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आगरा में बन रहा राज्य विश्वविद्यालयों का पहला म्यूजियम, जानें क्या होगी खासियत - Museum in Agra KMI

आगरा में प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों का पहला म्यूजियम (Museum in Agra KMI) बनाने की तैयारियां तेज हैं. इसके लिए संस्कृति मंत्रालय से पांच करोड़ रुपये की ग्रांट मिलेगी. म्यूजियम पूरी तरह डिजिटलाइज्ड होगा. पांडुलिपियों को रखने के लिए शोकेस तैयार किया गया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 27, 2024, 5:23 PM IST

आगरा : आगरा में प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों का पहला म्यूजियम बनाया जा रहा है. डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशसान ने राज्यपाल के दिए निर्देश और सुझाव के अनुपालन में कन्हैयालाल माणिक लाल मुंशी हिंदी और भाषा विज्ञान विद्यापीठ (केएमआई) में म्यूजियम का प्रस्ताव बनाया था. जिसे संस्कृति मंत्रालय भेजा जा रहा है. जिससे संस्कृति मंत्रालय से म्यूजियम के लिए पांच करोड़ रुपये की ग्रांट मिलेगी. प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों के पहले म्यूजियम आम जनता के लिए भी खोला जाएगा. जिसमें दुर्लभ पांडुलिपियां, पुराने नक्शा, चित्रों के साथ ही सिक्कों को लोग देख सकेंगे. म्यूजियम का डिजिटलाइज्ड किया जाएगा.




बता दें, केएमआई में 500 वर्ष पुरानी दुर्लभ पांडुलिपियों हैं. जो कई भाषाओं में हैं. जिसमें उर्दू में लिखे सूरसागर, शेरशाह सूरी के समय के सिक्के, ताड़पत्र, भोजपत्र, मुगलकालीन 14 सिक्के, 1450 से अधिक पांडुलिपियां शामिल हैं. वर्ष 2022 में जब कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के दौरे पर आईं थीं. तब उन्होंने म्यूजियम बनाने को लेकर निर्देश दिए थे. जिसके चलते ही म्यूजियम को लेकर दुर्लभ पांडुलिपियों को संग्रहीत करके डिस्प्ले किया.



केएमआई संस्थान के निदेशक प्रो. प्रदीप श्रीधर बताते हैं कि म्यूजियम को लेकर विश्वविद्यालय स्तर से तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. अभी 10 शोकेस बनवाए गए हैं जो पांच फीट लंबे, ढाई फीट चौड़े हैं. जिनमें आसानी से पांडुलिपियां रखी जाएंगी. अगले एक सप्ताह में प्रस्ताव संस्कृति मंत्रालय को भेज दिया जाएगा. अनुमान है कि 15 दिन के अंदर स्कैनिंग और प्रिजर्वेशन के लिए आरएफएफ की टीम भी पहुंच जाएगी. ये टीम अपने साथ उपकरण लाएगी. जिससे ही डाटा स्कैन होगा. म्यूजियम में 15 शोकेस और बनाए जाएंगे.

आगरा : आगरा में प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों का पहला म्यूजियम बनाया जा रहा है. डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय प्रशसान ने राज्यपाल के दिए निर्देश और सुझाव के अनुपालन में कन्हैयालाल माणिक लाल मुंशी हिंदी और भाषा विज्ञान विद्यापीठ (केएमआई) में म्यूजियम का प्रस्ताव बनाया था. जिसे संस्कृति मंत्रालय भेजा जा रहा है. जिससे संस्कृति मंत्रालय से म्यूजियम के लिए पांच करोड़ रुपये की ग्रांट मिलेगी. प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों के पहले म्यूजियम आम जनता के लिए भी खोला जाएगा. जिसमें दुर्लभ पांडुलिपियां, पुराने नक्शा, चित्रों के साथ ही सिक्कों को लोग देख सकेंगे. म्यूजियम का डिजिटलाइज्ड किया जाएगा.




बता दें, केएमआई में 500 वर्ष पुरानी दुर्लभ पांडुलिपियों हैं. जो कई भाषाओं में हैं. जिसमें उर्दू में लिखे सूरसागर, शेरशाह सूरी के समय के सिक्के, ताड़पत्र, भोजपत्र, मुगलकालीन 14 सिक्के, 1450 से अधिक पांडुलिपियां शामिल हैं. वर्ष 2022 में जब कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय के दौरे पर आईं थीं. तब उन्होंने म्यूजियम बनाने को लेकर निर्देश दिए थे. जिसके चलते ही म्यूजियम को लेकर दुर्लभ पांडुलिपियों को संग्रहीत करके डिस्प्ले किया.



केएमआई संस्थान के निदेशक प्रो. प्रदीप श्रीधर बताते हैं कि म्यूजियम को लेकर विश्वविद्यालय स्तर से तैयारियां शुरू हो चुकी हैं. अभी 10 शोकेस बनवाए गए हैं जो पांच फीट लंबे, ढाई फीट चौड़े हैं. जिनमें आसानी से पांडुलिपियां रखी जाएंगी. अगले एक सप्ताह में प्रस्ताव संस्कृति मंत्रालय को भेज दिया जाएगा. अनुमान है कि 15 दिन के अंदर स्कैनिंग और प्रिजर्वेशन के लिए आरएफएफ की टीम भी पहुंच जाएगी. ये टीम अपने साथ उपकरण लाएगी. जिससे ही डाटा स्कैन होगा. म्यूजियम में 15 शोकेस और बनाए जाएंगे.

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