कानपुर: शहर के सिविल लाइंस थाना क्षेत्र स्थित जिस 1000 करोड रुपये की जमीन को लेकर कुछ दिनों पहले विवाद हुआ था. कोतवाली पुलिस ने इस मामले में कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित को जेल भेजा था. अब उस 28000 से अधिक वर्ग मीटर वाली जमीन को सरकार की ओर से सरकारी जमीन घोषित कर दिया गया है. साथ ही इस नजूल की जमीन भी माना गया है, और इस संबंध में कानपुर डीएम राकेश सिंह की ओर से आदेश कर दिए गए. साथ ही सरकार की ओर से जमीन के मेनगेट पर ही एक संकेतांक भी लगा दिया गया है. जिसमें लिखा गया है कि, सिविल लाइंस में 15/62 संख्या वाली जमीन को सरकारी जमीन घोषित किया गया है.
ड्रोन से कराया गया सर्वे : जिला प्रशासन और कमिश्नरेट पुलिस के अफसर की ओर से सिविल लाइन स्थित 1000 करोड़ रुपये जमीन के मामले में ड्रोन से सर्वे भी करा लिया गया है. जो भी अवैध कब्जे चिन्हित हुए उन्हें, अब जल्द ही वहां से हटाया जाएगा. इस संबंध में पुलिस प्रशासनिक अफसरों ने सारी तैयारियां भी कर ली हैं. जिला प्रशासन के अफसरों का कहना था, कि इस जमीन को कई साल पहले ही नजूल की जमीन घोषित किया गया था. साथ ही अमेरिका की एक संस्था को इसे लीज पर दिया गया था. कुछ माह पहले ही लीज की अवधि भी खत्म हो गई थी. इसलिए, अब यह जमीन दोबारा नजूल की जमीन में ही दर्ज हो गयी.
9 अगस्त को होगी अवनीश दीक्षित मामले में सुनवाई: सिविल लाइंस स्थित 1000 करोड़ वाली जमीन के मामले में जेल बंद आरोपी कानपुर प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष अवनीश दीक्षित के मामले में 9 अगस्त को सुनवाई होगी. पुलिस की ओर से अवनीश दीक्षित को रिमांड पर लेने की भी तैयारी है. वहीं अवनीश दीक्षित के साथ ही जो भी अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. उनमें से अधिकतर आरोपी फरार हैं. ऐसे में पुलिस लगातार उन्हें तलाश ने के लिए दबिशें दे रही है. कमिश्नरेट पुलिस के आला अफसरों का कहना है, कि अवनीश दीक्षित के गिरोह में अब तक 30 से अधिक लोगों के नाम सामने आए हैं. सभी का गैंग चार्ट भी तैयार किया जा रहा है. भविष्य में अवनीश दीक्षित के खिलाफ गैंगस्टर की कार्रवाई भी की जा सकती है.