हरियाणा के करनाल निवासी सोनू और मुरादाबाद निवासी खलील अहमद की पुलिस कस्टडी रिमांड के लिए सेक्टर-113 थाने की पुलिस ने सूरजपुर कोर्ट में अर्जी लगाई है. सोनू गिरोह का सरगना है.

सवालों की सूची पुलिस ने की तैयार: रिमांड कितने दिनों की मिलेगी यह जज के ऊपर निर्भर करेगा. आरोपियों से पूछताछ के लिए सवालों की सूची नोएडा पुलिस के अधिकारियों ने तैयार कर ली है. गिरोह के अन्य तीन आरोपियों की रिमांड के लिए दूसरे थाने की पुलिस बाद में अर्जी लगाएगी. आरोपियों ने अबतक दो सौ से अधिक चार पहिया वाहनों की चोरी दिल्ली-एनसीआर समेत अन्य राज्यों में की है. गिरोह के बदमाशों के खिलाफ हरियाणा, उत्तर प्रदेश, पंजाब और दिल्ली के अलग-अलग थानों में 50 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं. कई आरोपी पूर्व में जेल भी जा चुके हैं. आरोपियों की उम्र 29 से 38 साल के बीच की है.

हाइटेक तरीके से करते थे वाहनों की चोरी: एडिशनल डीसीपी मनीष कुमार मिश्र ने बताया कि गिरोह के सदस्य हाइटेक तरीके से वाहनों की चोरी करते हैं. आरोपी की- प्रोग्रामिंग पैड का इस्तेमाल कर ईसीएम (इलेक्ट्रॉनिक कंटेंट मैनेजमेंट ) मशीन को रिप्रोग्राम कर लेते हैं. इससे पूरी गाड़ी इनके नियंत्रण में आ जाती है. यह सब करने में आरोपियों को महज दस से 15 मिनट का समय लगता है. आरोपी अपने पास गाड़ियों का लॉक तोड़ने और नकली चाबी बनाने के उपकरण भी रखते हैं. चाबियों का गुच्छा भी इनके पास रहता है. इससे आरोपी आसानी से वाहनों की चोरी कर लेते हैं.

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