जयपुर: भाजपा में इन दिनों संगठन पर्व चल रहा है. मंडल से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक पार्टी के संविधान के अनुसार चुनाव प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. दिल्ली में होने वाली बैठक के बाद प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव संभवतः 20 दिसंबर तक हो जाएगा. इस बार भाजपा के संगठन चुनाव में नारी शक्ति वंदन अधिनियम की छाप दिखेगी.
मंडल से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक होने वाले संगठन के चुनाव में महिलाओं को 33 फीसदी भागीदारी मिलेगी. आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश भाजपा ने पार्टी के संगठन में आधी आबादी की भागीदारी बढ़ाने का फैसला किया है. पार्टी ने तय किया है कि राज्य से लेकर बूथ स्तर तक के संगठन में महिलाओं को तरजीह दिया जाएगा. संगठन के राज्य से लेकर बूथ स्तर तक की टीम में 33 फीसदी महिलाओं को पद दिए जाएंगे.
संगठन में बढ़ेगी महिलाओं की भागीदारी : सांगठन के चुनाव को लेकर प्रदेश भाजपा की ओर से कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा. भाजपा के प्रदेश संगठन चुनाव अधिकारी नारायण पंचारिया ने बताया कि संगठन चुनाव के आगामी कार्यक्रमों के साथ ही सदस्यता अभियान जारी है. सक्रिय सदस्यों की पहली सूची जारी की जा चुकी है. जिसके अनुसार 30 हजार से ज्यादा सक्रिय सदस्य बन गए है.
अब दूसरी अंतिम सूची 25 नवंबर को जारी होगी. इसके बाद मंडल अध्यक्ष से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक के चुनाव होंगे. इस बार पार्टी ने तय किया है, मंडल में 11 सदस्यीय बूथ समिति में भी कम से कम तीन महिलाओं को शामिल किया जा रहा है. इसी तरह से जिला और प्रदेश स्तर तक 33 फीसदी महिलाओं को जोड़ा जाएगा. पंचारिया ने कहा कि भाजपा ऐसी पार्टी है जो पहले से संगठन में महिलाओं को प्राथमिकता के आगे रखती आ रही है.
नारी शक्ति वंदन अधिनियम की छाप : मौजूदा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ पिछले 4 महीने से बतौर मनोनीत अध्यक्ष के साथ कामकाज संभाल रहे हैं. पार्टी सूत्रों की मानें तो मदन राठौड़ को ही पार्टी निर्वाचित रूप से अध्यक्ष चुन कर कार्यकाल को आगे बढ़ाएगी. जबकि पार्टी के संगठन चुनाव में मंडल और जिलों में भी नई टीम बना सकती है. इस टीम में नारी शक्ति वंदन अधिनियम की छाप दिखाई दे सकती है, क्योंकि नारी शक्ति वंदन अधिनियम लागू होने के बाद पहली बार हो रहे भाजपा संगठन के चुनाव हो रहे हैं.
आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव को देखते हुए प्रदेश भाजपा ने पार्टी के संगठन में आधी आबादी की भागीदारी बढ़ाने का फैसला किया है. पार्टी ने तय किया है कि राज्य से लेकर बूथ स्तर तक के संगठन में महिलाओं को तरजीह दिया जाएगा. देश मे संदेश देने के लिए महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए उनको न्यूनतम 33 फीसदी पद देने का निर्णय किया गया है.