नई दिल्ली: दिल्ली के अलीपुर इलाके में 7 अक्टूबर को एक दुखद घटना ने सभी को हिलाकर रख दिया जब 5 साल का एक बच्चा नाले में गिरकर जान गंवा बैठा. इस मामले को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने स्वत: संज्ञान लिया है, जो प्रदूषण और सार्वजनिक सुरक्षा के प्रति बढ़ती लापरवाही पर गंभीर सवाल उठाता है.
जिंदपुर गांव में ठेकेदार द्वारा नाले का निर्माण कार्य जारी था, लेकिन वहां सुरक्षा संकेतों की कमी थी. जानकारी के अनुसार, ठेकेदार ने बिना कोई चेतावनी दिए नल को तोड़ दिया था, जिसके परिणामस्वरूप बच्चा नाले में गिर गया. जब तक स्थानीय लोग इसकी जानकारी पाते, तब तक बहुत देर हो चुकी थी और बच्चे की जान नहीं बचाई जा सकी.
NHRC की कार्रवाई: इस दिल दहलाने वाली घटना के बाद NHRC ने मुख्य सचिव, एनसीटी दिल्ली सरकार, पुलिस आयुक्त, दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए), और नगर निगम जैसे संबंधित विभागों को नोटिस जारी कर उत्तर मांगने की प्रक्रिया शुरू की है. NHRC ने इस मामले को लेकर चिंता जताई है, यह कहते हुए कि इस तरह की घटनाएं सार्वजनिक अधिकारियों की लापरवाही को दर्शाती हैं और इसके लिए सख्त जवाबदेही तय की जानी चाहिए.
NHRC के प्रवक्ता के अनुसार, "यह बेहद चिंताजनक है कि सार्वजनिक अधिकारियों द्वारा ऐसी लापरवाहियों के परिणामस्वरूप नागरिकों की जिंदगी खतरे में पड़ रही है, फिर भी संबंधित विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा."
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बढ़ती लापरवाहियां: यह पहली घटना नहीं है जब दिल्ली में ऐसी लापरवाहियों के चलते अनहोनी हुई है. हाल में बुराड़ी क्षेत्र में भी एक व्यक्ति खुले जोहर में गिरकर अपनी जान गंवा चुका है. इस तरह की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि शहर में कई स्थानों पर निर्माण कार्य बिना उचित सुरक्षा एवं चेतावनी के किया जा रहा है, जो स्थानीय निवासियों के लिए खतरनाक साबित हो रहा है.
अलीपुर में हुई इस हृदयविदारक घटना के बाद NHRC की कार्रवाई से यह उम्मीद जगती है कि सार्वजनिक सुरक्षा को लेकर गंभीरता से विचार किया जाएगा. लेकिन सवाल यह उठता है कि जब ऐसी घटनाएं लगातार हो रही हैं, तो जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई कब होगी?
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