मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : केंद्र सरकार ने जल जीवन मिशन के तहत हर घर में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए करीब 465 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. योजना के तहत घर-घर तक सरकार नल लगवा रही है. लेकिन पीएचई विभाग के अधिकारी इस महत्वाकांक्षी योजना को पलीता लगा रहे हैं.भीषण गर्मी में दौरान ग्रामीणों को जल जीवन मिशन योजना का लाभ तो दूर पानी का एक बूंद भी नसीब नहीं हो रहा है.
पानी टंकी का निर्माण अधूरा : भरतपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत खाड़खोह के नलों में पानी आज तक नहीं पहुंचा है. कई ग्राम पंचायतों में पिछले दो साल से पानी की टंकी का निर्माण अधूरा है.इसी वजह से केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण नल जल योजना कागजों में ही सिमट कर रह गई है. ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार सिर्फ अफसरों से मिलीभगत करके अपना बिल पास कराते हैं,लेकिन जिस काम के लिए पैसे ले रहे हैं उसे पूरा नहीं करते.
''छह सात महीने से ठेकेदार का आता पता ही नहीं है. हमारे गांव में पानी की किल्लत है. नदी नाला से जाकर पानी लाया जाता है. टंकी का बस स्ट्रक्चर खड़ा कर दिया गया है.'' खिलाड़ी साहू, ग्रामीण
पाइप बिछी लेकिन पानी नहीं : भरतपुर विकासखंड के कई घरों में पाइपलाइन तो बिछा दिया गया है.लेकिन नलों में पानी लाने वाली टंकी लापता है.टंकी का निर्माण इतनी धीमी गति से हो रहा है कि जैसे नई नवेली दुल्हन पानी लाने के लिए जाती है.योजना के नाम पर ठेकेदार और अधिकारी तो कागजों में काम कर रहे हैं लेकिन जमीनी हकीकत काफी दूर है. ग्रामीण बताते हैं कि स्ट्रक्चर तैयार कर दिया गया है.लेकिन पानी नसीब नहीं हुआ.आज भी पुराने हैंडपंप से पानी निकालते हैं. यदि हैंडपंप से पानी नहीं निकलता तो फिर नाला का ही सहारा है.
''3 वर्ष से टंकी का काम चालू है.आज तक काम पूरा नहीं हुआ.सबके घर में नल की फिटिंग हो गई है. लेकिन ठेकेदार काम को पूरा कराने नहीं आता.आज और कल पर टालता है.'' शीतल यादव, उप सरपंच
पीएचई अफसर ने दिया रटा रटाया जवाब : वहीं गांव के सरपंच सोमनाथ का कहना है कि साल भर काम करके अधूरा छोड़ दिया गया है. सारे काम को पूरा नहीं किया गया है. ठेकेदार साल भर से लापता है. वहीं पीएचई अधिकारी से जब इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने रटा रटाया जवाब देकर पल्ला झाड़ लिया.
''हम लगातार जल मिशन योजना के तहत हो रहे काम पर निगरानी रखे हैं.थोड़े कामों में परेशानियां आ रहीं हैं.जिसके लिए ठेकेदार से मिलकर काम को पूरा करवाया जा रहा है.'' चंदबदन सिंह, पीएचई विभाग
आपको बता दें कि ये कोई पहला मामला नहीं है जब नल जल योजना के तहत किए जा रहे कामों में लेट लतीफी बरती गई है.इसके पहले भी कई गांवों से इसी तरह की तस्वीरें आ चुकी हैं.हर साल गर्मी से पहले काम पूरा होने का दावा किया जाता है.लेकिन गर्मी बीत जाती है और काम वहीं का वहीं रहता है.