नैनीतालः उत्तराखंड हाईकोर्ट में राज्य सरकार के द्वारा उधम सिंह नगर के निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष को प्रशासक तैनात किए जाने का मामला पहुंचा है. जिसकी सुनवाई सम्भवतः मंगलवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायाधीश पंकज पुरोहित की खंडपीठ में होगी.
मामले के अनुसार, उधम सिंह नगर जिले के निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य सुमन सिंह की ओर से इसको चुनौती दी गई है. याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने 30 नवंबर 2024 को एक अधिसूचना जारी करते हुए कहा गया है कि सरकार ने राज्य के जिला पंचायतों में प्रशासक तैनात करने का फैसला लिया है. और उसके बाद उधम सिंह नगर जिला पंचायत में भी निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष को प्रशासक नियुक्त किया गया है.
याचिका में आगे कहा गया, सरकार ने 2010 में उच्च न्यायालय में शपथपत्र देकर कहा था कि प्रदेश में बड़े स्तर पर प्रशासकों की तैनाती नहीं की जाएगी. तभी नियुक्ति की जाएगी जब आवश्यक हो. अब सरकार अपने ही वादे से मुकर रही है. जो कि उच्च न्यायालय में दिए गए बयान के खिलाफ है. इसलिए राज्य सरकार के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाए. क्योंकि राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय में दिए गए वचन प्रार्थना पत्र का स्वयं उल्लंघन किया है.
याचिका में बताया गया, प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया है कि पंचायती राज अधिनियम में यह तय नहीं किया गया है कि प्रशासक कौन होगा. जबकि इसी साल जून माह में राज्य सरकार के खिलाफ दायर कई जनहित याचिकाओं में सुनवाई करते हुए राज्य सरकार ने अपने बयान में कहा था कि नवंबर माह तक निकायों के चुनाव सपंन्न करा दिए जाएंगे. लेकिन राज्य सरकार ने न तो चुनाव कराए और न ही उनका कार्यकाल बढ़ाया.
ऊपर से प्रशासनिक कार्यों की देखरेख करने के लिए पहले सरकारी प्रशासक नियुक्त कर दिए और अब उनकी जगह निवर्तमान जिला पंचायतों के अध्यक्षों को इसकी जिमेदारी दी जा रही है. जो कि न्याय के विरुद्ध है, उच्च न्यायालय के आदेशों के विरुद्ध है, पंचायती राज नियमावली के विरुद्ध है. तय समय के भीतर चुनाव होने थे, लेकिन राज्य सरकार वोट बैंक की वजह से चुनाव कराने में देरी कर रही है.
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