नई दिल्ली/नोएडा: गौतम बुद्ध नगर में स्क्रैप और सरिया माफिया पर पुलिस ने कड़ी नकेल कसी है. पुलिस ने इस गैंग के दर्जनों सदस्यों को गिरफ्तार कर जेल भेजा है. इसके साथ उनके सैकड़ों करोड़ की संपत्ति को भी कुर्क किया है. हालांकि, गिरोह का सरगना रवि काना अभी भी फरार है, जिसकी तलाश पुलिस कर रही है.
दरअसल, गौतम बुद्ध नगर में हजारों की संख्या में फैक्ट्रियां हैं. उन फैक्ट्रियों से रवि काना और उसके गिरोह ने जबरन स्क्रैप के ठेके लिए. जानकारी के अनुसार, जो स्क्रैप के ठेके देने में आनाकानी करते थे उनको डरा धमका कर ठेके लिए जाते थे. रवि काना गैंग के लोग कम कीमत में स्क्रैप उठाते थे और फिर उसे बड़ी कीमतों में बेचते थे. जिले में अधिकांश साइटों पर जो ट्रक में सरिया आता था इस गिरोह के बदमाश उस सरिया में से काफी संख्या में सरिया के बंडल उतार लेते थे. फिर साइड पर जाकर जबरन इंचार्ज से पूरी संख्या पेपरों में दर्ज कराते थे.
स्क्रैप माफिया रवि काना और उसके गिरोह के खिलाफ ग्रेटर नोएडा के थाना बीटा दो में 16 सदस्यों के खिलाफ गैंगस्टर का मामला दर्ज किया गया. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए इस गिरोह के एक दर्जन से ज्यादा आरोपियों को गिरफ्तार किया. रवि काना की पत्नी मधु को भी पुलिस ने दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. हालांकि, इस गिरोह का सरगना रवि और उसकी महिला मित्र काजल झा अभी भी फरार है. पुलिस ने इस गिरोह की कमर तोड़ने के लिए लगभग 150 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति को कुर्क किया है.
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कौन है स्क्रैप माफिया रवि काना: रविंद्र सिंह उर्फ रवि उर्फ रवि काना ग्रेटर नोएडा के दादूपुर गांव का रहने वाला है. रवि का छोटा भाई हरेंद्र प्रधान था, जिसकी 2005 में सुंदर भाटी गिरोह द्वारा हत्या कर दी गई थी. प्रधान हरेंद्र नागर हत्याकांड के बाद स्क्रैप और सरिया तस्करी के अवैध कारोबार की डोर रवि काना ने संभाली थी. हरेंद्र नागर की हत्या के बाद रवि ने सरकार से सुरक्षा की मांग की, जिसके बाद पुलिस द्वारा सुरक्षा मुहैया कराई गई. इसके बाद रवि काना ने सरकार द्वारा मिली हुई सुरक्षा का दुरुपयोग करते हुए स्क्रैप और सरिया तस्करी के अवैध कारोबार को बढ़ाता चला गया.