शिमला: हिमाचल प्रदेश में बड़े स्तर पर लोग अब खेती बाड़ी और बागवानी से किनारा कर रहे हैं और रोजगार की तलाश में शहरों का रुख कर रहे हैं. ऐसे में लोगों को फिर से खेती बाड़ी से जोड़ा जाए, इस ओर प्रदेश की सुक्खू सरकार कदम बढ़ा रही है. सुक्खू सरकार ग्रामीणों की आर्थिकी मजबूत करने के लिए ऐसी योजना लेकर आई है, जिससे प्राकृतिक खेती से जुड़े किसानों की अब जेब भरेगी.
प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की खरीदेगी सरकार
सरकार की इस योजना के तहत प्रदेश में प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की की फसल को पहली बार किसानों से 30 रुपए प्रति किलो के हिसाब से खरीदा जाएगा. जिसके लिए प्रदेशभर में प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की को खरीदने की प्रक्रिया कल यानी 25 अक्तूबर से शुरू होगी. इसके लिए खाद्य आपूर्ति विभाग ने तैयारियां कर ली हैं. मक्की की फसल की खरीद 25 विक्रय केंद्रों के जरिए की जाएगी. जिसके तहत पहले चरण में सरकार ने किसानों से 508 मीट्रिक टन मक्की खरीदने का लक्ष्य रखा है.
पैकिंग में बेचा जाएगा मक्की का आटा
हिमाचल प्रदेश में किसानों की आर्थिकी मजबूत करने के लिए सरकार पहली बार प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की की फसल खरीदेगी. जिसके बाद मक्की की पिसाई कर लोगों को बाजार में पैकिंग में मक्की का आटा उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि भविष्य में मक्की की खपत बढ़ने से किसानों से ज्यादा मात्रा में फसल खरीदी जा सके. इससे किसानों की आर्थिक मजबूत होगी. इसके लिए प्रदेश भर में प्राकृतिक खेती करने वाले 3,218 प्रमाणित किसान चयनित किए गए हैं. प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत किसानों से पहली बार सरकार मक्की खरीदेगी. इसके बाद इसका आटा तैयार कर एक और पांच किलो की पैकिंग में लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा. हालांकि अभी मक्की के आटे का रेट तय नहीं किया गया है. कृषि विभाग का प्राकृतिक खेती विंग खाद्य आपूर्ति विभाग इन्हीं के स्टोरों में किसानों से इसकी खरीद करेगा. विभाग की ओर से डिपुओं के जरिए भी मक्की का आटा बेचने की योजना है, लेकिन अभी इसके लिए सब्सिडी निर्धारित नहीं हुई है.
अभी तक 20 रुपए किलो बिकती है मक्की
हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती से तैयार की जाने वाली मक्की अब पहली 30 रुपए किलो के हिसाब से सरकार द्वारा खरीदी जाएगी. यानी प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना के तहत अब किसानों की फसल 3 हजार प्रति क्विंटल बिकेगी. अभी किसानों को रासायनिक खेती के जरिए तैयार मक्की का भाव 20 से 22 रुपए प्रति किलो मिल रहा है, लेकिन प्राकृतिक खेती से तैयार मक्की की फसल को सरकार 30 रुपए किलो के हिसाब से खरीदेगी. देश में मक्की पर दिया जाने वाला यह सबसे अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य है. प्रति किसान से अधिकतम 20 क्विंटल मक्की खरीदी जाएगी.
27,768 मीट्रिक टन मक्की तैयार
बता दें कि इस साल प्राकृतिक खेती से लाहौल-स्पीति और किन्नौर के अलावा अन्य 10 जिलों में 13.304 हेक्टेयर भूमि पर 27,768 मीट्रिक टन मक्की तैयार की गई है. इसमें से 508 मीट्रिक टन अतिरिक्त मक्की सरकार किसानों से खरीदेगी. इस सीजन में 92,516 किसानों ने प्राकृतिक खेती से मक्की की फसल तैयार की है. जिसमें खरीद के लिए विभाग ने 3,218 किसान चयनित किए हैं. उप निदेशक, प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना डॉ. मोहिंद्र सिंह भवानी का कहना है, "25 अक्टूबर से प्रदेशभर में पंजीकृत किसानों से मक्की को खरीदने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी."