नई दिल्ली: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित नीट परीक्षा में हाल ही में हुए कथित घोटाले को लेकर दिल्ली में शिक्षा मंत्रालय और एनटीए ऑफिस पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी), स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और ऑल इंडिया स्टूडेंट एसोसिएशन (आइसा) तीनों छात्र संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया गया.
नीट यूजी परीक्षा परिणाम में अनियमितता के खिलाफ शिक्षा मंत्रालय पर अपना आक्रोश व्यक्त करने के लिए सैकड़ों छात्र आज दिल्ली में एकत्र हुए. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यह विरोध प्रदर्शन एनटीए की निष्पक्ष और सुरक्षित परीक्षा आयोजित करने की क्षमता के बारे में बढ़ती चिंताओं के बीच हुआ है. हाल ही में कथित नीट घोटाला एजेंसी के इर्द-गिर्द कई विवादों के बाद हुआ है, जिसमें केंद्रीय विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा (सीयूईटी) में पेपर लीक भी शामिल है. इन घटनाओं ने न केवल छात्रों के लिए अत्यधिक तनाव और चिंता पैदा की है, बल्कि उनके भविष्य को भी खतरे में डाल दिया है.
प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षित परीक्षा आयोजित करने में बार-बार विफल होने के कारण एनटीए को पूरी तरह से खत्म करने का आह्वान किया. जेएनयूएसयू के उपाध्यक्ष अविजित घोष ने कहा कि छात्र नीट परीक्षा में कथित अनियमितताओं की स्वतंत्र और पारदर्शी जांच की मांग करते हैं. इसके साथ शिक्षा मंत्रालय से प्रवेश परीक्षाओं की अखंडता की रक्षा के लिए अधिक विश्वसनीय और सुरक्षित परीक्षा प्रणाली स्थापित करने की मांग करते हैं.
एसएफआई दिल्ली के संयुक्त सचिव सूरज एलमोन ने कहा कि एनटीए ने परीक्षा आयोजित करने के अपने दोषपूर्ण तरीकों के माध्यम से बार-बार छात्र समुदाय को धोखा दिया है. प्रदर्शन स्थल पर आयोजित जनसभा में जेएनयूएसयू अध्यक्ष धनंजय ने कहा कि आज पूरे देश में छात्र और युवा एनटीए द्वारा किए गए घोटालों के खिलाफ उठ खड़े हुए हैं, जबकि शिक्षा मंत्रालय चुप है.
- ये भी पढ़ें: नीट यूजी रिजल्ट-2024 की होनी चाहिए निष्पक्ष जांच, सरकार की इच्छा शक्ति में कमी-युवा हल्ला बोल
आइसा दिल्ली राज्य सचिव नेहा ने कहा कि पिछले सात सालों में एनटीए द्वारा 70 से ज़्यादा घोटाले, विसंगतियां और पेपर लीक किए गए हैं. शिक्षा मंत्रालय ने देश में लगभग हर एक परीक्षा आयोजित करने की खुली छूट दे दी है. यह युवाओं के लिए एक आपदा बन गई है. जेएनयूएसयू अध्यक्ष धनंजय, आइसा डीयू सचिव अंजलि और अन्य छात्रों के एक प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा मंत्रालय को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें नीट 2024 की दोबारा परीक्षा कराने, एनटीए को खत्म करना और नेट के ज़रिए पीएचडी में प्रवेश की नीति को खत्म करना शामिल है.