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हिमाचल हाईकोर्ट में 23 अप्रैल को होगी कारोबारी निशांत के सुरक्षा मामले की अगली सुनवाई - businessman Nishant Security Case - BUSINESSMAN NISHANT SECURITY CASE

हाईकोर्ट ने कारोबारी निशांत कुमार शर्मा के सुरक्षा से जुड़े मामलों की सुनवाई 23 को करेगी. मामले में गठित एसआईटी को कोर्ट ने ताजा रिपोर्ट दायर करने को लेकर आदेश दिए हैं. इसके पहले डीजीपी और एसपी में हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया था. जिसके बाद दोनों का तबादला रुक गया था. पढ़ें पूरी खबर...

The next hearing of the security case of businessman Nishant will be held in the High Court on April 23, order for transfer of DGP and SP was given.
The next hearing of the security case of businessman Nishant will be held in the High Court on April 23, order for transfer of DGP and SP was given.
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Mar 26, 2024, 6:43 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में पालमपुर के कारोबारी निशांत कुमार शर्मा की सुरक्षा से जुड़े मामले पर अगली सुनवाई 23 अप्रैल को होगी. मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने इस मामले में गठित एसआईटी को ताजा स्टेट्स रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए. गौैरतलब है कि इस मामले में हाईकोर्ट ने स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच का हवाला देते हुए डीजीपी संजय कुंडू और एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री का तबादला करने के आदेश दिए थे. इसके बाद दोनों अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर कर हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. इसके बाद दोनों को राहत मिली थी.

सुप्रीम कोर्ट से राहत पाने के बाद दोनों अधिकारी अपने पदों पर बने हुए है. इस मामले में प्रार्थी निशांत ने अपने और अपने परिवार की सुरक्षा को खतरा बताते हाईकोर्ट को ई-मेल के माध्यम से अवगत करवाया था. इस ई-मेल को आपराधिक रिट याचिका में तब्दील करते हुए हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित कर एसपी शिमला और एसपी कांगड़ा को प्रार्थी को उचित सुरक्षा मुहैया करवाने के आदेश दिए थे.

मामले के अनुसार निशांत कुमार शर्मा ने 28 अक्तूबर 2023 को हाईकोर्ट को ई-मेल के माध्यम से अपने और अपने परिवार की जान को खतरे की बात लिखी है. प्रार्थी ने लिखा है कि वह चिंतित और भयभीत है कि उन्हें या तो पुलिस प्रमुख संजय कुंडू द्वारा मार दिया जाएगा या गंभीर रूप से डराया धमकाया जाएगा. कारोबारी ने लिखा है कि गुरुग्राम में भी उस पर हमला हो चुका है, जिसमें वह बच गया. इस वारदात की रिपोर्ट को वापिस लेने के लिए उस पर दो बाइक सवार व्यक्तियों ने भागसूनाग और मैक्लोडगंज के बीच वाले रास्ते में रोक कर धमकाया. मुख्य न्यायाधीश ने ई-मेल पर संज्ञान लेते हुए प्रशासनिक आदेशों से इसे अपराधिक रिट याचिका पंजीकृत करने के आदेश दिए थे. कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने के बाद ही प्रार्थी के आरोपों की प्राथमिकी कांगड़ा जिला में दर्ज की गई थी.

ये भी पढ़ें- सीएम सुक्खू के जन्मदिन पर मंडी में कार्यक्रम, कांग्रेस में हावी दिखी गुटबाजी!

शिमला: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में पालमपुर के कारोबारी निशांत कुमार शर्मा की सुरक्षा से जुड़े मामले पर अगली सुनवाई 23 अप्रैल को होगी. मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने इस मामले में गठित एसआईटी को ताजा स्टेट्स रिपोर्ट दायर करने के आदेश दिए. गौैरतलब है कि इस मामले में हाईकोर्ट ने स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच का हवाला देते हुए डीजीपी संजय कुंडू और एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री का तबादला करने के आदेश दिए थे. इसके बाद दोनों अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर कर हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. इसके बाद दोनों को राहत मिली थी.

सुप्रीम कोर्ट से राहत पाने के बाद दोनों अधिकारी अपने पदों पर बने हुए है. इस मामले में प्रार्थी निशांत ने अपने और अपने परिवार की सुरक्षा को खतरा बताते हाईकोर्ट को ई-मेल के माध्यम से अवगत करवाया था. इस ई-मेल को आपराधिक रिट याचिका में तब्दील करते हुए हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित कर एसपी शिमला और एसपी कांगड़ा को प्रार्थी को उचित सुरक्षा मुहैया करवाने के आदेश दिए थे.

मामले के अनुसार निशांत कुमार शर्मा ने 28 अक्तूबर 2023 को हाईकोर्ट को ई-मेल के माध्यम से अपने और अपने परिवार की जान को खतरे की बात लिखी है. प्रार्थी ने लिखा है कि वह चिंतित और भयभीत है कि उन्हें या तो पुलिस प्रमुख संजय कुंडू द्वारा मार दिया जाएगा या गंभीर रूप से डराया धमकाया जाएगा. कारोबारी ने लिखा है कि गुरुग्राम में भी उस पर हमला हो चुका है, जिसमें वह बच गया. इस वारदात की रिपोर्ट को वापिस लेने के लिए उस पर दो बाइक सवार व्यक्तियों ने भागसूनाग और मैक्लोडगंज के बीच वाले रास्ते में रोक कर धमकाया. मुख्य न्यायाधीश ने ई-मेल पर संज्ञान लेते हुए प्रशासनिक आदेशों से इसे अपराधिक रिट याचिका पंजीकृत करने के आदेश दिए थे. कोर्ट द्वारा संज्ञान लेने के बाद ही प्रार्थी के आरोपों की प्राथमिकी कांगड़ा जिला में दर्ज की गई थी.

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