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उत्तराखंड में एनआईओएस से ब्रिज कोर्स कर चुके अभ्यर्थियों के मामले में सुनवाई, HC ने फिर से मांगा जवाब - NIOS Bridge Course Candidates

NIOS Bridge Course Holders Candidates, Primary Teacher Recruitment Uttarakhand नैनीताल हाईकोर्ट ने एक बार फिर से प्राथमिक शिक्षक भर्ती में राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी संस्थान से 6 महीने का ब्रिज कोर्स कर चुके अभ्यर्थियों को शामिल करने की याचिका पर सुनवाई की. मामले में एक बार फिर से कोर्ट ने राज्य सरकार को 3 हफ्ते की मोहलत दी है.

Nainital High Court
नैनीताल हाईकोर्ट (फोटो- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 20, 2024, 3:20 PM IST

नैनीताल: एनआईओएस यानी राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान (NIOS) से छह माह का ब्रिज कोर्स कर चुके अभ्यर्थियों को प्राथमिक शिक्षक भर्ती में रेगुलर डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन (D.El.Ed) के समकक्ष मानने को लेकर दायर याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में फिर से सुनवाई हुई. मामले में वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ ने राज्य सरकार को फिर से जवाब पेश करने के लिए 3 हफ्ते का समय दिया है. इससे पहले भी कोर्ट ने 4 हफ्ते का समय दिया था. अब इस मामले में सुनवाई 6 नवंबर को होगी.

एनसीटीई से ब्रिज कोर्स कर चुके अभ्यर्थियों ने दायर की है याचिका: दरअसल, अल्मोड़ा के रहने वाले गोपाल सिंह समेत 115 ब्रिज कोर्स प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है. उनका कहना है कि वे सभी बीएड यानी बैचलर ऑफ एजुकेशन (B.Ed) डिग्री धारक हैं. इसके साथ ही उन्होंने एनसीटीई यानी राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) से मान्यता प्राप्त ब्रिज कोर्स किया है. वो प्राथमिक शिक्षक बनने की पूरी योग्यता रखते हैं, लेकिन विभागीय शासनादेश और प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति की विज्ञप्ति में सरकार उन्हें डीएलएड प्रशिक्षण के समकक्ष नहीं मान रही है. इस वजह से सभी प्रशिक्षित अभ्यर्थी बेसिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो रहे हैं.

डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों के समकक्ष मानने की मांग: याचिकाकर्ताओं का कहना है कि साल 2016 में चयनित बीएड (B.Ed) और टीईटी (TET) पास शिक्षकों को विशेष सेवारत प्रशिक्षण एनआईओएस से एनसीटीई मान्यता प्राप्त समान नियमों के अंतर्गत दिया गया. इसलिए उन्हें भी विभागीय डीएलएड (D.El.Ed) प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों के समकक्ष माना जाए. बीती 9 अगस्त से इसकी काउंसलिंग भी शुरू हो चुकी है, इसलिए इस काउंसिलिंग में उन्हें शामिल किया जाए. ब्रिज कोर्स के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह का कहना है कि उन्होंने यह कोर्स एनसीटीई (NCTE) के नियमों के तहत किया है, लेकिन उन्हें सरकार और शिक्षा विभाग नई भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं होने दे रहे हैं.

प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल करने की मांग: इस समय उत्तराखंड में करीब 2,900 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है. ऐसे में उन्हें भी इस भर्ती प्रक्रिया में प्रतिभाग करने का अवसर दिया जाए. उन्होंने ये कोर्स साल 2017 से 2019 के बीच किया था. सरकार का ये भी कहना है कि गतिमान भर्ती प्रक्रिया के लिए कोई प्रशिक्षित अभ्यर्थी नहीं मिल रहे हैं. जबकि, उनके पास सभी योग्यताएं हैं, लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें शामिल नहीं किया जा रहा है.

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एनसीटीई से ब्रिज कोर्स कर चुके अभ्यर्थियों ने दायर की है याचिका: दरअसल, अल्मोड़ा के रहने वाले गोपाल सिंह समेत 115 ब्रिज कोर्स प्रशिक्षित अभ्यर्थियों ने नैनीताल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है. उनका कहना है कि वे सभी बीएड यानी बैचलर ऑफ एजुकेशन (B.Ed) डिग्री धारक हैं. इसके साथ ही उन्होंने एनसीटीई यानी राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) से मान्यता प्राप्त ब्रिज कोर्स किया है. वो प्राथमिक शिक्षक बनने की पूरी योग्यता रखते हैं, लेकिन विभागीय शासनादेश और प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति की विज्ञप्ति में सरकार उन्हें डीएलएड प्रशिक्षण के समकक्ष नहीं मान रही है. इस वजह से सभी प्रशिक्षित अभ्यर्थी बेसिक शिक्षक भर्ती प्रक्रिया से बाहर हो रहे हैं.

डीएलएड प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों के समकक्ष मानने की मांग: याचिकाकर्ताओं का कहना है कि साल 2016 में चयनित बीएड (B.Ed) और टीईटी (TET) पास शिक्षकों को विशेष सेवारत प्रशिक्षण एनआईओएस से एनसीटीई मान्यता प्राप्त समान नियमों के अंतर्गत दिया गया. इसलिए उन्हें भी विभागीय डीएलएड (D.El.Ed) प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों के समकक्ष माना जाए. बीती 9 अगस्त से इसकी काउंसलिंग भी शुरू हो चुकी है, इसलिए इस काउंसिलिंग में उन्हें शामिल किया जाए. ब्रिज कोर्स के प्रांतीय अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह का कहना है कि उन्होंने यह कोर्स एनसीटीई (NCTE) के नियमों के तहत किया है, लेकिन उन्हें सरकार और शिक्षा विभाग नई भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं होने दे रहे हैं.

प्राथमिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल करने की मांग: इस समय उत्तराखंड में करीब 2,900 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है. ऐसे में उन्हें भी इस भर्ती प्रक्रिया में प्रतिभाग करने का अवसर दिया जाए. उन्होंने ये कोर्स साल 2017 से 2019 के बीच किया था. सरकार का ये भी कहना है कि गतिमान भर्ती प्रक्रिया के लिए कोई प्रशिक्षित अभ्यर्थी नहीं मिल रहे हैं. जबकि, उनके पास सभी योग्यताएं हैं, लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें शामिल नहीं किया जा रहा है.

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