शिमला: हिमाचल में सीपीएस पर कोर्ट का फैसले आने के बाद गुरुवार को भाजपा सांसद डॉ. राजीव भारद्वाज हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से राजभवन में मुलाकात करने पहुंचे. इस दौरान उनके साथ प्रदेश उपाध्यक्ष संजीव कटवाल, डॉ. राजीव सहजल, प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा, प्रवक्ता चेतन ब्राग़टा और कोषाध्यक्ष कमल सूद उपस्थित रहे.
सांसद राजीव भारद्वाज ने बताया यह उनकी शिष्टाचार भेंट थी. हाई कोर्ट द्वारा सीपीएस को निरस्त करने वाले निर्णय को सांसद ने ऐतिहासिक बताया. जब से वर्तमान की कांग्रेस सरकार ने प्रदेश में सीपीएस नियुक्त किए थे तब से बीजेपी के सभी नेता इस निर्णय का विरोध कर रहे थे.
इस नियुक्ति से केवल प्रदेश पर आर्थिक बोझ पड़ रहा था. हाई कोर्ट ने यह निर्णय लेकर जनता को और प्रदेश को राहत पहुंचाने का काम किया है. सांसद राजीव भारद्वाज ने कहा कि अभी तक जो भी पैसा सीपीएस की नियुक्तियों के बाद खर्च हुआ है. उस पैसे को सरकारी खजाने में वापस डालना चाहिए. यह खर्च किया गया पैसा सरकारी खजाने का दुरुपयोग है.
सांसद ने कहा हाईकोर्ट का यह फैसला ऐतिहासिक है और इसकी गूंज दूर तक जाएगी. उन्होंने कहा जब कांग्रेस सरकार ने सीपीएस बनाए थे तो विपक्ष ने उन्हें चेताया था. कांग्रेस के ना मानने पर हम कोर्ट गए और कोर्ट ने 2006 के इस एक्ट को निरस्त कर दिया.
बता दें कि हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने मुख्य संसदीय सचिवों की नियुक्तियों को निरस्त कर दिया है. कोर्ट का फैसला आने के बाद सभी सीपीएस को मिल रही सुविधाएं समाप्त हो गई हैं. अब सभी 6 मुख्य संसदीय सचिव सिर्फ बतौर विधायक ही पद पर बनें रहेंगे. ये मामला लंबे समय से कोर्ट में चल रहा था.
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