चमोलीः पर्वतीय इलाकों में पड़ रही भारी ठंड के कारण प्रकृतिक झरने जमने लगे हैं. चमोली के नीती घाटी स्थित मिनी अमरनाथ टिम्मरसैंण महादेव मंदिर के ऊपर टपकने वाला पानी बर्फ का रूप ले चुका है. बर्फ की आकृति ले चुका पानी बहुत खूबसूरत नजर आ रहा है. लोगों में इस खूबसूरत नजारे को देखने के लिए भी उत्सुकता नजर आ रही है.
कड़ाके की ठंड पड़ने से टिम्मरसैंण महादेव मंदिर में पानी जमना शुरू हो गया है. कहा जाता है कि टिम्मरसैंण महादेव मंदिर में हर साल भगवान शिव बर्फ के शिवलिंग के रूप में प्रकट होते हैं. भगवान शिव के दर्शन के लिए हर साल हजारों की संख्या में भक्त यहां पहुंचते हैं. टिम्मरसैंण को बाबा बर्फानी के नाम से भी जाना जाता है. हालांकि, दोपहर के समय ठंड से कुछ राहत रहती है, इसलिए श्रद्धालु मंदिर में भगवान शिव के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. दिन के बाद यहां ठंडी हवाएं चलनी लगती हैं.
चमोली जिले के भारत-तिब्बत सीमा क्षेत्र के नीती गांव के समीप स्थित टिम्मरसैंण महादेव गुफा मंदिर में हर साल शीतकाल में बर्फ का 10 फीट ऊंचा शिवलिंग प्रकट होता है. नीती गांव के समीप स्थित टिम्मरसैंण महादेव को लोग प्रकृति का चमत्कार बताते हैं.
गौरतलब है कि उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में ऐसी कई रहस्यमयी झील भी हैं. जो कड़ाके की ठंड के बीच जमना शुरू हो जाती हैं. विश्व प्रसिद्ध रूपकुंड झील भी कड़ाके की ठंड के बीच शीशे की तरह कठोर हो जाती है.
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