प्रयागराज : संत-महात्माओं के बाद अब जूना अखाड़े से जुड़े नागा संन्यासियों ने भी महाकुंभ में गैर सनातनी के प्रवेश पर रोक लगाने का ऐलान किया है. महाकुंभ 2025 को लेकर साधुओं ने संगम की रेती पर जप और तप शुरू कर दिया है. दुनिया के इस सबसे बड़े मेले में सनातन को लेकर नागा संन्यासियों ने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. मेले में प्रवेश के लिए माथे पर तिलक और हाथों के कलावा का होना जरूरी बताया है.
ईटीवी भारत से बातचीत में नागा संन्यासियों ने कहा कि अगर किसी सनातनी को मेला क्षेत्र में प्रवेश करना है तो उसके माथे पर तिलक और हाथ में कलावा का होना अनिवार्य है. भारतीय संस्कृति और संगम नगरी की पवित्रता को बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है.
नागा संन्यासियों ने यह भी कहा कि हमारा अखाड़ा और इससे जुड़े संत पूरे मेला क्षेत्र में अपनी निगाह बनाकर रखेंगे. अगर कोई भी गैर सनातनी हमारी संस्कृति के साथ खिलवाड़ करता दिखा या मेले में प्रवेश किया तो उसको पकड़ कर सबक सिखाया जाएगा.
नागा संन्यासी स्वयं सक्षम हैं किसी भी चीज से निपटने के लिए. बता दें कि इसके पहले भी अखाड़ा परिषद के लोगों ने भी ऐलान किया था कि गैर सनातनी का मेले में प्रवेश वर्जित रहेगा. अब इन नागा संन्यासियों ने भी इसका समर्थन किया है.
अगले साल 13 जनवरी से महाकुंभ की शुरुआत हो रही है. सभी अखाड़ों से जुड़े साधु-संत लगभग पहुंच चुके हैं. एक बड़ी धर्म संसद भी 27 जनवरी को होने वाली है.
जूना अखाड़ा चित्रकूट के नागा संन्यासी शंकर भारती ने बताया कि गैर सनातनियों को लेकर अखाड़े ने कुछ रणनीतियां बनाईं हैं. इनका पालन करना जरूरी है. हिंदू में भी अगर कोई फर्जी साधु पाया गया तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई कराई जाएगी.
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