रायपुर: राजनांदगांव, मोहला मानपुर से आये नक्सल पीड़ित परिवारों ने सीएम साय से मुलाकात की है. इस दौरान उन्होंने पुनर्वास योजना का लाभ देने की गुहार लगाई है. उन्होंने शिकायत की है कि कुछ नक्सल पीड़ित परिवारों को पुनर्वास योजना का लाभ मिल रहा है. लेकिन आज भी कई ऐसे नक्सल पीड़ित परिवार हैं, जिन्हें आज तक पुनर्वास योजना का लाभ नहीं मिला है.
कई लोगों को नहीं मिला पुनर्वास योजना का लाभ: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मिलने पहुंचे लोगों की शिकायत है कि कुछ नक्सल पीड़ित परिवारों को सरकार द्वारा नगद राशि और शासकीय नौकरी दी गई है. लेकिन पुनर्वास योजना का लाभ आज भी कई नक्सल पीड़ित परिवारों को नहीं मिला है. राजनांदगांव मोहला मानपुर की बात की जाए तो यहां भी 120 ऐसे परिवार हैं, जो आज भी नक्सली समस्या का दंश झेल रहे हैं. लेकिन ना तो उनकी सरकार ने सुध ली है और ना ही इन्हें किसी योजना का लाभ मिला. यही वजह है कि आज नक्सल पीड़ित पुनर्वास योजना का लाभ देने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से मिलने रायपुर पहुंचे हैं.
नक्सल प्रभावित परिवार है पुनर्वास नीति के हितग्राही: राजनांदगांव, मोहला मानपुर से आये नक्सल पीड़ित परिवार के सदस्य धीरेंद्र साहू का कहना है कि, नक्सल पीड़ित परिवारों के लिए केंद्र ओर राज्य सरकार के द्वारा पुनर्वास नीति बनाई गई है. जिसमें पीड़ित परिवार को शासकीय नौकरी, मकान, बस पास, आर्थिक सहायता जैसी सुविधाएं देने का प्रावधान है. लेकिन इसका लाभ हमें नहीं मिल रहा है. इसके लिए लगातार शासन-प्रशासन को हमने आवेदन दिया, आंदोलन किया है. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है."
"कर्मा परिवार को मिला लाभ, लेकिन दूसरों को नहीं": इन नक्सल पीड़ित परिवारों ने इससे पहले भी रायपुर में आंदोलन किया था और ज्ञापन सौंपा था. उसमें मांग की गई थी कि जिस तरह से झीरम हमले में प्रभावित परिवारों को केंद्र और राज्य सरकार की ओर से राशि और नौकरी दी गई है. उसी तर्ज पर हम नक्सल पीड़ितों परिवारों को भी केंद्र और राज्य की ओर से राशि और नौकरी मिलनी चाहिए. धीरेंद्र साहू का कहना है कि "झीरम नक्सली हमले में महेंद्र कर्मा के परिवार को राशि और शासकीय नौकरी दी गई है. लेकिन अन्य नक्सली पीड़ित परिवारों को अब तक यह लाभ नहीं मिल सका है."
प्रभावित परिवारजनों ने आंदोलन की चेतावनी: धीरेंद्र साहू का कहना है कि,"झीरम नक्सली हमले में महेंद्र कर्मा के परिवार को राशि और शासकीय नौकरी दी गई है. लेकिन अन्य नक्सली पीड़ित परिवारों को अब तक यह लाभ नहीं मिल सका है. राजनंदगांव और मोहला मानपुर से लगभग 120 परिवार ऐसे हैं, जो आज भी पुनर्वास नीति का लाभ लेने के लिए भटक रहे हैं. 2021 में बनाई गई समिति ने मकान देने की अनुशंसा की, लेकिन अब कहा जा रहा है कि ऐसा कोई प्रावधान नहीं है." सीएम से मिलने पहुंचे लोगों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी मांगों को नहीं सुना, तो आने वाले समय में वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे. सीएम से मिलने पहुचने वालों में एक महिला भी शामिल थी जिसके पिता और पति की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी. इस महिला को भी अब तक राज्य और केंद्र सरकार की योजना का लाभ नहीं मिला है. इस मांग को लेकर यह भी आज सीएम से मिलने रायपुर पहुंची.
नक्सल पीड़ित परिवारों की मांगें इस प्रकार है
- मकान के लिए मिले मदद: जिला कलेक्टर कार्यालय में दिनांक 25/01/2021 को जिला स्तरीय पुनर्वास समिति का मीटिंग रखी गई थी. मीटिंग में नक्सल पीड़ित परिवारों को 900 वर्गफुट जमीन प्रति परिवार को आबंटन करने का निर्णय लिया गया. लेकिन आज तक जमीन आवंटन नहीं हुई है. मकान हेतु जमीन और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राशि मुहैया कराई जाए
- आर्थिक सहायता राशि: जिस परिवार को केंद्र शासन की आर्थिक सहायता राशि दी गई है. उस परिवार को राज्य शासन की ओर से आर्थिक सहायता राशि नहीं दी गई है. झीरम घाटी नक्सली घटना में मारे गए उनके परिवारों को केंद्र और राज्य शासन की ओर से आर्थिक सहायता राशि दी जाए. उसी तरह हम परिवारों को केंद्र और राज्य शासन की तरफ से आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जाए.
- शासकीय नौकरी: कुछ पीड़ित परिवारों को कलेक्टर दर पर नौकरी दी गई है. कुछ पीड़ित परिवारों को शासकीय नौकरी मिली है. सभी पीड़ित परिवारों को शासकीय नौकरी और कलेक्टर दर पर नौकरी से शासकीय नौकरी का प्रबंध किया जाए. झीरम घाटी नक्सली घटना में मारे गये उनके परिवारों को शासकीय नौकरी दी गई है, उसी तरह हमारे परिवारों को शासकीय नौकरी दी जाए.
- शिक्षा व छात्रवृति: पीड़ित परिवार के दो बच्चों को निशुल्क शिक्षा व छात्रवृति देने का प्रावधान है. हमारे परिवार के बच्चों को केंद्रीय विद्यालय में प्रवेश दिलाया जाए और सरकार द्वारा सभी बच्चों को छात्रवृति दी जाए.
- शहीद प्रमाण पत्र: छत्तीसगढ़ शासन द्वारा दिनांक 18/05/2023 को राज्य में नक्सली हिंसा में शहीद हुए सभी भाई-बहनों की स्मृति में 25 मई को प्रतिवर्ष झीरम श्रदांजलि दिवस मानाने का निर्णय लिया गया है. शहीद के परिवारों को शहीद प्रमाण पत्र दिया जाए.