नई दिल्ली: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2024 में सफदरजंग, नई दिल्ली में इस महीने का अधिकतम और न्यूनतम तापमान, 1951 के बाद का सबसे गर्म अक्टूबर रहा. IMD के डेटा के अनुसार, इस महीने सफदरजंग में औसत अधिकतम तापमान 35.1 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 21.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है. इससे पहले, 1907 में अधिकतम तापमान 35.5 डिग्री सेल्सियस, 1930 में 35.0 डिग्री सेल्सियस, 1938 में 35.0 डिग्री सेल्सियस, 1941 में 35.8 डिग्री सेल्सियस और 1951 में 36.2 डिग्री सेल्सियस जैसे रिकॉर्ड दर्ज किए गए थे.
प्रदूषण की बढ़ती समस्या: इस अत्यधिक गर्मी के साथ-साथ, दिल्ली में हाल के समय में प्रदूषण के स्तर में भी भारी उछाल देखा गया है. दिवाली के बाद, पटाखों पर प्रतिबंध के बावजूद, कई निवासियों ने इसका उल्लंघन किया, जिसके परिणामस्वरूप शुक्रवार की सुबह धुएं के रंग की धुंध लौट आई. दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 350 से अधिक दर्ज किया गया, जो निवासियों के लिए स्वास्थ्य-संबंधी चिंताओं का कारण बन रहा है.
Delhi | Monthly maximum and minimum temperatures over Safdarjung for the month of October have been recorded as 35.1°C and 21.2°C respectively. October 2024 becomes the warmest October over Safdarjung after 1951 in terms of both maximum and minimum temperatures: IMD pic.twitter.com/oWdpnPJROa
— ANI (@ANI) November 1, 2024
यह भी पढ़ें- दिल्ली-NCR में पटाखों के धुएं से सांस लेना हुआ मुश्किल, कई इलाकों की हवा हुई 'जहरीली'
साइकलिंग करते समय इंडिया गेट के पास एक निवासी स्टीफन ने कहा, "प्रदूषण की वजह से भयानक चीज़ें हो रही हैं. प्रदूषण के कारण कुछ दिन पहले मेरा भाई बीमार पड़ गया." आनंद विहार में AQI 395, आया नगर में 352, जहांगीरपुरी में 390 और द्वारका में 376 दर्ज किया गया, जिन सभी क्षेत्रों में 'बहुत खराब' वायु गुणवत्ता स्तर देखा गया है.
प्रदूषण का व्यापक प्रभाव: दिल्ली में प्रदूषण की समस्या केवल स्थानीय नहीं है, बल्कि यह पूरे देश में फैली हुई है. चेन्नई और मुंबई जैसे महानगरों में भी धुंध और खराब वायु गुणवत्ता ने लोगों के जीवन को प्रभावित किया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के आंकड़ों में दिवाली के बाद प्रदूषण में उछाल का संकेत मिला है, जिससे पूरे देश में वायु गुणवत्ता और संभावित स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में चिंताएं बढ़ गई हैं.
यह भी पढ़ें- Delhi: दिल्ली में 10 सालों में इस बार सबसे ज्यादा हादसे, 12 घंटे में फायर ब्रिगेड के पास आए 320 कॉल