भोपाल: नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा दीन दयाल अन्त्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत काम करने वाले संविदा कर्मचारियों के पारिश्रमिक में बढ़ोत्तरी की गई है. इसका फायदा संविदा कर्मचारियों को एक अप्रैल से मिलेगा. जानकारी के अनुसार संविदा कर्मचारियों के वेतन में 3.87 प्रतिशत वृद्धि निर्धारित की गई है. संविदा कर्मचारियों को बढ़े हुए वेतन का लाभ देने के लिए नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के आयुक्त भरत यादव ने 2 सितंबर 2024 को आदेश जारी कर दिया है.
786 से 3352 रुपये तक की हुई वृद्धि
बता दें कि साल 2016 में नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा दीनदयाल अन्त्योदय योजना-राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत स्टेट मिशन मैनेजर के पद पर नियुक्ति की गई थी. बढ़े हुए वेतन के बाद इन्हें 3352 रुपये का हर माह फायदा होगा. इन कर्मचारियों को अब 86,625 की बजाय 89,977 रुपये मिलेंगे. वहीं सिटी मिशन मैनेजर को जिनकी भर्ती 2016 में हुई थी, उन्हें 65,300 की जगह 67,827 रुपये मिलेंगे. वहीं 2022 में नियुक्त हुए सिटी मिशन मैनेजर को 34,100 की जगह 35,420 रुपये मिलेंगे. जबकि सामुदायिक संगठक का वेतन 20,300 रुपये से 21,086 रुपये किया गया.
सीपीआई इंडेक्स के आधार पर हुई बढ़ोत्तरी
वित्त विभाग ने संविदा अधिकारियों और कर्मचारियों की वेतन वृद्धि के लिए सीपीआई इंडेक्स घोषित कर दिया है. अब इसी के आधार पर कर्मचारियों के वेतन में बढ़ोत्तरी की गई है. दरअसल कर्मचारियों के पारिश्रमिक में 3.87 फीसदी की वृद्धि की गई है. वित्त विभाग का यह निर्देश 1 अप्रैल 2024 से लागू होगा. एरियर को लेकर आदेश में कोई जिक्र नहीं किया गया है. हालांकि कर्मचारी नेताओं का कहना है कि केन्द्र सरकार ने सीपीआई का 5.39 फीसदी दिया है तो फिर राज्य सरकार ने 3.87 प्रतिशत क्यों दिया है.
10 हजार से अधिक कर्मचारियों के ग्रेड पे में कटौती
एमपी में वित्त विभाग ने संविदा अधिकारियों और कर्मचारियों की वेतन वृद्धि के लिए सीपीआई इंडेक्स घोषित किया है. इसके तहत संविदा कर्मचारियों के वेतन में 700 रुपये से लेकर 3000 रुपये तक की बढ़ोत्तरी होनी थी. लेकिन इस बीच वित्त विभाग ने संविदा के 10 हजार से अधिक कर्मचारियों के ग्रेड में कटौती कर दी. जिससे उन्हें फायदा की बजाय करीब 500 से लेकर 2500 रुपये तक का नुकसान हो रहा है. इसको लेकर संविदा कर्मचारियों में काफी नाराजगी है और 10 हजार से अधिक कर्मचारियों ने इस मामले में हाईकोर्ट में भी याचिका लगाई है.